हरदोई : सपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और मौजूदा भाजपा नेता नरेश अग्रवाल यूं तो अपने विवादित बयानों को को लेकर हमेशा से ही चर्चा में रहते हैं. लेकिन आज अपने पिता की सौवीं जयंती पर पुरानी यादों को याद कर थोड़ा सा भावुक हो गए. उन्होंने अपने पुराने समय को याद कर कहा कि उनके पिता सभी भाइयों को ताश खेलने के बहाने बुलाकर एक साथ बैठाते और राजनीति का पाठ पढ़ाते थे.
जिले में आज नरेश अग्रवाल ने अपने पिता की सौवीं जयंती पर सुबह उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का आयोजन कराया. इसी के साथ उन्होंने अपने पूर्व की यादों को भी ताजा किया. विचार गोष्ठी में नरेश अग्रवाल के पिता बाबू शिरीष चंद्र अग्रवाल के पुराने जानने वाले व उनके रिश्तेदारों को आज हरदोई आमंत्रित किया गया, जिसके बाद उनकी राजनैतिक प्रतिक्रियाओं आदि पर नरेश अग्रवाल ने प्रकाश डाला.
उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यकाल व उपलब्धियों के पीछे अपने पिता का एक अहम योगदान होने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनके पिता उन्हें व उनके सभी भाइयों को हर शाम ताश खेलने के बहाने से बुलाकर एक साथ बैठाकर राजनीति का पाठ पढ़ाते थे, जिससे शायद नरेश अग्रवाल के अन्य भाई तो न सीख सके, लेकिन नरेश अग्रवाल ने उनसे कुछ सीख जरूर ली.
नरेश अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से सीख लेकर ही राजनीति में अपनी रुचि दिखाई व राजनीति में आने के बाद अपने पिता के कहे तरीके से काम किया. अपने पुत्र नितिन को भी उन्होंने इसी राह पर चलने की सलाह दी. वहीं आज देर रात तक चले हास्य कवि सम्मेलन का भी बड़ी ही उत्सुकता के साथ लोगों ने लुफ्त उठाया.