हरदोई: अब सड़कों पर नहीं बल्कि घरों में बैठ कर शातिर ठगी व चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. आज के इस इंटरनेट युग में लोग पहले के समय से भी ज्यादा भयभीत रहने लगे हैं. एक क्लिक से लोगों के बैंक अकाउंट खाली करना व सोशल साइट्स के जरिये उन्हें जालसाजी का शिकार बनाना अब आम हो गया है. ठगी व चोरी करने के इस बदलते तरीके को साइबर क्राइम के नाम से जाना जा रहा है. पिछले एक साल में हरदोई जिले में भी इस तरह के तकरीबन 45 बड़े मामले संज्ञान में आए हैं, जिनमें महज कुछ एक का ही खुलासा पुलिस द्वारा किया जा सका है.
वहीं हाल ही में जिले के एसपी का चार्ज संभालने वाले आईपीएस अनुराग वत्स ने इस ओर ध्यान जरूर केंद्रित किया है. उन्होंने लोगों को इस जालसाजी से सुरक्षित रखने के लिए जगरूकता अभियान चलाए जाने की रणनीति तैयार की है, जिसके जरिये लोगों को इस तरह की वारदातों के बारे में बताया जाएगा व इससे बचने के तौर तरीकों से अवगत कराया जाएगा.
एक क्लिक से होता है ये आधुनिक फ्रॉड
आज देश में इंटरनेट का इस्तेमाल लगभग हर कोई कर रहा है. एक समय था जब लोग घरों से चौकन्ने होकर निकलते थे और उनके जहन में सड़कों पर घूम रहे चोरों व ठगों का भय व्याप्त रहता था. तमाम लोग आए दिन इनकी ठगी का शिकार भी हो जाते थे, लेकिन आज के अत्याधुनिक समय में इन शातिरों ने भी अपने काम करने के तरीकों को बदल लिया है. अब यह शातिर सड़कों पर घूम कर नहीं बल्कि घर में बैठकर कंप्यूटर व मोबाइल के माध्यम से इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और एक क्लिक से ही लोगों के बैंक अकाउंट को सफा चट कर जाते हैं.
इस अत्याधुनिक अपराध को हम साइबर क्राइम के नाम से जानते हैं, जिसके आगे पुलिस भी कहीं न कहीं विफल साबित हो रही है और साइबर की दुनिया के इन अपराधियों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है. आज के समय में इस प्रकार के अपराधों की संख्या अन्य अपराधों की अपेक्षा काफी ज्यादा बढ़ गई है. हरदोई जिले में बीती जनवरी से अभी तक साइबर क्राइम के करीब 45 से 50 बड़े मामले संज्ञान में आए हैं.
सड़कों से ज्यादा घातक हैं इंटरनेट के ठग व चोर
ईटीवी की टीम ने जब कुछ सोशल एक्टिविस्ट से बात की और पूर्व के व आज के समय मे चोरी व ठगी की घटनाओं में विश्लेषण करने को कहा तो उन्होंने आज के दौर में हो रही चोरी व ठगी की वारदातों को ज्यादा घातक व हानि पहुंचाने वाला बताया. उन्होंने कहा कि सड़कों पर घूम रहे ठग व चोर लोगों को उतनी हानि नहीं पहुंचा पाते थे, जितने की आज के अत्याधुनिक युग के अपराधी पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज सिर्फ एक क्लिक से किसी भी व्यक्ति का पूरा डेटा हैक कर उसके बैंक अकाउंट तक को खाली किया जा रहा है.
वहीं सोशल साइट्स हैक कर लोगों के करीबियों व रिश्तेदारों को भी जालसाजी का शिकार बनाकर उनसे ठगी की जा रही है. इसी प्रकार से अन्य तमाम हथकंडे अपना कर आम जनता को ये शातिर अपना शिकार बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे बचाव का सिर्फ और सिर्फ एक ही तरीका है और वो है कि इस प्रकार की जालसाजी से सचेत रहना व इसके प्रति जागरूक होना. वहीं पुलिस पर भी कटाक्ष करते हुए उन्होंने इस प्रकार के अपराधों पर शिकंजा कसने में पुलिस की नाकामियात को सामने रखा और पुलिस को बेबस बताया. उन्होंने कहा कि इसमें उपभोगता की खुद की जिम्मेदारी होती है कि वो ओटीपी आदि शेयर न करे व अन्य सावधानियां बरते. इसी पहलू को सामने रख कर पुलिस भी अपने हाथ खड़े कर लेती है और इन साइबर क्राइम के अधिकांश केसों को खोलने में अक्षम साबित होती है.
हाल ही में घटित हुईं कुछ घटनाओं के उदाहरण
हरदोई जिले में हाल ही में कुछ इसी प्रकार की घटनाएं घटित हुईं थी. शहर कोतवाली इलाके में एक मेडिकल की छात्रा का फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाकर किसी ने उससे शॉपिंग भी की और युवती को तकरीबन 50 हजार की चपत लगा कर शातिर किस कोने में छिपा बैठा है और अन्य किस-किस को अपनी इस शातिरता का शिकार बना रहा है, इसका पता अभी तक पुलिस नहीं लगा पाई है.
वहीं दूसरा मामला सोशल साइट पर खुद को एक घातक बीमारी का मरीज बता कर करीब 400 लोगों से अपने खाते में चार लाख रुपये मंगवांने का है. तीसरा मामला हाल ही में हुए एक खुलासे का है, जिसमें चार नाइजीरियन ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इन ठगों ने हरदोई की एक महिला को मेट्रीमोनियल साइट के जरिये अपना शिकार बनाया और उससे करीब छह लाख की ठगी की. इस महिला के अलावा इन ठगों ने अपने जीवन काल में इंटरनेट के जरिये 100 करोड़ की ठगी व चोरी इंटरनेट को माध्यम बनाकर की थी. इसी प्रकार के अन्य तमाम ऐसे मामले हैं, जिन्हें जानकर आप भी सहम जाएंगे.
एसपी में तैयार की ये रणनीति
इस बढ़ते अपराध की दुनिया में साइबर क्राइम पर जब एसपी हरदोई अनुराग वत्स से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डीजीपी के निर्देशानुसार हर जिले में एक साइबर थाने को खुलवाया जाएगा. इन थानों पर ट्रेंड पुलिसकर्मियों की तैनाती भी होगी. इतना ही नहीं पुलिस अधीक्षक ने अपनी सूझ-बूझ से जिले के 25 थानों के अंतर्गत एक एक साइबर यूनिट का संचालन कराए जाने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि इससे साइबर क्राइम पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि इस अपराध को रोकने के लिए सिर्फ पुलिस ही काफी नहीं है बल्कि लोगों को भी पूरी तरह से जागरूक होने की जरूरत है. इसके लिए जिले में अब समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाकर व गोष्ठियां करके लोगों को सचेत किया जाएगा, जिससे कि आम जनमानस को साइबर क्राइम क्या है व इसे किन किन माध्यमों से अंजाम दिया जाता है और इनसे किस प्रकार बचा जाए, इन सभी पहलुओं पर लोगों को वृहद स्तर पर जानकारियां दी जाएंगी, जिससे कि पुलिस द्वारा साइबर क्राइम की वारदातों पर शिकंजा कसने की रणनीतियों को सफल बनाया जा सके.