हरदोई: जिलाधिकारी ने शनिवार को क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम पर जिम्मेदारों के साथ बैठक की और जिले का हाल जाना. साथ ही आयुष्मान भारत योजना की मौजूदा स्थिति से भी वे रू-ब-रू हुए. इन दो बैठकों के दौरान उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों व चिकित्सकों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए. साथ ही क्षय रोगों पर नियंत्रण कसने के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग कहां और कैसे किये जाने हैं, इस पर विस्तृत चर्चा की. इसके साथ ही आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाये जाने की गति को किस प्रकार तेज किया जाए, इसको लेकर भी उन्होंने निर्देशित किया.
जिले में भी क्षय रोगों से ग्रसित हुए मरीजों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इसके लिए जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने शनिवार को सीएमओ, सीएमएस महिला अस्पताल व पुरुष अस्पताल के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व चिकित्सकों के साथ सयुंक्त बैठक की. सबसे पहले उन्होंने आंकड़ों पर नजर डाली और प्रगति रिपोर्ट चेक की. निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने आंकड़ों को चौकाने वाला बताया. इस पर उन्होंने जिले में जल्द से जल्द एक्टिव केस फाइंडिंग शुरू किए जाने के आदेश दिए.
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी जगह जहां समन्स के मरीज होने की संभावनाएं अधिक हैं, जैसे इंडस्ट्रियल एरिया या अन्य ऐसी जगहें जहां फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं. ऐसी जगहों पर एक्टिव केस फाइंड कर उनका इलाज किया जाए. उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल किस प्रकार मरीजों को चिन्हित कर रहे हैं, इस पर नजर रखी जाए. साथ ही वे सही आंकड़ा प्रेषित कर रहे हैं या नहीं, इसकी जानकारी भी समय-समय पर की जानी चाहिए.
क्षय रोग उन्मूलन की बैठक के बाद जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने आयुष्मान भारत योजना के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी ली और गोल्डन कार्डों का आंकड़ा जाना. जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में 50 फीसद भी गोल्डन कार्ड अभी तक नहीं बने हैं. इससे साफ है लोग आज भी जागरूक नहीं हैं. आंकड़े को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी टीमें गठित कर भविष्य में लोगों को जागरूक करने का काम करेगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना से लाभान्वित हो सकें.
उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को चिन्हित करने का काम सीएचसी स्तर पर कराया जाएगा, जिससे लोगों को लाभ मिलने के साथ सीएचसी की कमाई भी हो सकेगी. क्योंकि जब इस योजना के तहत किसी मरीज का इलाज किया जाएगा तो उसका भुगतान आयुष्मान के स्तर से सीधे सीएचसी को होगा और इस पैसे से सीएचसी का विकास भी हो सकेगा.