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BHU विवाद: प्रो. फिरोज को मिला जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर का समर्थन

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Published : Nov 21, 2019, 9:20 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 9:26 PM IST

BHU में चल रहे विवाद पर हरदोई पहुंचे जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने प्रोफेसर फिरोज का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुसलमान संस्कृत का प्रोफेसर है तो उसका आदर और सम्मान होना चाहिए.

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर.

हरदोई: जनपद में एक कार्यक्रम के दौरान शिरकत करने पहुंचे जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने बीएचयू विवाद पर प्रोफेसर का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुसलमान संस्कृत का प्रोफेसर है तो उसका आदर और सम्मान होना चाहिए.

जानकारी देते जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर.
BHU प्रोफेसर के समर्थन में उतरे जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि बीएचयू की प्रमाणिक संस्था मालवीय जी के द्वारा भारत को दिया गया एक वरदान है. पिछले दिनों से वहां जेएनयू की तर्ज पर काफी दिन से प्रयास हो रहा है और एक ऐसा ग्रुप खड़ा हो रहा है, जो कोई न कोई विवाद वहां खड़ा करता रहता है. महामंडलेश्वर ने कहा कि मुस्लिम विद्वान का अनादर एक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:-मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने की जनपद में बंदर सफारी बनाए जाने की मांग

राम मंदिर पर बोले महामंडलेश्वर
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि मां वैष्णो देवी के स्थापना बोर्ड की तर्ज पर सरकार को गवर्नर की अध्यक्षता में एक बोर्ड का गठन करना चाहिए और जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू करना चाहिए.

अयोध्या मामले पर आए फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि यह एकदम न्याय संगत फैसला है, इससे अच्छा राम जन्मभूमि के संदर्भ में फैसला नहीं हो सकता था. सबसे बड़ी बात यह है कि यह फैसला किसी के पक्ष में नहीं है और न ही किसी के विपक्ष में. यह फैसला प्रमाण साक्ष्य सबूत के आधार पर दिया गया है, इसलिए हम न्यायालय के पांचों जजों को साधुवाद देते हैं.

हरदोई: जनपद में एक कार्यक्रम के दौरान शिरकत करने पहुंचे जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने बीएचयू विवाद पर प्रोफेसर का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुसलमान संस्कृत का प्रोफेसर है तो उसका आदर और सम्मान होना चाहिए.

जानकारी देते जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर.
BHU प्रोफेसर के समर्थन में उतरे जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि बीएचयू की प्रमाणिक संस्था मालवीय जी के द्वारा भारत को दिया गया एक वरदान है. पिछले दिनों से वहां जेएनयू की तर्ज पर काफी दिन से प्रयास हो रहा है और एक ऐसा ग्रुप खड़ा हो रहा है, जो कोई न कोई विवाद वहां खड़ा करता रहता है. महामंडलेश्वर ने कहा कि मुस्लिम विद्वान का अनादर एक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है.

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राम मंदिर पर बोले महामंडलेश्वर
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि मां वैष्णो देवी के स्थापना बोर्ड की तर्ज पर सरकार को गवर्नर की अध्यक्षता में एक बोर्ड का गठन करना चाहिए और जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू करना चाहिए.

अयोध्या मामले पर आए फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि यह एकदम न्याय संगत फैसला है, इससे अच्छा राम जन्मभूमि के संदर्भ में फैसला नहीं हो सकता था. सबसे बड़ी बात यह है कि यह फैसला किसी के पक्ष में नहीं है और न ही किसी के विपक्ष में. यह फैसला प्रमाण साक्ष्य सबूत के आधार पर दिया गया है, इसलिए हम न्यायालय के पांचों जजों को साधुवाद देते हैं.

Intro:स्लग--बीएचयू में प्रोफेसर विवाद मामले में प्रोफेसर फिरोज को मिला जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर का समर्थन

एंकर--यूपी के हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान शिरकत करने आए जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि मां वैष्णो देवी के स्थापन बोर्ड की तर्ज पर सरकार को गवर्नर की अध्यक्षता में एक बोर्ड का गठन करना चाहिए और जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण करना चाहिए बीएचयू में प्रोफेसर विवाद पर उन्होंने प्रोफेसर का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि अगर कोई मुसलमान संस्कृत का प्रोफेसर है तो उसका आदर और सम्मान होना चाहिए।


Body:vo--जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने राम जन्मभूमि को लेकर कहा कि राम मंदिर का जो निर्माण है भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत ही ऐतिहासिक फैसला सुनाया है और यह फैसला एकदम न्याय संगत फैसला है इससे अच्छा राम जन्म भूमि के संदर्भ में फैसला नहीं हो सकता था सबसे बड़ी बात यह है कि यह फैसला किसी के पक्ष में नहीं है और ना ही किसी के विपक्ष में यह फैसला प्रमाण साक्ष्य सबूत के आधार पर दिया गया है इसलिए हम न्यायालय के पांचों जजों को साधुवाद देते हैं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार एक ट्रस्ट का गठन करे मंदिर बनाए भारत सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार से मां वैष्णो देवी का स्थापन बोर्ड बना है उसी प्रकार से उसी प्रकार उत्तर प्रदेश के गवर्नर की अध्यक्षता में एक बोर्ड का गठन होना चाहिए उस बोर्ड के माध्यम से मंदिर का निर्माण और संचालन होना चाहिए श्रीराम जन्मभूमि न्यास विश्व हिंदू परिषद और तमाम हिंदूवादी संगठनों के द्वारा बनाया गया है और रामजन्म भूमि न्यास ने जो आंदोलन पूरे देश में खड़ा किया जन जन तक राम जन्म भूमि के विषय को पहुंचाया उनकी बहुत बड़ी भूमिका इस आंदोलन में है तो जो भी बोर्ड बने हमारा निवेदन है कि श्री राम जन्मभूमि न्यास की उसमें प्रमुख भूमिका होनी चाहिए।साथ ही उन्होंने कहा क्योंकि उन्होंने इस मंदिर के लिए पुरुषार्थ किया है संघर्ष किया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि विश्व के प्रसिद्ध शिल्पकार हैं सोमपुरा जी जिन्होंने मंदिर का डिजाइन आर्किटेक्ट किया है वह मंदिर जन-जन के हृदय में व्याप्त हो गया है उसी मंदिर के स्वरूप को लेना चाहिए उसी प्रकार का मंदिर बनना चाहिए और जो मंदिर को लेकर राजनीति हो रही है साधु-संतों की उसमें कोई भी ऐसा प्रमाणिक संत नहीं है मीडिया के सामने पता नहीं कौन-कौन संत बैठा लेते हैं जो अपनी अपनी ढपली गाने लगते हैं अब साधु-संत भारत का सिर्फ यही चाहता है कि वहां पर मंदिर बने श्री रामलला उसमें विराजमान हो देश और विदेश का जो श्रद्धालु भक्तजन है प्रभु राम लला के दर्शन करें सब की यही इच्छा है मंदिर कैसे बने कौन बने बनाए यह कोई विषय नहीं है विषय सिर्फ इतना है कि अब मंदिर बनना चाहिए और इसमें विलंब नहीं होना चाहिए।
बाइट--यतींद्रानंद गिरि महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा



Conclusion:
voc--बीएचयू में प्रोफेसर विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि-- देखिए बीएचयू के प्रमाणिक संस्था मालवीय जी के द्वारा और भारत को दिया गया एक वरदान है पिछले दिनों से वहां जेएनयू की तर्ज पर काफी दिन से प्रयास हो रहा है और एक ऐसा ग्रुप वहां पर खड़ा हो रहा है जो कोई ना कोई विवाद वहां खड़ा करता रहता है क्रिएट करता है जिनका कुछ लेना-देना नहीं है उन्होंने मुस्लिम विद्वान का अनादर किया है और यह एक षड्यंत्र के तहत हो रहा है बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का जो विवाद है इतना ज्यादा हाईलाइट कर दिया गया वही लोग जब जेएनयू में नंगा नाच करते हैं और जेएनयू एक तरह से वेश्यालय हो गया है और आतंकवाद को पैदा करने वाला एक संस्थान हो गया है वहां के विषय में वह कुछ नहीं बोल रहे हैं चुप है तो बीएचयू का जो है इसलिए वह जानबूझकर ताजिया निकाले गए जबकि पहले वहां कभी भी इस तरह की घटना नहीं हुई लेकिन ताजिए आराम से निकल गए उस पर भी उन्होंने जिन्होंने निकाला वही विवाद खड़ा करना चाह रहे थे लेकिन विवाद नहीं हुआ तो उन्होंने एक नया सफूका निकाल लिया है तो वहां अगर कोई मुसलमान संस्कृत का प्रोफेसर है तो उसका आदर होना चाहिए सम्मान होना चाहिए।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000
Last Updated : Nov 21, 2019, 9:26 PM IST
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