हरदोई: जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्याम प्रकाश के बाद अब हरदोई से भाजपा सांसद जय प्रकाश रावत ने भी नौकरशाही पर सवाल उठाए हैं. भाजपा सांसद ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए सरकार में बेबस होने की बात कही है और कोविड-19 फंड में दी गई निधि के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सरकारी मशीनरी से वेंटिलेटर न खरीदे जाने पर भी सवाल किया है कि आखिर धनराशि कहां गई, कुछ नहीं पता. उन्होंने लिखा कि एमपी, एमएलए बेबस हैं, इतनी बेबसी कभी नहीं महसूस हुई. भाजपा विधायक के बाद अब भाजपा सांसद ने सरकारी मशीनरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
सोशल मीडिया के जरिए उठाए सवाल
हरदोई जिले में भाजपा नेताओं का गुस्सा नौकरशाही पर बढ़ता जा रहा है. हरदोई जिले में भारतीय जनता पार्टी के गोपामऊ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश के बाद अब हरदोई सदर से भाजपा सांसद जयप्रकाश रावत ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठाए हैं. भाजपा सांसद जयप्रकाश रावत ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा है कि- मैंने अपनी निधि इसी शर्त पर दी थी कि वेंटिलेटर खरीदा जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ निधि कहां गई पता नहीं. भाजपा सांसद लिखते हैं कि एमपी-एमएलए बेबस हैं, कोई सुनने वाला नहीं है. एक कमेंट के जवाब में उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए लिखा कि जब ऊपर से यह निर्देश होगा कि अधिकारी अपने विवेक से काम करें तो हमको कौन सुनेगा, हमने अपने 30 वर्षों के कार्यकाल में ऐसी बेबसी कभी महसूस नहीं की. भाजपा सांसद के सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए अपना दर्द बयां करने की पोस्ट सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के हरदोई सदर से सांसद जयप्रकाश रावत छठवीं बार सांसद बने हैं. वह पांच बार लोकसभा और एक बार बसपा से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. जयप्रकाश रावत ने 1991 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी और दो बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर हरदोई से सांसद चुने गए. यह पहला मौका नहीं है, जब किसी जनप्रतिनिधि ने सरकारी मशीनरी पर सवाल उठाए हैं. इससे पहले भाजपा विधायक श्याम प्रकाश मुखर होकर सरकार और सरकारी मशीनी पर सवाल खड़े कर चुके हैं.