हरदोई: जिले में मौजूद कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने बनी झाड़-झंखाड़ वाली जगह को जिलाधिकारी ने हाल ही में औषधीय उद्यान का रूप दिया था, जहां इस वर्ष पौधरोपण के सीजन में तमाम औषधीय पौधों को लगाया गया है. जिससे कि जनपदवासी इन पौधों को इस्तेमाल में ला सकें. इससे उनमें एक सकारात्मक संदेश का प्रसार हो सके. इस औषधीय उद्यान के बनने से जिले के लोग यहां से प्रेरित होकर अपने घरों में भी इन औषधीय पौधों को लगाकर इनका लाभ उठा रहे हैं. जिलाधिकारी की ये पहल जिले के लिए कहीं न कहीं बेहद लाभकारी साबित हो रही है.
बेकार जगहों का इस्तेमाल
हरदोई जिलाधिकारी द्वारा पिछले वर्ष जिले की ग्राम पंचायतों से लेकर शहर में बेकार पड़ी जगहों को इस्तेमाल में लाया गया था. ये वो जगह थीं, जहां झाड़ियां और बड़ी-बड़ी घास उगी हुई थी. जिलाधिकारी पुलकित खरे ने ऐसी जगहों को चिन्हित कर इन्हें औषधीय उद्यान में परिवर्तित करवा दिया. जहां तमाम तरह के औषधीय पेड़-पौधे देखने को मिलेंगे. ये उद्यान जिले के सभी लोगों के लिए खुला रहता है, जिससे कि लोग यहां आकर इन औषधीय पौधों की महत्ता को समझें और जागरूक हो सकें.
लोग यहां से औषधीय पौधे घर में लगाने के लिए ले जा सकते हैं. एक वर्ष पूर्व जिलाधिकारी द्वारा जिले में शुरू किए गए 8 औषधीय उद्यान जनपदवासियों को भी खूब भाए. इनके बनने से उपेक्षित जगहें एक सुंदर से उद्यान में तो परिवर्तित हुईं. इसके साथ ही औषधीय पौधों के लगने से लोगों को इनके गुणों की जानकारी भी हुई.
एलोपैथिक दवाओं में होता है इस्तेमाल
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि इस वर्ष इन औषधीय उद्यानों को और भी विकसित किया गया है. यहां अधिकाधिक संख्या में तमाम औषधियों जैसे नीम, तुलसी, सतावर, आंवला, अश्वगंधा और गिलोए आदि औषधीय पौधों को लगाया गया है. जिससे कि लोगों पौधरोपण को लेकर प्रेरित हो सकें. उन्होंने जनपदवासियों को औषधीय पौधों को घर में लगाने पर होने वाले लाभ की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इन औषधीय पेड़ों में तमाम मर्जों को ठीक करने की क्षमता है. तमाम एलोपैथिक दवाओं को बनाने में भी इन औषधीय पेड़ों का इस्तेमाल किया जाता है.