हमीरपुर: इंसानियत का रिश्ता बेजुबान जानवरों को भी अपना बना लेता है. फिर चाहे वह बेहद शर्मीला मनुष्यों से दूरी बनाकर रखने वाला जंगली जानवर वनरोज (नीलगाय) ही क्यों न हो. वैसे तो वनरोज ने बुंदेलखण्ड समेत प्रदेश के तमाम जिलों के किसानों की नाक में दम कर रखा है. वहीं भरुआ सुमेरपुर तहसील के हरिजन कॉलोनी में एक वनरोज लोगों का 'लाडला' बना हुआ है.
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चर्चा का विषय बना राजू
बस्ती के बड़े बुजुर्ग और बच्चे सभी राजू को बहुत प्यार करते हैं. सुलेमान बताते हैं कि चौपाया जानवर होने के बावजूद राजू इंसानों की तरह छत पर भी बहुत आसानी से चढ़ जाता है. बुंदेलखण्ड के जंगलों में वनरोज भारी संख्या में पाई जाती हैं. इनकी तादाद इतनी ज्यादा है कि किसानों को इनसे अपनी फसलें बचाने के लिए रातों को खेत में रतजग्गा करना पड़ता है. समय-समय पर शासन स्तर पर इन वनरोजों के सफाए को लेकर परमीशन भी दी जाती रही है, लेकिन हिरन की शक्ल वाले इन जंगली वनरोजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. ऐसे में इंसानों का दुश्मन समझे जाने वाले जंगली वनरोज की इंसानों के बीच मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है.