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हरदोई: जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहीं दवाइयां - up news

जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है अस्पताल में मरीजों को हर मर्ज की सिर्फ एक ही दवा दी जा रही है. अस्पताल में रोजाना 1500 से दो हजार मरीज आते हैं.

जिला अस्पताल के खस्ता हालत से जूझ रहे हैं मरीज
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Published : Jun 6, 2019, 8:22 PM IST

हरदोई: जनपद का जिला अस्पताल दवाइयों और डॉक्टर्स के अभाव से जूझ रहा है. अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का आरोप है कि यहां हर मर्ज की सिर्फ एक ही दवा मिलती है. कोई भी जिला अस्पताल की इस खस्ता हालत की ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

जिला अस्पताल के खस्ता हालत से जूझ रहे हैं मरीज

जिला अस्पताल की हालत खस्ता

  • जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी.
  • अस्पताल में रोजाना 1500 से दो हजार मरीज आते हैं.
  • गरीब मरीज बाहर से दवाइयां खरीदने में सक्षम नहीं हैं.
  • ज्यादातर मरीज डायरिया, बुखार, दस्त और हैजा से ग्रसित हैं.

जिला अस्पताल में कुछ ही दवाइयां उपलब्ध हैं, जो दवाइयां मरीजों को चाहिए होती हैं वह उपलब्ध नहीं होती हैं. ऐसा लग रहा है कि जिला अस्पताल में पैरासिटामॉल और एक-दो दवाइयों के अलावा कोई भी दवाई उपलब्ध नहीं है.

-विनोद चौहान, समाज सेवी




जो दवाएं अन्य कंपनियों से मंगवाई जाती है. समय से भूगतान न हो पाने के कारण रह जाती हैं. दवाई आ गईं हैं, उनका भी भुगतान हो जाएगा.
-एसके शाख्य, सीएसएम, जिला अस्पताल

हरदोई: जनपद का जिला अस्पताल दवाइयों और डॉक्टर्स के अभाव से जूझ रहा है. अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का आरोप है कि यहां हर मर्ज की सिर्फ एक ही दवा मिलती है. कोई भी जिला अस्पताल की इस खस्ता हालत की ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

जिला अस्पताल के खस्ता हालत से जूझ रहे हैं मरीज

जिला अस्पताल की हालत खस्ता

  • जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी.
  • अस्पताल में रोजाना 1500 से दो हजार मरीज आते हैं.
  • गरीब मरीज बाहर से दवाइयां खरीदने में सक्षम नहीं हैं.
  • ज्यादातर मरीज डायरिया, बुखार, दस्त और हैजा से ग्रसित हैं.

जिला अस्पताल में कुछ ही दवाइयां उपलब्ध हैं, जो दवाइयां मरीजों को चाहिए होती हैं वह उपलब्ध नहीं होती हैं. ऐसा लग रहा है कि जिला अस्पताल में पैरासिटामॉल और एक-दो दवाइयों के अलावा कोई भी दवाई उपलब्ध नहीं है.

-विनोद चौहान, समाज सेवी




जो दवाएं अन्य कंपनियों से मंगवाई जाती है. समय से भूगतान न हो पाने के कारण रह जाती हैं. दवाई आ गईं हैं, उनका भी भुगतान हो जाएगा.
-एसके शाख्य, सीएसएम, जिला अस्पताल

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----हरदोई जिले का सरकारी अस्पताल हमेशा से ही अपनी लापरवाहियों के चलते चर्चाओं में रहा है।वहीं सबसे बड़ी और अहम समस्या जो हमेशा यहां देखने को मिलती है, वो दवाइयों के अभाव की है।गर्मी के मौसम में तमाम संक्रामक रोग भी अपने पैर पसार लेते हैं लेकिन जिला अस्पताल में इस दौरान दवाईयों की कमी पैदा हो गयी है।रोजाना 15 सौ से 2 हज़ार के आस पास लोग ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं।लेकिन डॉटकरों की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल में अब दवाईयों का भी टोटा हो गया है।लोगों का आरोप है कि इस दौरान यहां हर मर्ज की सिर्फ एक दवा ही मिलती है।हालांकि गिनी चुनी दवाइयां ही यहां मौजूद हैं।विगत लंबे समय से जिले के इस बीमार सरकारी अस्पताल को दवाओं का इंतज़ार है लेकिन कोई भी इस तरफ ध्यान देना नहीं चाह रहा है।जिसका खामियाजा यहाँ आने जाने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।


Body:वीओ--1--हरदोई जिला अस्पताल में इस दौरान दवाईयों का अभाव पैदा हो गया है।गकर्मी कि दस्तक देने के बाद से अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है।लेकिन इधर मरीजों की संख्या बफह रही है और उधर दवाईयों में घटोत्तरी देखने को मिल रही है।जिला अस्पताल में पैरासिटामॉल व डामाडोल जैसी एक दो दवाएं ही यहां मौजूद हैं।अभी तक डॉक्टरों के अभाव से मरीज़ परेशान थे तो अब दवाइयां न मिल पाने से भी उनकी समस्या बढ़ गयी है।आर्थिक रूप से मजबूत लोग तो बाहर की दवाईयों से काम चला रहे हैं।लेकिन गरीब मरीज़ व उनके तीमारदार बाहर की महंगी दवाईयां खरीद पाने में सक्षम नहीं हैं।यहां मेट्रोजिल, टिंडाजोल,एंटीबायोटिक दवाओं के साथ ही ओआरएस घोल आदि भी उपलब्ध नहीं हैं।ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 15 सौ से अधिक है तो इमरजेंसी में भी 60 से 70 मरीज़ आते हैं।जिनमें से ज्यादातर डायरिया, मियादी बुखार, दस्त व हैजा जैसी समस्याओं से ग्रसित मरीज शामिल हैं।इस संबंध में जब जिला अस्पताल में आये कुछ लोगों से बात की गई तो कैमरे के सामने आते ही उन्होंने दवाओं के अभाव से होने वाली समस्याओं का बखान करना शुरू कर दिया।साथ ही डॉक्टरों के ऊपर बाहर से दवाईयां लिखने का आरोप लगाया।वहीं कुछ ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में हर मर्ज के लिए पैरासिटामॉल व कुछ एक गिनी चुनी दवाईयां ही वितरित की जा रही हैं।

विसुअल विद वॉइस ओवर
बाईट--1--समाज सेवी
बाईट--2--अस्पताल में आया एक वकील
बाईट--3--तीमारदार


वीओ--2--इस पूरे मामले की जानकारी सीएमएस एस के शाख्य ने दी, की कुछ कंपनियों का बकाया शेष है।जिसके लिए कभी कभी बजट देरी से आने के कारण दवाओं की कमी हो जाती है।हालांकि बजट आते ही दवाओं की कमी की इस समस्या का समाधान होने का कोरा आश्वासन उन्होंने जरूर दिया।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट--एस के शाख्य--सीएसएम जिक अस्पताल

पीटूसी


Conclusion:
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