हरदोई: अन्ना पशुओं के लिए जो गौशाला और पशु आश्रय स्थल बनवाए गए थेउनकी स्थिति अभी भी दयनीय है.बजट के अभाव से जूझ रहे पशु आश्रय स्थल सरकार के दावों की पोल खोल रही है.यहां बंद पशु भी अब सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं. लगभग 25 हजार अन्ना पशुओं को रहने के लिएआश्रय स्थल नहींहैं.
हरदोई में लंबे समय से अन्ना पशुओं का मुद्दा सामने आता रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्ना पशुओं को आश्रित करने के सख्त निर्देश भी दिए थे, लेकिन इन निर्देशों का कुछ फीसदी भी जिला प्रशासन द्वारा पूरा नहीं होसका. यहां करीब 25 हजार पशुनिराश्रित है. ये पशु आज भी सड़कों औरग्रामीण इलाकों में घूमते पाए जा रहे हैं. ऐसे में इन पशुओं के कारण किसानों को परेशानी हो रही है और आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं.
वहीं जिला प्रशासन ने पशुओं को आश्रय देने के लिए जो आश्रय स्थल बनवाये थे. उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है. बजट के अभाव से जूझ रहे इन आश्रय स्थलों में क्षमता से अधिक पशु हैं. यहां देख रेख करने वाले कर्मचारियों के रहने की भी कोई खास व्यवस्था नहीं है.वहीं पशु अधिकारी ने जिले में मौजूद अन्ना पशुओं की संख्या से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि जिले में 74 स्थान चिन्हित करके अस्थायी पशु आश्रय बनवाये गए हैं. इसमें पांच आश्रय स्थल संचालित कर दिये गए हैं.