हरदोई: जिले में गंगा की अविरलता और निर्मलता को बरकरार रखने के लिए जिला प्रशासन ने एक बार फिर कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है. इसके तहत सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य कराए जाने हैं. जिले की 13 ग्राम पंचायतों के 17 गांव में मौजूद घरों से निकलने वाले सॉलिड और लिक्विड वेस्ट को गंगा में प्रवाहित होने से रोके जाने की फाइल अब दोबारा खुल गई है. पंचायतीराज विभाग ने ग्राम्य विकास अभिकरण के साथ मिलकर कार्य योजना बनानी भी शुरू कर दी है. जल्द ही गंगा से सटे हुए इन गांवों में मौजूद घरों से कूड़े और कचरे का डोर टू डोर कलेक्शन कराया जाना शुरू किया जाएगा.
फिर शुरू हो रही गंगा की सफाई
- नमामि गंगे के तहत पूर्व में अभियान ने तेजी पकड़ी थी.
- इस दौरान तैयार हुई डीपीआर यानी कि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के ऊपर बजट के अभाव में काम नहीं हो पाया था.
- जलशक्ति मंत्रालय से दोबारा कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट मांगी गई है.
- इसके बाद जिला प्रशासन के निर्देशानुसार, पंचायती राज विभाग और ग्राम विकास अभिकरण ने मिलकर कार्ययोजना तैयार करना शुरू कर दिया है.
- जिले के 13 ग्राम पंचायतों के 17 गांवों में मौजूद घरों से निकलने वाला सॉलिड और लिक्विड वेस्ट गंगा में जाने से रोकने की रणनीति तैयार कर ली गई है.
- इसके लिए फिलहाल सभी नगर निकायों ने डोर टू डोर कलेक्शन करना शुरू कर दिया है.
- जल्द ही चिन्हित की गई जमीन पर कूड़े का सेग्रिगेशन होना भी शुरू हो जाएगा.
- इससे इन गांव का कचरा गंगा में जाने से रुक पायेगा.
- इसके तहत जिले के बिलग्राम, मल्लावां सहित 13 ग्राम पंचायतों के 17 गांवों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट कार्य होना शुरू किया जाएगा.
- इससे गंगा में जाने वाले सॉलिड और लिक्विड वेस्ट पर विराम लगाया जा सकेगा.
जिले के सभी 13 नगर निकायों से प्रस्ताव मांगा गया था. इन नगर निकायों में चिन्हित की गई जमीनों के यूजर एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) का निर्माण शुरू कराया जाएगा. इससे कूड़े के सेग्रिगेशन के ऊपर काम किया जा सकेगा. जल्द ही नमामि गंगे योजना के तहत बनाई जा रही इस कार्य योजना के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलेंगे.
-पुलकित खरे, जिलाधिकारी
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