हमीरपुर: जिला मुख्यालय स्थित गोल चबूतरे पर बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार गांव के 50 से अधिक लोग पुलिस के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए. इस दौरान ग्रामीणों ने सुमेरपुर थानाध्यक्ष पर हत्या के मामले को सड़क दुर्घटना का रूप देने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को इस बात से अवगत कराया. इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए मजिस्ट्रियल जांच की आदेश दिए हैं.
क्या है मामला
⦁ बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार के रहने वाले करीब 50 लोग पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए.
⦁ मृतक की पत्नी ने बताया कि 5 अप्रैल को उनके पति को गांव के ही कुछ लोग अपने साथ मवईजार गांव ले गए थे.
⦁ रास्ते में सभी लोगों ने शराब पी और इसके बाद बालमुकुंद की जेब में पड़े 68 हजार रुपये लूट लिए.
⦁ पैसे लूटने के बाद बालमुकुंद की हत्या कर उनका शव सड़क के किनारे फेंक दिया.
⦁ कौशल्या ने आरोप लगाया कि पुलिस को घटनास्थल पर शव के पास से हत्या में प्रयुक्त लाठी और खून से सने पत्थर बरामद हुए.
⦁ पुलिस ने आश्वासन देते हुए अंतिम संस्कार के बाद मुकदमा लिखने की बात कही, लेकिन पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद एफआईआर लिखी.
⦁ मृतक की पत्नी ने हत्यारोपी को बचाने के लिए थानाध्यक्ष पर हत्या की घटना का मुकदमा सड़क दुर्घटना की धाराओं में दर्ज करने की बात कही.
पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों की जांच के लिए एसडीएम सदर राजेश चौरसिया को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पीड़ित परिवार को न्याय जरूर दिलाई जाएगी. जांच में यदि पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-अभिषेक प्रकाश, जिलाधिकारी