हापुड़. जनपद के थाना हाफिजपुर पुलिस व एसओजी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड सहित 4 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 15 मोटरसाइकिल, वाहन के लॉक तोड़ने के उपकरण, चाबियां व अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं. बरामद मोटरसाइकिल की कीमत करीब बीस लाख बताई जा रही है. यह गैंग ऑन डिमांड वाहनों की चोरी करता था. वाहनों की डिमांड नेपाल से आती थी.
बताया जाता है कि नेपाल से वाहन चोर गिरोह का सदस्य डिमांड करता था कि कौन सी मोटरसाइकिल चोरी करनी है. फिर यहां वाहन चोर गिरोह के सदस्य वही मोटरसाइकिल चोरी कर नेपाल बॉर्डर के लखीमपुर खीरी तक सप्लाई करके आते थे. पुलिस ने इस पूरे गैंग का खुलासा करते हुए चार शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है. चारों वाहन चोरों पर करीब 4 दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से 15 मोटरसाइकिल, वाहनों के लॉक तोड़ने के उपकरण, चाबियां, दो तमंचे व कारतूस बरामद किए हैं.
प्रेसवार्ता कर एसपी दीपक भूकर ने बताया कि यह वाहन चोर गैंग ऑन डिमांड वाहन चोरी करता था. इस गैंग के मास्टरमाइंड सुमित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. एसपी दीपक भूकर ने बताया कि मास्टरमाइंड सुमित ने नेपाल में रहने वाले राजकुमार, अतुल और लक्ष्मी से लखीमपुर खीरी में मुलाकात की. मास्टरमाइंड आरोपी सुमित द्वारा तीनों नेपाल में रहने वाले व्यक्तियों से चोरी की मोटरसाइकिल बेचने की पेशकश की गई.
इस पर यह सभी व्यक्ति चोरी की मोटरसाइकिल भारत नेपाल के बॉर्डर से खरीद कर नेपाल ले जाने के लिए राजी हो गए. आरोपी वाहन चोर गैंग नेपाल से आने वाली डिमांड के हिसाब से यहां से वाहन चोरी करने लगे. ऑन डिमांड वाहन चोर गैंग के सदस्य बुलेट, अपाची, केटीएम, स्कूटी व स्पलेंडर मोटरसाइकिल चोरी करते थे. इस काम के लिए मास्टरमाइंड सुमित तीनों आरोपी वाहन चोरों को दो-दो हजार देता था. मोटरसाइकिल आगे बिक्री करने पर मास्टरमाइंड सुमित 25 से 30 हजार की बिक्री कमाता था.
पढ़ेंः गाड़ी खड़ी करने को लेकर दो पक्षों में विवाद के बाद चली गोली, एक घायल
सुमित मोटरसाइकिल भारत नेपाल बॉर्डर पर भिजवाता था. बॉर्डर पर मोटरसाइकिल ले जाने वाले व्यक्तियों को वह 5000 से 7000 रुपये देता था. नेपाल में रहने वाले आरोपी राजकुमार मोटरसाइकिल लेकर आने वाले व्यक्ति को कुछ रकम दे देता था. बाकी रकम राजकुमार मास्टरमाइंड सुमित के अकाउंट या पेटीएम पर ट्रांसफर करवाता था. जब भी यह लोग मोटरसाइकिल बॉर्डर पर देने जाते थे. उस दौरान 4 से 5 किलोमीटर पहले से ही नेपाल में रहने वाले वाहन चोर गिरोह के सदस्य अलग-अलग स्थानों पर खड़े रहते थे जो यह जानकारी देते थे कि मोटरसाइकिल पास हुई है अथवा नहीं.
वह यह भी देखते थे कि कोई अन्य पुलिस या संदिग्ध तो मोटरसाइकिल के साथ नहीं है. इस सूचना के पश्चात ही राजकुमार अपने सहयोगी को मोटरसाइकिल खरीदने भेजता था. इसके बाद राजकुमार का सहयोगी मोटरसाइकिल खरीद कर बॉर्डर से नेपाल ले जाता था.
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि पुलिस नेपाल में रहने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी कर रही है. वहीं पकड़े गए आरोपियों की कॉल डिटेल निकाली जा रही है ताकि अन्य जानकारियां भी मिल सकें. यह भी जानकारी हो सके कि आरोपी वाहन चोर गैंग किन-किन लोगों के संपर्क में था. कौन लोग इनकी मदद कर रहे थे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप