हरदोई: जिले में अनाधिकृत रूप से संचालित कोयला भट्ठियों पर वन विभाग और पुलिस ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की. वन विभाग को अवैध रूप से संचालित कोयला भट्ठियों के संचालित होने की सूचना मिली थी. दरअसल, इन भट्ठियों में लकड़ी जलाकर कोयला बनाया जा रहा था. इससे पर्यावरण को नुकसान के साथ ही एनजीटी के नियमों का मखौल उड़ रहा था. सूचना के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर अवैध रूप से संचालित 16 कोयला भट्ठियों को जेसीबी मशीन से मौके पर नष्ट करा दिया. साथ ही कोयला भट्ठियों के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की.
वन विभाग और पुलिस की कार्रवाई
जिले में आज अवैध रूप से संचालित कोयला भट्ठियों को वन विभाग और पुलिस ने ढहा दिया. वन विभाग को विकासखंड और थाना टड़ियावां क्षेत्र के देविया फत्तेपुर और जयराजपुर गांव में अवैध रूप से संचालित हो रही कोयला भट्ठियों की सूचना मिली थी. इसके बाद वन विभाग के रेंजर रत्नेश श्रीवास्तव ने स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर छापेमारी की तो अवैध रूप से संचालित 16 भट्ठियां मौके पर मिलीं.
लकड़ियां जलाकर बनाया जा रहा था कोयला
अवैध रूप से संचालित इन भट्ठियों में लकड़ी जलाकर कोयला बनाया जा रहा था. इस कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा था. एनजीटी के नियमों के मुताबिक पराली जलाने और भट्ठियां जलाने पर रोक है. बावजूद इसके यहां पर भट्ठियां संचालित थीं. मौके पर रेंजर रत्नेश श्रीवास्तव और पुलिस की टीम ने अवैध रूप से संचालित सभी 16 भट्ठियों को जेसीबी मशीन से गिरा कर ध्वस्त कर दिया. साथ ही इनके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की.
मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की
मौके पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने देविया फत्तेपुर गांव में हनीफ खान की 2, सलीम की 2, हासिम खान की 2, परवेज की 2, इसरायल की 2, सोनू की 2 और जयराजपुर निवासी सज्जाद अली की 4 भट्ठियां मौके पर संचालित पाईं. इन सभी भट्ठियों को वन विभाग और पुलिस ने मौके पर नष्ट करा दिया. साथ ही थाना टडियावां में सभी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया.
अपर पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी कपिल देव सिंह ने बताया कि वन विभाग को थाना टडियावां क्षेत्र में कुछ गांवों में अवैध रूप से संचालित कोयला भट्ठियों की सूचना मिली थी. यह कोयला भट्ठियां अवैध रूप से संचालित थीं और यहां पर लकड़ी को जलाकर कोयला बनाया जा रहा था. यह एनजीटी के नियमों के खिलाफ था. सूचना के बाद वन विभाग के साथ ही स्थानीय पुलिस ने छापेमारी की थी. इस दौरान सभी भट्ठियों को नष्ट करा दिया गया है. साथ ही इनके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.