हरदोईः बॉलीवुड और मशहूर टीवी कलाकार सुरेंद्र पाल सिंह गुरुवार को हरदोई पहुंचे. उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान महाराष्ट्र की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र में इस समय महाभारत चल रही है. पुरानी महाभारत में धृतराष्ट्र पुत्र मोह में अंधे थे और इस महाभारत में भी धृतराष्ट्र पुत्र मोह में अंधे हैं. वहीं उन्होंने जेएनयू को विश्वविद्यालय नहीं बल्कि राजनीति का अखाड़ा करार दिया है. साथ ही बीएचयू में संस्कृत के विभागाध्यक्ष के पद पर तैनात फिरोज खान को लेकर मचे बवाल पर उन्होंने फिरोज खान का समर्थन किया है. उन्होने कहा कि अगर कोई ज्ञान रखता है तो लोगों को ज्ञान देने में क्या बुराई है.
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जेएनयू के लिए मेरे दिल में कोई जगह नहीं
वहीं जेएनयू को लेकर उन्होंने कहा कि जेएनयू में तो पहले भी बवाल चलता ही था. मुझे लगता है कि वहां पर लोग पढ़ाई पर कम ध्यान देते हैं और राजनीति में ज्यादा ध्यान देते हैं. जेएनयू पढ़ाई का एक विश्वविद्यालय नहीं रहा. यह अब एक राजनीति का अखाड़ा बन गया है और ऐसी संस्थाओं के लिए मेरे दिल में न तो कोई जगह और न ही कोई सम्मान है.
बीएचयू के प्रोफेसर का किया समर्थन
बीएचयू में संस्कृत के विभागाध्यक्ष के पद पर फिरोज खान को लेकर मचे बवाल पर उन्होंने कहा कि प्रोफेसर साहब का उनका पूरा परिवार संस्कृत का काफी ज्ञान रखता है और मुझे ऐसा लगता है कि यदि कोई भी हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई संस्कृत का ज्ञान रखता है. लोगों के लिए देने के लिए है कुछ तो इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन लोग उसको धर्म से जोड़ रहे हैं तो यह गलत है, जो भी इंसान ज्ञानी है उससे ज्ञान लेना कोई गलत काम नहीं है. उन्होंने बताया कि महाभारत का सीरियल जिसके राइटर राही मासूम रजा थे. वह भी एक मुस्लिम थे. इन्होंने इतनी खूबसूरत महाभारत लिखी थी. इसे पूरे हिंदुस्तान ने पसंद किया था. इसलिए यह मेरा कहना है कि टैलेंट कोई भी हो किसी रूप में हो, उस टैलेंट को हमें सराहना चाहिए उसको पसंद करना चाहिए.