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क्रय केंद्रों पर गेंहू बेंचने में हो रही दिक्कत, जटिल है पंजीयन की प्रक्रिया

हरदोई में लॉकडाउन के चलते किसानों को गेहूं क्रय केंद्रों तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं. लंबी और जटिल पंजीयन की प्रक्रिया के चलते किसान केद्रों पर गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं.

farmers facing problems in selling wheat
गेहूं खरीद इस बार 15 दिन की देरी से शुरू हुई है
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Published : Apr 24, 2020, 5:33 PM IST

हरदोई: कोरोना महामारी के चलते हर वर्ष होने वाली गेहूं खरीद इस बार 15 दिन की देरी से शुरू हुई है. जिले में इस बार करीब 98 सरकारी गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. लॉकडाउन के चलते किसानों को क्रय केंद्रों तक पहुंचने में काफी दिक्कतें आ रही हैं.

गेहूं बेचने के लिए किसानों को पंजीकरण करना होगा. इस लंबी और जटिल पंजीयन प्रक्रिया के चलते किसानों का मोह इन सरकारी केंद्रों से भंग होने लगा है. गल्ला मंडी में बने 12 सरकारी क्रय केंद्रों का जायजा लेने जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो आलम चौकाने वाला था. केंद्रों पर पसरा सन्नाटा केंद्रों की स्थिति बयान कर रहा था. यहां सेंटरों पर ना किसान दिखा और ना ही सेंटर इंचार्ज के पास पंजीयन करवाने के लिए दिए गए लैपटॉप दिखे.

केंद्र पर अपना गेहूं बेचने आए किसान अभय शंकर गौड़ ने बताया कि एक गरीब और अशिक्षित किसान इस पंजीयन की प्रक्रिया को करने में असमर्थ होगा. तो पंजीयन हो जाने के बाद टोकन लेने के लिए भी उसे कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से इस प्रक्रिया को आसान किए जाने की मांग की. वहीं गल्ला मंडी सचिव बबलू लाल ने पंजीयन की प्रक्रिया को प्रशासन से बात कर आसान किए जाने का आश्वासन दिया है.

एडीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 20 हज़ार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. पंजीयन की प्रक्रिया के लिए किसानों को सहूलियत दी जाएगी. उन्होंने केंद्रों पर लैपटॉप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होने का दावा किया. इस बार का सरकारी खरीब का लक्ष्य एक लाख 46 हज़ार 500 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है जो कि पिछले वर्ष से अधिक है.

हरदोई: कोरोना महामारी के चलते हर वर्ष होने वाली गेहूं खरीद इस बार 15 दिन की देरी से शुरू हुई है. जिले में इस बार करीब 98 सरकारी गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. लॉकडाउन के चलते किसानों को क्रय केंद्रों तक पहुंचने में काफी दिक्कतें आ रही हैं.

गेहूं बेचने के लिए किसानों को पंजीकरण करना होगा. इस लंबी और जटिल पंजीयन प्रक्रिया के चलते किसानों का मोह इन सरकारी केंद्रों से भंग होने लगा है. गल्ला मंडी में बने 12 सरकारी क्रय केंद्रों का जायजा लेने जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो आलम चौकाने वाला था. केंद्रों पर पसरा सन्नाटा केंद्रों की स्थिति बयान कर रहा था. यहां सेंटरों पर ना किसान दिखा और ना ही सेंटर इंचार्ज के पास पंजीयन करवाने के लिए दिए गए लैपटॉप दिखे.

केंद्र पर अपना गेहूं बेचने आए किसान अभय शंकर गौड़ ने बताया कि एक गरीब और अशिक्षित किसान इस पंजीयन की प्रक्रिया को करने में असमर्थ होगा. तो पंजीयन हो जाने के बाद टोकन लेने के लिए भी उसे कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से इस प्रक्रिया को आसान किए जाने की मांग की. वहीं गल्ला मंडी सचिव बबलू लाल ने पंजीयन की प्रक्रिया को प्रशासन से बात कर आसान किए जाने का आश्वासन दिया है.

एडीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 20 हज़ार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. पंजीयन की प्रक्रिया के लिए किसानों को सहूलियत दी जाएगी. उन्होंने केंद्रों पर लैपटॉप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन होने का दावा किया. इस बार का सरकारी खरीब का लक्ष्य एक लाख 46 हज़ार 500 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है जो कि पिछले वर्ष से अधिक है.

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