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सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों का रेडिएशन बेहद घातक, स्वास्थ्य विभाग ने निकाला बचाव का तरीका - जिला अस्पताल

एक्स-रे और सीटी स्कैन मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन बेहद घातक होता है. हरदोई स्वास्थ्य विभाग रेडिएशन के खतरे से कर्मचारियों को बचाने के लिए लेड लाइनिंग का इस्तेमाल करने जा रहा है. इसके साथ ही यहां तैनात कर्मचारियों और डॉक्टरों को एक इलेक्ट्रॉनिक बैच भी दिया जाएगा.

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सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन घातक.
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Published : Dec 8, 2019, 5:36 PM IST

हरदोई: जिला अस्पताल और अन्य जगहों पर मौजूद स्कैनिंग मशीनों से खतरनाक रेडिएशन निकलता है, जिनके दुष्प्रभाव बेहद घातक होते हैं. सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों के आस-पास खड़े होने वाले लोग और कर्मचारियों पर इनसे निकलने वाले रेडिएशन का बुरा असर पड़ता है. इससे बचाव के लिए लेड लाइनिंग का इस्तेमाल जिले का स्वास्थ्य विभाग करने जा रहा है.

सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन घातक.


एक्स-रे और सीटी स्कैन मशीन का रेडिएशन बेहद खतरनाक

  • जिले में 19 ब्लॉक स्थित हैं, जिनमें 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं.
  • करीब 6 केंद्रों पर एक्स-रे की सुविधा दी जा रही है.
  • जिला अस्पताल में एक्स-रे के साथ सीटी स्कैन की भी सुविधा मरीजों को मिल पा रही है.
  • ये मशीनें लाभकारी प्रतीत होती हैं, लेकिन इनके काफी दुष्प्रभाव भी हैं.

मशीनों से निकलने वाला रेडिएशन मानव शरीर के लिए बेहद घातक साबित होता है. रेडिएशन से बचाव के लिए लेड लाइनिंग और लेड एप्रैन का इस्तेमाल किए जाने की रणनीति तैयार की गई है. इसके साथ ही कर्मचारियों को एक इलेक्ट्रॉनिक बैच भी दिया जाएगा, जिससे इन मशीनों के इर्द-गिर्द काम करने वाले लोगों की कार्य करने की क्षमता का आंकलन किया जाएगा. बैच के जरिए यह पता लग पाएगा कि कर्मचारी के ऊपर अब तक रेडिएशन का कितना असर हुआ है.

इसे भी पढ़ें:- हाथरस: ग्रामीणों ने जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय का किया घेराव

रेडिएशन का असर एक हद से ज्यादा होने पर बैच ऑटोमैटिकली इंडिकेशन दे देता है. इसके बाद उस कर्मचारी को एक्स-रे या सीटी स्कैन कक्ष से कहीं और शिफ्ट कर दिया जाता है. हालांकि हरदोई में अब तक ऐसी कोई सुविधा नहीं थी, लेकिन बहुत जल्द ही यहां के एक्स-रे विभाग में लेड लाइनिंग और कर्मचारियों को बैच उपलब्ध कराए जाएंगे.

लेड लाइनिंग का काम शुरू हो गया है. एक से डेढ़ माह के भीतर काम पूरा कर लिया जाएगा. सीटी स्कैन कक्ष में पहले से लेड लाइन पड़ी हुई है. लेड एप्रैन और लेड ग्लास भी मौजूद हैं. लेड लाइनिंग के साथ ही एक्स-रे और सीटी स्कैन में काम करने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक बैच दिए जाएंगे. इससे मरीज, तीमारदार, कर्मचारी और डॉक्टरों को रेडिएशन के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकेगा.
-एस के रावत, सीएमओ

हरदोई: जिला अस्पताल और अन्य जगहों पर मौजूद स्कैनिंग मशीनों से खतरनाक रेडिएशन निकलता है, जिनके दुष्प्रभाव बेहद घातक होते हैं. सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों के आस-पास खड़े होने वाले लोग और कर्मचारियों पर इनसे निकलने वाले रेडिएशन का बुरा असर पड़ता है. इससे बचाव के लिए लेड लाइनिंग का इस्तेमाल जिले का स्वास्थ्य विभाग करने जा रहा है.

सीटी स्कैन और एक्स-रे मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन घातक.


एक्स-रे और सीटी स्कैन मशीन का रेडिएशन बेहद खतरनाक

  • जिले में 19 ब्लॉक स्थित हैं, जिनमें 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं.
  • करीब 6 केंद्रों पर एक्स-रे की सुविधा दी जा रही है.
  • जिला अस्पताल में एक्स-रे के साथ सीटी स्कैन की भी सुविधा मरीजों को मिल पा रही है.
  • ये मशीनें लाभकारी प्रतीत होती हैं, लेकिन इनके काफी दुष्प्रभाव भी हैं.

मशीनों से निकलने वाला रेडिएशन मानव शरीर के लिए बेहद घातक साबित होता है. रेडिएशन से बचाव के लिए लेड लाइनिंग और लेड एप्रैन का इस्तेमाल किए जाने की रणनीति तैयार की गई है. इसके साथ ही कर्मचारियों को एक इलेक्ट्रॉनिक बैच भी दिया जाएगा, जिससे इन मशीनों के इर्द-गिर्द काम करने वाले लोगों की कार्य करने की क्षमता का आंकलन किया जाएगा. बैच के जरिए यह पता लग पाएगा कि कर्मचारी के ऊपर अब तक रेडिएशन का कितना असर हुआ है.

इसे भी पढ़ें:- हाथरस: ग्रामीणों ने जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय का किया घेराव

रेडिएशन का असर एक हद से ज्यादा होने पर बैच ऑटोमैटिकली इंडिकेशन दे देता है. इसके बाद उस कर्मचारी को एक्स-रे या सीटी स्कैन कक्ष से कहीं और शिफ्ट कर दिया जाता है. हालांकि हरदोई में अब तक ऐसी कोई सुविधा नहीं थी, लेकिन बहुत जल्द ही यहां के एक्स-रे विभाग में लेड लाइनिंग और कर्मचारियों को बैच उपलब्ध कराए जाएंगे.

लेड लाइनिंग का काम शुरू हो गया है. एक से डेढ़ माह के भीतर काम पूरा कर लिया जाएगा. सीटी स्कैन कक्ष में पहले से लेड लाइन पड़ी हुई है. लेड एप्रैन और लेड ग्लास भी मौजूद हैं. लेड लाइनिंग के साथ ही एक्स-रे और सीटी स्कैन में काम करने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक बैच दिए जाएंगे. इससे मरीज, तीमारदार, कर्मचारी और डॉक्टरों को रेडिएशन के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकेगा.
-एस के रावत, सीएमओ

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----हरदोई जिले के जिला अस्पताल व अन्य जगहों पर मौजूद सकैनिंग मशीनों से खतरनाक रेडिएशन निकलती हैं।जिनके दुष्प्रभाव बेहद घातक होते हैं।एक्सरे और सीटी स्कैन मशीनों के आस पास खड़े होने वाले लोग व उनके साथ आये मरीजों से लेकर यहां काम कर रहे कर्मचारियों पर इनसे निकलने वाले रेडिएशन का असर पड़ता है।इनसे बचाव के लिए लेड लाइनिंग का इस्तेमाल जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा।वहीं यहां तैनात कर्मचारियों व डॉक्टरों को एक इलेक्ट्रॉनिक बैच भी दिया जाएगा।जिससे कर्मचारियों की काम करने की क्षमता को आंका जा सकेगा।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले में 19 ब्लॉक मौजूद हैं जिनमें 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद हैं।जिनमें से करीब 6 केंद्रों पर एक्सरे की सुविधा दी जा रही है।वहीं हरदोई जिला अस्पताल में एक्सरे के साथ ही सिटी स्कैन की भी सुविधा मरीज़ों को मिल पा रही है।ये मशीनें अपने काम को देखते हुए तो बेहद लाभकारी प्रतीत होती हैं।लेकिन इनके दुष्प्रभाव भी बेहद खतरनाक हैं।इन मशीनों से निकलने वाली रेडिएशन मानव शरीर के लिए बेहद घातक साबित होती है।इस रेडिएशन से बचाव के लिए लेड लाइन का और लेड एप्रैन का इस्तेमाल किये जाने की रणनीति तैयार की गई है।वहीं कर्मचारियों को एक इलेक्ट्रॉनिक बैच दिया जाएगा।जिसमें इन मशीनों के इर्द गिर्द काम करने वाले लोगों की कार्य करने की क्षमता का आंकलन किया जा सके।इन बैचों के जरिये ये पता लग पाता है कि कर्मचारी के ऊपर अभी तक रेडिएशन का कितना असर हुआ है।रेडिएशन का असर एक हद से ज्यादा होने पर बैच ऑटोमैटिकली इंडिकेशन दे देता है।जिसके बाद उस कर्मचारी को एक्सरे हो या सिटि स्कैन कक्ष उसे वहां से शिफ्ट कर दिया जाता है।हालांकि हरदोई जिले में अभी तक तो ऐसी कोई सुविधा नहीं थी लेकिन बहुत जल्द ही यहां के एक्सरे विभाग में लेड लाइनिंग और कर्मचारियों को बैच उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--जिले के सीएमओ के अथक प्रयासों के बाद अब यहां मौजूद एक्सरे विभागों में लेड लाइनिंग का काम शुरू करवा दिया गया है।एक से डेढ़ माह के भीतर इस काम को पूरा किये जाने का दावा भी सीएमओ ने किया है।वहीं सिटी स्कैन कक्ष में पहले से ही लेड लाइन पड़ी हुई है।साथ ही यहां लेड एप्रैन और लेड ग्लास भी मौजूद हैं।लेकिन इलेक्ट्रॉनिक बैच यहाँ मौजूद कर्मचारियों के पास अभी तक नहीं थे।मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस के रावत ने जानकारी दी कि लेड लाइनिंग के साथ ही एक्स रे व सिटी स्कैन में काम करने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक बैच भी दिए जाएंगे।इस मुहीम के लागू होने के बाद से यहां आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों से लेकर कर्मचारी और डॉक्टरों को रेडिएशन के दुष्प्रभावों से काफी हद तक बचाया जा सकेगा।

बाईट--एस के रावत--सीएमओ हरदोई

पीटूसी


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