हरदोई: पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, एनजीटी के नियमों का पालन कराने और किसानों के खेतों में पराली जलाने को लेकर प्रशासन ने टीम गठित की है. यह टीम न्याय पंचायत स्तर पर गठित की गई है. यह टीम किसानों में जागरूकता फैलाने के साथ ही उन्हें पराली जलाने से रोकेगी. टीम में पुलिस, राजस्व, कृषि और विकास विभाग से संबंधित कर्मचारी शामिल हैं, जो क्षेत्रों में जाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान को बताएंगे.
पराली जलाने वाले किसानों पर निगरानी रखने के लिए बनाई गई टीम
लगातार बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकार की ओर से एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों को कड़ाई से पालन कराने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. इसके तहत जिले में 191 न्याय पंचायतों पर लेखपाल, प्रधान, ग्राम सचिव, पुलिस और किसान सहायकों की एक टीम बनाई गई है. यह टीम पराली जलाने वाले किसानों पर निगरानी रखेगी. अपने-अपने क्षेत्रों में यह टीमें जाकर पराली जलाने वाले किसानों को जागरूक करेंगी. यह लोग पर्यावरण प्रदूषण के नुकसान के बारे में बताएंगे, ताकि किसान नुकसान को जाने और पराली न जलाएं.
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हार्वेस्टर में रीपर लगाकर धान की कटाई के लिए करेंगे प्रेरित
पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना भी लगेगा. जिले में पराली जलाने वाले किसानों और ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत अब तक जिले में 133 किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है. ढाई लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया है. लापरवाही बरतने वाले छह लेखपाल भी निलंबित हो चुके हैं, जबकि 13 लेखपालों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. किसान सहायक गांवों में किसानों को हार्वेस्टर में रीपर लगाकर धान की कटाई कराने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि खेतों में पराली न छूटे और किसान पराली न जलाएं.
जनपद में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और एनजीटी के नियमों का पालन कराने के लिए प्रत्येक तहसील में न्याय पंचायत स्तर पर टीम गठित की गई है, जो पराली जलाने वाले किसानों पर निगरानी रखेगी. टीम गांव-गांव जाकर किसानों को हार्वेस्टर में रीपर लगाकर कटाई कराने के लिए प्रेरित करेगी. पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की गई है. किसानों से ढाई लाख से ऊपर का जुर्माना वसूला गया है. छह लेखपाल निलंबित किए गए हैं.
-पुलकित खरे, जिलाधिकारी