हरदोईः मामला शाहाबाद तहसील का है. जहां तहसील दिवस के मौके पर डीएम से कानूनगो, लेखपाल और कलेक्ट्रेट के एक लिपिक के खिलाफ एक परिवार ने शिकायत दर्ज कराई गई थी. आरोप है कि इन अधिकारियों ने दैवीय आपदा राहत कोष से दी जाने वाली आर्थिक मदद देने के लिए रिश्वत मांग रहे थे. शिकायत के साथ जिलाधिकारी को पीड़ितों के साथ रिश्वत की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सौपी गई थी. इसपर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने कार्रवाई की.
क्या है पूरा मामला
- मामला तहसील शाहाबाद के ग्राम उधरनपुर मजरा परसई इलाके का है.
- जहां कानूनगो, लेखपाल और कलेक्ट्रेट के एक लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है.
- तहसील दिवस पर डीएम के पास थाना मझिला के एक पीड़ित ने इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
- पीड़ित के मां की मौत सर्पदंश से हो गई थी, जिसके बाद दैवीय आपदा राहत कोष से उसे 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जानी थी.
- आरोप है कि पीड़ित के खाते में पैसा आते ही कानूनगो, लेखपाल और लिपिक उस पर रिश्वत देने का दबाव बनाने लगे.
- पीड़ित ने जिलाधिकारी को उसके और लेखपाल रामप्रताप मिश्रा, कानूनगो अवधेश कुमार और लिपिक अनुराग मिश्रा के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सौंपी थी.
- तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया.
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तहसील दिवस के दौरान उनके पास सर्पदंश की घटना में सरकार की तरफ से दी जाने वाली अनुमन्य सहायता राशि दिलाने के एवज में कानूनगो, लेखपाल और कलेक्ट्रेट के एक लिपिक ने रुपयों की मांग की. पीड़ित इसकी रिकॉर्डिंग सुनाई साथ ही पीड़िता ने शपथ पत्र भी दिया. जिसके बाद तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
-पुलकित खरे, डीएम