हरदोई: जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने आसपास के गांवों के बाशिंदों की नींद उड़ा दी है. तेज कटान के चलते गंगा की तलहटी में बसे इन गांवों के लोग भयभीत हैं. इनके मकान कटान की जद में हैं, लिहाजा ये लोग अपने हाथों से बनाए आशियाने को खुद तोड़कर जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में गांव से पलायन करने में जुटे हैं. यहां के रहने वाले तमाम लोग अपना आशियाना गिराने के बाद सामान और मलबे में निकली ईंट पत्थर, खिड़की, दरवाजे समेट कर सुरक्षित स्थान की तलाश में हैं. यहां के लोग बताते हैं कि उनकी मदद के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया और ना ही कोई नेता उनकी सुध लेने आया है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की तहसील सवायजपुर और बिलग्राम का क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. बिलग्राम क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में गंगा नदी के बहाव ने तेजी से रुख बदला है. नदी मुख्य धारा के पूर्व के स्थान से दो किलोमीटर दूर से बहने और कटान करने लगी है. गंगा नदी मक्कूपुरवा गांव से सट कर बह रही है और मकानों का कटान कर रही है. इधर कटान की जद में आए गांव के कई आशियानों पर खतरा मंडराने लगा है.
बाढ़ से परेशान ग्रामीणों ने गृहस्थी और जिंदगी बचाने के लिए अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है. मक्कूपुरवा समेत क्षेत्र के ग्राम चिरंजू पुरवा, रायसिंह पुरवा, रघुवीरपुरवा, गुलाब पुरवा और नेहाल पुरवा आदि गांव के पास भी गंगा नदी तेजी से कटान कर रही है. हालांकि इनमें से कुछ गांव ऐसे हैं, जिनकी आबादी अभी बहाव से दूर है, लेकिन अगर इसी तेजी से कटान होता रहा तो इन गांवों में भी स्थिति खराब हो जाएगी.
प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय गंगा में बहा
मक्कूपुरवा गांव गंगा के मुहाने पर बसा हुआ है. बीते 10 वर्ष से चार बार कट चुका है. इस गांव में बने परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय का भवन गत वर्ष गंगा में समाहित हो चुका है. लगभग आधा किलोमीटर तक गंगा अपना स्थान बदलकर आगे बढ़ चुकी है. कटान के बाद लोग पीछे हट कर घर बना लेते हैं. इस बार फिर इस गांव के लोगों पर पानी की आफत आ गई है.
इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने बताया कि जनपद में दो तहसील क्षेत्र बिलग्राम और सवाजपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं. इन इलाकों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही गंगा नदी के किनारे बसे गांव जो कटान की जद में हैं, वहां पर ग्रामीणों के खाने पीने के लिए राशन की व्यवस्था कराई जा रही है, जिन ग्रामीणों के मकान कटान की जद में आएंगे, उन ग्रामीणों को शासन से मुआवजा दिलाया जाएगा.