हापुड़: जनपद में 29 अगस्त को विरोध प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. जिसके विरोध में वकीलों द्वारा प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर SIT का गठन किया गया. जिसमें कमिश्नर मेरठ,आईजी मेरठ जोन और डीआईजी मुरादाबाद शामिल हैं. एसआईटी शुक्रवार को जांच करने पहुंची. टीम ने मेरठ रोड स्थित सरकारी गेस्ट हाउस में पहले अधिकारियों के साथ मीटिंग की. वहीं, हापुड़ बार एसोसिएशन अध्यक्ष की अगुवाई में अधिवक्ताओं की 9 सदस्यीय टीम की SIT के सामने अपनी बात रखी.
करीब 1 घंटे की बातचीत के बाद बार अध्यक्ष एनुअल हक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और संघर्ष समिति द्वारा इस जांच कमेटी में न्यायिक अधिकारी और बार काउंसिल के लोग शामिल करने का अनुरोध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से किया है. जब तक इस जांच कमेटी में बदलाव नहीं किए जाएंगे और इसको बढ़ाया नहीं जाएगा तब तक हम प्रकरण से संबंधित अपना पक्ष और सबूत इस तीन सदस्य जांच कमेटी को देने में असमर्थ हैं. आने वाली 3 सितंबर को बार काउंसिल द्वारा मीटिंग की जाएगी. जिसके द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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बार अध्यक्ष ने कहा कि जांच कमेटी द्वारा अधिवक्ताओं को निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिला है. लेकिन, जब तक इस कमेटी में न्यायिक अधिकारी आदि शामिल नहीं किए जाते तब तक हम अपना पक्ष और बयान सबूत आदि इस जांच कमेटी के सामने रखने में असमर्थ हैं. इसलिए फिलहाल हम इस कमेटी का विरोध कर रहे हैं. जो भी दिशा निर्देश बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किए जाएंगे, उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इस पूरे प्रकरण में हापुड़ पुलिस द्वारा अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. जिसमे अलग-अलग घटनाओं को लेकर यह मामले दर्ज किए गए हैं. अलग-अलग F I.R में कुल 18 अधिवक्ताओं को नामजद करते हुए करीब 600 अज्ञात अधिवक्ताओं के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है.
सहारनपुर में अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापनः वहीं, हापुड़ घटना को लेकर शुक्रवार को सहारनपुर के बेहट बार एसोसिएशन द्वारा हड़ताल कर विरोध जताया गया. एसोसिएशन द्वारा तीन सूत्रीय ज्ञापन भी तहसीलदार बेहट को सौंपा गया, जिसमे दोषी पुलिसकर्मीयों के निलम्बन की मांग की गई. अधिवक्ताओं ने कहा कि हापुड़ घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. इस बैठक में लाठी चार्ज में घायल हुए अधिवक्ताओं के प्रति संवेदना भी व्यक्त की गई है.
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