हापुड़ः उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में लग्जरी कारों की चोरी का गिरोह काम कर रहा था. ये लोग ऑन डिमांड लग्जरी कारों की चोरी करके उनकी नंबर प्लेट बदलकर बिहार भेज देते थे. देहात थाने की पुलिस और एसओजी की टीम ने ऐसे ही एक शातिर वाहन चोर गैंग का खुलासा किया है. गिरोह के सदस्य दिल्ली एनसीआर सहित अन्य राज्यों में वाहन चोरी कर वाहनों की नंबर प्लेट बदलकर बिहार में वाहन सप्लाई करते थे. गिरोह ऑन डिमांड लग्जरी गाड़ियों की चोरी करता था और फिर बिहार ले जाकर उन गाड़ियों को बिक्री कर देता था.
हापुड़ के थाना देहात पुलिस और एसओजी की टीम ने चेकिंग के दौरान गांव टियाला बाईपास से वाहन चोर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने वाहन चोर गिरोह के पास से 4 कार, 6 जोड़ी नंबर प्लेट, दो स्कैनर, तीन वाईफाई डिवाइस व भारी मात्रा में वाहन चोरी करने के उपकरण बरामद किए हैं. तीनों के खिलाफ उत्तराखंड, गौतमबुधनगर व गाजियाबाद में चोरी, आबकारी, आर्म्स एक्ट व हत्या का प्रयास आदि के करीब 2 दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.
आरोपी वाहन चोर दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के राज्यों से वाहन चोरी कर वाहनों की नंबर प्लेट बदलकर बिहार ले जाते थे और बिक्री करते थे. तीनों वाहन चोरों ने पुलिस को बताया कि आसपास के जनपद व राज्यों में जाकर आरोपी रात में गाड़ियों को चिह्नित करते थे. फिर सबसे पहले वाहन का सेंट्रल लॉक सिस्टम काट देते थे. इसके बाद उपकरणों की मदद से गाड़ी का लॉक तोड़कर अपने साथ लाए ईसीएम को गाड़ी के ईसीएम में लगा देते थे. फिर मास्टर-की से गाड़ी को स्टार्ट करके चोरी कर लेते थे. चोरी के बाद वाहन को बिहार ले जाया जाता था और रास्ते में पड़ने वाले टोल टैक्स पर फास्टेग का उपयोग नहीं करते थे, बल्कि टोल प्लाजा पर कैश की लाइन में गाड़ी को लगाकर पार करते थे. बिहार से जिस भी गाड़ी की डिमांड आती थी, उस गाड़ी को चोरी करके बिहार तक पहुंचाते थे.
वाहन चोर गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम भी पूछताछ में सामने आए हैं. पुलिस अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है. जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा. एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि थाना हापुड़ देहात पुलिस और एसओजी की टीम ने एक अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 3 शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य दिल्ली एनसीआर और उत्तराखंड से गाड़ियां चोरी करते थे और फिर बिहार में बेच देते थे. इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार आरोपी फारुख है. उस पर 12 मुकदमे दर्ज हैं. दो अन्य गिरफ्तार आरोपी हैं सोनू और शहनवाज. आरोपियों को एक गाड़ी उठाने का लगभग 50 से 60 हजार रुपए मिलता था. बिहार के कुछ लोगों का इस मामले में नाम सामने आया है. यह लोग पहले भी जेल जा चुके हैं.