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कोविड काल में आशा बहुओं को मिली ड्यूटी की सजा : सरकार से मिले 12 हजार रुपये, 4 हजार निगल गए डॉक्टर

हरदोई जिले में आशा वर्कर्स यूनियन ने जिलाधिकारी कार्यलाय पहुंचकर भ्रष्ट अधिकारियों व बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. आरोप है कि कोविड काल में आशा बहुओं को कोरोना काल में की गई ड्यटी के मेहताने में से कुछ हिस्सा डॉक्टर निगल गए.

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आशा वर्कर्स यूनियन
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Published : Jul 26, 2022, 4:48 PM IST

हरदोईः जिले के टोडरपुर ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आशा वर्कर्स यूनियन की सैकड़ों आशा बहुएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचीं. उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों व बाबुओं से आहत होकर जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने ड्यूटी की थी, लेकिन उनका पूरा मेहनताना उन्हें नहीं दिया गया.

आशा बहुओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है. वहीं, नगर मजिस्ट्रेट ने भी मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है. बता दें, कि कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना ड्यूटी करने वाली आशा बहुएं महीनों से अपने मेहनताने का इंतजार कर रही थीं. अब उन्हें सरकार से 12 हजार रुपये मिले हैं, इन पैसों को आशाओं को देने के एवज में सीएचसी पर तैनात बीपीएम शेखर गुप्ता व आशा संगिनी प्रतिभा सिंह ने प्रत्येक आशा से 4-4 हजार रुपये लिए हैं.

आशा वर्कर्स यूनियन

पढे़ेंः हरदोई: बीजेपी विधायक ने दो अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, जांच के लिए डीएम को लिखा पत्र

आशा बहुओं ने आरोप लगाया कि बच्चों के जन्म होने से लेकर उनका वजन करने तक मिलने वाले रुपयों में भी सीएचसी पर तैनात बीपीएम रुपये मांगते हैं. जन्म के लिए 600 में से 100 रुपये व एक बच्चे का 6 बार वजन करने पर मिलने वाले 250 में से 50 रुपये प्रति बच्चा की मांग करते हैं. भ्रष्टाचार से पीड़ित आशाओ ने जिलाधिकारी कार्यालय न्याय की गुहार लगाते हुए सीएचसी पर तैनात बीपीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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हरदोईः जिले के टोडरपुर ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आशा वर्कर्स यूनियन की सैकड़ों आशा बहुएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचीं. उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों व बाबुओं से आहत होकर जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने ड्यूटी की थी, लेकिन उनका पूरा मेहनताना उन्हें नहीं दिया गया.

आशा बहुओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है. वहीं, नगर मजिस्ट्रेट ने भी मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है. बता दें, कि कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना ड्यूटी करने वाली आशा बहुएं महीनों से अपने मेहनताने का इंतजार कर रही थीं. अब उन्हें सरकार से 12 हजार रुपये मिले हैं, इन पैसों को आशाओं को देने के एवज में सीएचसी पर तैनात बीपीएम शेखर गुप्ता व आशा संगिनी प्रतिभा सिंह ने प्रत्येक आशा से 4-4 हजार रुपये लिए हैं.

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आशा बहुओं ने आरोप लगाया कि बच्चों के जन्म होने से लेकर उनका वजन करने तक मिलने वाले रुपयों में भी सीएचसी पर तैनात बीपीएम रुपये मांगते हैं. जन्म के लिए 600 में से 100 रुपये व एक बच्चे का 6 बार वजन करने पर मिलने वाले 250 में से 50 रुपये प्रति बच्चा की मांग करते हैं. भ्रष्टाचार से पीड़ित आशाओ ने जिलाधिकारी कार्यालय न्याय की गुहार लगाते हुए सीएचसी पर तैनात बीपीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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