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हरदोई: लौट आई खोई हुई विधा, शाम-ए-गजल से दिवाने हुए लोग - शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जिला सांस्कृतिक समिति के द्वारा शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के तहत गजल गायकों ने गजल गाकर शमा बांध दिया. इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने गजलों का जमकर लुफ्त उठाया.

शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Oct 13, 2019, 12:06 PM IST

हरदोई: जनपद में सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने गजल का आनंद उठाया. गजल प्रेमियों की कम होती संख्या के चलते गजल के अस्तित्व पर छाए संकट को दूर करने और लोगों को गजल से परिचित कराने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन.

शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन

  • रसखान प्रेक्षागृह में जिला सांस्कृतिक समिति के द्वारा शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की तो वहीं गजल गायकों ने गजल गाकर शमा बांध दिया.
  • सभी ने गजल गायकों की गजल सुनकर जमकर लुफ्त उठाया.
  • एक दौर में गजल काफी पसंद की जाती थी और गजल हर व्यक्ति की पसंदीदा भी होती थी.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: निजी स्कूल के वार्षिकोत्सव में पहुंचे DM, बच्चों से नेक इंसान बनने की अपील की

  • बदलते दौर में लोग गजल की विधा को भूलते जा रहे हैं.
  • इससे गजल के अस्तित्व पर संकट आ गया है.
  • गजल की इस विधा को जीवित रखने के लिए शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन कराया.
  • इससे न सिर्फ गजल प्रेमियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि नए युवा भी गजल के बारे में जान और समझ सकेंगे.

जिला सांस्कृतिक समिति के इस आयोजन से गजल गायकी की प्रतिभा को बढ़ावा भी मिलेगा. साथ ही यह विधा भी जीवंत रहेगी और गजल प्रेमियों की संख्या में इजाफा भी होगा.
-डॉ. नसीम, सदस्य जिला सांस्कृतिक समिति

हरदोई: जनपद में सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने गजल का आनंद उठाया. गजल प्रेमियों की कम होती संख्या के चलते गजल के अस्तित्व पर छाए संकट को दूर करने और लोगों को गजल से परिचित कराने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन.

शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन

  • रसखान प्रेक्षागृह में जिला सांस्कृतिक समिति के द्वारा शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की तो वहीं गजल गायकों ने गजल गाकर शमा बांध दिया.
  • सभी ने गजल गायकों की गजल सुनकर जमकर लुफ्त उठाया.
  • एक दौर में गजल काफी पसंद की जाती थी और गजल हर व्यक्ति की पसंदीदा भी होती थी.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: निजी स्कूल के वार्षिकोत्सव में पहुंचे DM, बच्चों से नेक इंसान बनने की अपील की

  • बदलते दौर में लोग गजल की विधा को भूलते जा रहे हैं.
  • इससे गजल के अस्तित्व पर संकट आ गया है.
  • गजल की इस विधा को जीवित रखने के लिए शाम-ए-गजल कार्यक्रम का आयोजन कराया.
  • इससे न सिर्फ गजल प्रेमियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि नए युवा भी गजल के बारे में जान और समझ सकेंगे.

जिला सांस्कृतिक समिति के इस आयोजन से गजल गायकी की प्रतिभा को बढ़ावा भी मिलेगा. साथ ही यह विधा भी जीवंत रहेगी और गजल प्रेमियों की संख्या में इजाफा भी होगा.
-डॉ. नसीम, सदस्य जिला सांस्कृतिक समिति

Intro:एंकर--यूपी के हरदोई में जिला सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में शाम ए गजल कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने गजल का आनंद उठाया दरअसल धीरे-धीरे ग़ज़ल प्रेमियों की कम होती संख्या के चलते ग़ज़ल के अस्तित्व पर छाए संकट को दूर करने और लोगों को गजल से सिर परिचित कराने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया इससे न सिर्फ लोग ग़ज़ल के बारे में जान सकेंगे बल्कि ग़ज़ल का लुत्फ भी ले सकेंगे और इससे गजल से लोग रूबरू भी होंगे।Body:Vo--उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में रसखान प्रेक्षा ग्रह में जिला सांस्कृतिक समिति के द्वारा एक शाम ए ग़ज़ल कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की तो वही गजल गायकों ने गजल गाकर शमा बांध दिया गजल प्रेमियों ने ग़ज़ल का जमकर लुत्फ उठाया लोगों ने गजल गायकों की गजलों को सुना और उनका आनंद उठाया दरअसल ग़ज़ल गायकी कि दुनिया में एक दौर में गजल काफी पसंद की जाती थी और गजल हर व्यक्ति की पसंदीदा भी होती थी लेकिन बदलते दौर में अब लोग ग़ज़ल की विधा को ही भूलते जा रहे हैं ऐसे में ग़ज़ल के अस्तित्व पर संकट है ग़ज़ल की इस विधा को जीवंत रखने के लिए गजल प्रेमियों ने इस ग़ज़ल शाम ए गजल कार्यक्रम का आयोजन कराया जिससे न सिर्फ गजल प्रेमियों की संख्या बढ़ेगी बल्कि नए युवा भी गजल के बारे में जान और समझ सकेंगे और उसका आनंद उठा सकेंगे।
बाइट-- डॉ नसीम सदस्य जिला सांस्कृतिक समिति हरदोईConclusion:Voc--जिला सांस्कृतिक समिति के इस आयोजन से गजल गायकी की प्रतिभा को बढ़ावा भी मिलेगा साथ ही यह विधा भी जीवंत रहेगी और ग़ज़ल प्रेमियों की संख्या में इजाफा भी होगा।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
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