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हमीरपुर: हत्या के मामले में पुलिस कर रही है लीपापोती, पीड़ित ने लगाई डीएम से गुहार

हमीरपुर के बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार के रहने वाले करीब 50 ग्रामीण पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों ने सुमेरपुर के थानाध्यक्ष पर हत्या के मामले को सड़क दुर्घटना का रूप देने का आरोप लगाया है. पूरे मामले पर जिलाधिकारी ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

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Published : Jun 30, 2019, 8:40 AM IST

पुलिस पर लगाया हत्या के मामले को दबाने का आरोप.

हमीरपुर: जिला मुख्यालय स्थित गोल चबूतरे पर बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार गांव के 50 से अधिक लोग पुलिस के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए. इस दौरान ग्रामीणों ने सुमेरपुर थानाध्यक्ष पर हत्या के मामले को सड़क दुर्घटना का रूप देने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को इस बात से अवगत कराया. इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए मजिस्ट्रियल जांच की आदेश दिए हैं.

पुलिस पर लगाया हत्या के मामले को दबाने का आरोप.

क्या है मामला
⦁ बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार के रहने वाले करीब 50 लोग पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए.
⦁ मृतक की पत्नी ने बताया कि 5 अप्रैल को उनके पति को गांव के ही कुछ लोग अपने साथ मवईजार गांव ले गए थे.
⦁ रास्ते में सभी लोगों ने शराब पी और इसके बाद बालमुकुंद की जेब में पड़े 68 हजार रुपये लूट लिए.
⦁ पैसे लूटने के बाद बालमुकुंद की हत्या कर उनका शव सड़क के किनारे फेंक दिया.
⦁ कौशल्या ने आरोप लगाया कि पुलिस को घटनास्थल पर शव के पास से हत्या में प्रयुक्त लाठी और खून से सने पत्थर बरामद हुए.
⦁ पुलिस ने आश्वासन देते हुए अंतिम संस्कार के बाद मुकदमा लिखने की बात कही, लेकिन पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद एफआईआर लिखी.
⦁ मृतक की पत्नी ने हत्यारोपी को बचाने के लिए थानाध्यक्ष पर हत्या की घटना का मुकदमा सड़क दुर्घटना की धाराओं में दर्ज करने की बात कही.

पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों की जांच के लिए एसडीएम सदर राजेश चौरसिया को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पीड़ित परिवार को न्याय जरूर दिलाई जाएगी. जांच में यदि पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-अभिषेक प्रकाश, जिलाधिकारी

हमीरपुर: जिला मुख्यालय स्थित गोल चबूतरे पर बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार गांव के 50 से अधिक लोग पुलिस के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए. इस दौरान ग्रामीणों ने सुमेरपुर थानाध्यक्ष पर हत्या के मामले को सड़क दुर्घटना का रूप देने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को इस बात से अवगत कराया. इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए मजिस्ट्रियल जांच की आदेश दिए हैं.

पुलिस पर लगाया हत्या के मामले को दबाने का आरोप.

क्या है मामला
⦁ बिंवार थाना क्षेत्र के खड़ेहीजार के रहने वाले करीब 50 लोग पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए.
⦁ मृतक की पत्नी ने बताया कि 5 अप्रैल को उनके पति को गांव के ही कुछ लोग अपने साथ मवईजार गांव ले गए थे.
⦁ रास्ते में सभी लोगों ने शराब पी और इसके बाद बालमुकुंद की जेब में पड़े 68 हजार रुपये लूट लिए.
⦁ पैसे लूटने के बाद बालमुकुंद की हत्या कर उनका शव सड़क के किनारे फेंक दिया.
⦁ कौशल्या ने आरोप लगाया कि पुलिस को घटनास्थल पर शव के पास से हत्या में प्रयुक्त लाठी और खून से सने पत्थर बरामद हुए.
⦁ पुलिस ने आश्वासन देते हुए अंतिम संस्कार के बाद मुकदमा लिखने की बात कही, लेकिन पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद एफआईआर लिखी.
⦁ मृतक की पत्नी ने हत्यारोपी को बचाने के लिए थानाध्यक्ष पर हत्या की घटना का मुकदमा सड़क दुर्घटना की धाराओं में दर्ज करने की बात कही.

पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों की जांच के लिए एसडीएम सदर राजेश चौरसिया को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पीड़ित परिवार को न्याय जरूर दिलाई जाएगी. जांच में यदि पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-अभिषेक प्रकाश, जिलाधिकारी

Intro:हत्या को एक्सीडेंट बनाने पर अमादा पुलिस, पीड़ित परिजनों ने लगाई डीएम से गुहार

हमीरपुर। कानून व्यवस्था को लेकर किरकिरी का सामना कर रही जिला पुलिस पर शनिवार को एक और दाग लग गया। यहां जिला मुख्यालय स्थित गोल चबूतरे पर बिंवार थाना क्षेत्र के ग्राम खड़ेहीजार के 50 से अधिक निवासी पुलिस के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे। जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देते हुए सुमेरपुर पुलिस की कारगुजारिओं से अवगत कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुमेरपुर थानाध्यक्ष हत्या के मामले को सड़क दुर्घटना बनाने पर तुले हुए हैं। जिस पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए मजिस्ट्रियल जांच की आदेश दिए हैं।


Body:मृतक की पत्नी कौशल्या देवी  ने कहा कि  5 अप्रैल को उनके पति बालमुकुंद को गांव के ही भरत कुमार यादव,  विनोद कुमार व छोटे सिंह अपने साथ किसी कार्य से ग्राम मवईजार ले गए थे। रास्ते में सभी लोगों ने शराब पी और शराब पीने के बाद बालमुकुंद की जेब में पड़े 68 हजार रुपये लूट लिए और हत्या कर लाश सड़क के किनारे फेंक दी। कौशल्या देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस को घटनास्थल पर लाश के पास से हत्या में प्रयुक्त लाठी व खून से सने हुए पत्थर बरामद हुए थे। जिस पर पुलिस ने आश्वासन देकर अंतिम संस्कार के बाद मुकदमा लिखने की बात कही थी। लेकिन पुलिस ने एफआईआर लिखने में हीला हवाली बरती और घटना के तीन दिन बाद एफआईआर लिखी। उन्होंने सुमेरपुर थानाध्यक्ष गिरेंद्र पाल सिंह पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि हत्यारोपी को बचाने के लिए थानाध्यक्ष ने हत्या की घटना का मुकदमा सड़क दुर्घटना की धाराओं में दर्ज किया। कौशल्या ने कहा कि हत्या आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त खून से सनी लाठी व पत्थर को भी गायब कर दिया।


Conclusion:पीड़ित परिजनों के मामले का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवालों की जांच के लिए एसडीएम सदर राजेश चौरसिया को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पीड़ित परिवार को न्याय जरूर से जरूर नया जरूर से जरूर दिलाया जाएगा। जांच में यदि पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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नोट : पहली बाइट मृतक की पत्नी कौशल्या देवी की है व दूसरी बाइट जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की।


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