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हमीरपुर: विकास कार्य न होने से नाराज ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान - राठ विधानसभा क्षेत्र

हमीरपुर में राठ विधानसभा क्षेत्र के टोला खंगारन गांव में ग्रामवासियों ने पंचायत कर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. गांव वालों का कहना है कि जब भी चुनाव होता है तो नेता वोट मांगने आते हैं, लेकिन जीतने के बाद कभी दिखाई नहीं देते.

जानकारी देते ग्रामवासी.
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Published : Mar 13, 2019, 12:08 AM IST

हमीरपुर: लोकसभा चुनाव तारीखों की घोषणाके बाद जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां के लोगों ने बाकायदा पंचायत कर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है.गांव वालों का कहना है कि जब भी चुनाव आता है तो नेता वोट मांगने जरूर आते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कभी भी पलट कर नहीं देखते.

जानकारी देते ग्रामवासी.


जिले के राठ विधानसभा क्षेत्र के टोला खंगारन गांव में ग्रामवासियों का आक्रोश मंगलवार को फूट पड़ा. गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण उन्होंने पंचायत कर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया. गांववासी उत्तम सिंह का कहनाहै कि जब भी कोई चुनाव आता है, बुंदेलखंड के नाम पर राजनीतिहोने लगती है. सरकार बनने के बाद बुंदेलखंड को पैकेज भी दिए जाते रहें हैं, लेकिन वह पैकेज कहां जाते हैं,इसका पता आज तक नहीं चल सका.


उन्होंने कहा कि गांव की सड़कें इतनी खराब है कि अचानक किसी के बीमार हो जाने पर एंबुलेंस भी आसानी से गांव तक नहीं पहुंच पाती है. इसलिए अब अपने बुनियादी अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए सभी गांववासियों ने वोट को हथियार बनाने की ठान ली है.


वहीं स्थानीय निवासी फूल सिंह का कहना है कि गांव को तहसील से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग आजादी के बाद से अब तक नहीं बना है.जबकि इस संबंध में विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगाई गई.मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई गई,लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इस कारण सभी गांववासियों ने एकमत होकर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है.

हमीरपुर: लोकसभा चुनाव तारीखों की घोषणाके बाद जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां के लोगों ने बाकायदा पंचायत कर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है.गांव वालों का कहना है कि जब भी चुनाव आता है तो नेता वोट मांगने जरूर आते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद कभी भी पलट कर नहीं देखते.

जानकारी देते ग्रामवासी.


जिले के राठ विधानसभा क्षेत्र के टोला खंगारन गांव में ग्रामवासियों का आक्रोश मंगलवार को फूट पड़ा. गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण उन्होंने पंचायत कर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया. गांववासी उत्तम सिंह का कहनाहै कि जब भी कोई चुनाव आता है, बुंदेलखंड के नाम पर राजनीतिहोने लगती है. सरकार बनने के बाद बुंदेलखंड को पैकेज भी दिए जाते रहें हैं, लेकिन वह पैकेज कहां जाते हैं,इसका पता आज तक नहीं चल सका.


उन्होंने कहा कि गांव की सड़कें इतनी खराब है कि अचानक किसी के बीमार हो जाने पर एंबुलेंस भी आसानी से गांव तक नहीं पहुंच पाती है. इसलिए अब अपने बुनियादी अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए सभी गांववासियों ने वोट को हथियार बनाने की ठान ली है.


वहीं स्थानीय निवासी फूल सिंह का कहना है कि गांव को तहसील से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग आजादी के बाद से अब तक नहीं बना है.जबकि इस संबंध में विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगाई गई.मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई गई,लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इस कारण सभी गांववासियों ने एकमत होकर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है.

Intro:गांव में विकास न होने के कारण ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
हमीरपुर। लोकसभा चुनाव का आगाज होते ही नेताओं ने जोर शोर से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां के लोगों ने बाकायदा पंचायत कर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। गांव वालों का कहना है कि जब भी चुनाव आता है नेता वोट मांगने जरूर आते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद कभी भी पलट कर नहीं देखते। जिस कारण गांव में मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। गांव को तहसील से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग भी आजादी के बाद से अब तक नहीं बना जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


Body:जिले के राठ विधानसभा क्षेत्र के टोला खंगारन गांव वासियों का आक्रोश मंगलवार को फूट पड़ा। गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के चलते उन्होंने पंचायत कर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। गांववासी उत्तम सिंह कहते हैं कि जब भी कोई चुनाव आता है बुंदेलखंड के नाम पर राजनीत होने लगती है और सरकार बनने के बाद बुंदेलखंड पैकेज भी दिए जाते रहें हैं, लेकिन वह पैकेज कहां जाते रहे इसका पता आज तक नहीं चल सका। टोला खंगारन गांव में पक्की सड़क, नालियों और यहां तक कि बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का भी अभाव है, जिससे आक्रोशित गांववासियों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। वे कहते हैं कि गांव की सड़कें इतनी खराब है कि अचानक किसी के बीमार हो जाने पर एंबुलेंस भी आसानी से गांव तक नहीं पहुंच पाती है। इसलिए अब अपने बुनियादी अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए सभी गांव वासियों ने वोट को हथियार बनाने की ठान ली है।


Conclusion:स्थानीय निवासी फूल सिंह कहते हैं कि गांव को तहसील से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग भी आजादी के बाद से अब तक नहीं बना है। जबकि इस संबंध में गांव वासियों ने विधायक से लेकर सांसद तक गुहार लगाई, जब उसके बाद भी बात नहीं बनी तो उन्होंने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। जिस कारण सभी गांव वासियों ने एकमत होकर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है

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नोट : पहली बाइट स्थानीय निवासी उत्तम सिंह की है व दूसरी बाइट फूल सिंह की।
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