हमीरपुर: जिले की यमुना-बेतवा नदियों ने बुधवार को खतरे के निशान को पार कर लिया है. इसके साथ ही तटीय इलाकों की बस्तियां खाली होनी शुरू हो गई हैं. लोग सारा दिन अपनी घर-गृहस्थी का सामान ट्रैक्टरों और अन्य साधनों से ढोते रहे. अभी तक बाढ़ प्रभावितों के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं कराया है. बाढ़ के पानी को शहर में घुसने से रोकने के लिए रमेड़ी तरौस की पुलिया के मुंह की ईंटों से चुनाई करा दी गई है. उधर यमुना नदी में और पानी छोड़े जाने की खबर से तटीय इलाकों के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना में प्रतिघंटा 10 और बेतवा में 8 सेंटीमीटर की दर से पानी बढ़ रहा है. बुधवार की शाम 6 बजे यमुना नदी खतरे के निशान 103.540 मीटर से दो मीटर ऊपर 105.05 मीटर पर बह रही थी. जबकि बेतवा नदी खतरे के बिंदु( Betwa river danger point) 104.640 मीटर से 104.870 मीटर पर थी.
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दोनों नदियों के खतरे के निशान को पार करने की बेचैनी तटीय इलाकों में दिखाई देने लगी है. बड़े पैमाने पर बाढ़ से प्रभावित होने वालों ने सुरक्षित स्थानों का रुख कर लिया है. ट्रैक्टर, लोडर, ई-रिक्शा, हाथ रिक्शा से सामानों की ढुलाई की जा रही है. अभी तक प्रशासन की तरफ से भी कोई खास इंतजाम नहीं दिखाई दे रहे हैं. लोग धीरे-धीरे हाइवे किनारे डेरा डालने को मजबूर हो रहे हैं.
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