हरदोई: जिले में एमएलसी चुनाव के लिए सिर्फ दो पर्चे ही दाखिल किए गए थे, जिसके लिए वोटिंग 9 अप्रैल को होनी है. लेकिन पर्चा वापस लेने के अंतिम दिन सपा से एमएलसी प्रत्याशी रजीउद्दीन ने पर्चा वापस ले लिया है. रजीउद्दीन के पर्चा वापस लेने से सभी राजनीतिक दांव पेंच बदल गए हैं. अब इस सीट से भाजपा प्रत्याशी की जीत तय हो गई है. बताया जा रहा है कि एमएलसी प्रत्याशी के पिता मिसबाहुद्दीन भाजपा नेता नरेश अग्रवाल के खास है. इसी कारण सियासी घमासान के कयास पहले से लोगों ने लगा लिए थे.अ ब सपा के प्रत्याशी द्वारा पर्चा वापस लेने पर भाजपा एमएलसी प्रत्याशी अशोक अग्रवाल निर्विरोध हो गए हैं. जिनको औपचारिक रूप से गुरुवार को जीत का सर्टिफिकेट सौंप दिया जाएगा.
नरेश अग्रवाल ने 2016 में मिसबाहुद्दीन को बनाया था एमएलसी
भाजपा नेता नरेश अग्रवाल ने अपने निजी निवास पर एक प्रेस वार्ता के दौरान अशोक अग्रवाल के एमएलसी बनने की खुशी अनौपचारिक रूप से जाहिर की और सभी ने एक दूसरे का मुंह भी मीठा किया. रजीउद्दीन के पिता मिसबाहुद्दीन को 2016 में नरेश अग्रवाल ने ही एमएलसी की जीत हासिल करवाई थी. तभी से नरेश अग्रवाल और मिसबाहुद्दीन के संबंध पक्के हैं. इस बार उनके पुत्र को टिकट मिलते ही ये अनुमान लगाया जाने लगा था कि रजीउद्दीन पर्चा भरेंगे ही नहीं. लेकिन पर्चा भरने के बाद लोगों ने ये अनुमान नहीं लगाया था कि सियासत ऐसे बदलेगी कि सपा प्रत्याशी अंतिम समय पर पर्चा ही वापस ले लेंगे.
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विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर
सपा प्रत्याशी के पर्चा वापस लेने के बाद अब एमएलसी की सीट अशोक अग्रवाल की झोली में आ गयी है. बीजेपी प्रत्याशी की जीत पर अनौपचारिक रूप से नरेश अग्रवाल के आवास पर खुद रजीउद्दीन ने मौजूद रहकर अशोक अग्रवाल का मुह मीठा किया. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा, सदर विधायक नितिन अग्रवाल व अन्य लोग भी मौजूद रहें. सपा के जिलाध्यक्ष ने भी अपने बयान में रजीउद्दीन व उनके पिता मिसबहुद्दीन को पार्टी से निष्काषित कराए जाने की बात कही है. तो रजीउद्दीन ने भी मीडिया से रूबरू होकर सपा पर आरोप प्रत्यारोप लगाए है. इस दौरान नरेश अग्रवाल ने मीडिया से रूबरू होकर तमाम अन्य राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा की और सवालों के जवाब भी दिए.
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