रामपुर: जिले में एक महिला ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि साहूब मैं जिंदा हूं, मेरी पेंशन दिलवा दीजिए. महिला ने कहा कि कागजों में मरा हुआ दिखाकर दो साल से पेंशन रोकी गई है. डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही समाज कल्याण अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
दो सालों से रुकी है पेंशन
मामला जिले के तहसील मिलक के जनुनागर गांव का है. 55 वर्षीय चंद्रावती को कागजों में मृत दिखाकर दो सालों से पेंशन रोक दी गई. थक-हारकर पीड़ित बुजुर्ग महिला ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई. जिलाधिकारी ने बुजुर्ग महिला की शिकायत की जांच कराई तो जांच में सही पाया गया कि जीवित महिला को कागजों में मृत दिखाया गया है. मामले में डीएम ने समाज कल्याण अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि एक महिला की शिकायत की जांच कराई गई. जांच में पाया गया कि महिला का नाम वृद्धा पेंंशन में नहीं है. सचिव ने रिपोर्ट लगाई थी कि यह महिला जनुनागर में नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदार के यहां रहती है. इसके आधार पर समाज कल्याण अधिकारी ने महिला के पेंशन को रोक दिया. डीएम ने कहा कि ऐसे और भी 30-40 मामले सामने आए हैं, जिसमें सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) जांच कर रही हैं. किसी अधिकारी की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.