ETV Bharat / state

SP और BJP से टिकट पाने के लिए दावेदारों की लंबी कतार, BSP और कांग्रेस के कैम्प में सन्नाटा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज गया है. ऐसे में सियासी दलों में टिकट के लिए लंबी लाइन भी लगनी शुरू हो गई है.

टिकट पाने के लिए दावेदारों की लंबी कतार
टिकट पाने के लिए दावेदारों की लंबी कतार
author img

By

Published : Jan 9, 2022, 7:11 PM IST

हमीरपुरः विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज गया है. ऐसे में सियासी दलों में टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गयी है. सबसे ज्यादा कौतूहल समाजवादी पार्टी और बीजेपी के कार्यालयों में देखी जा रही है. वहीं बीएसपी और कांग्रेस के कैम्प में टिकट के लिए फिलहाल उतना उत्साह नजर नहीं आ रहा है.

राजनीति के इस महाकुंभ में अपनी वैतरणी पार लगाने के लिए क्षेत्र के सियासी दिग्गज माहौल बनाने में जुट गए हैं. अगर सत्तारुढ़ पार्टी की बात करें, तो जिले के कई नेता टिकट का जुगाड़ लगाने के लिए लखनऊ के चक्कर लगा रहे हैं. जिनमें से ज्यादातर तो स्थानीय विधायक की जाति से ही हैं. कोई किसी मंत्री के नजदीकी होने का फायदा उठाना चाहता है, तो कोई धनबल का.

बात अगर एसपी की करें तो सबसे ज्यादा उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने की जुगत में है. इसी को लेकर अखिलेश यादव के पिछले दौरे में गुटबाजी भी सामने आई थी. जब एक पूर्व मंत्री के बेटे को मंच में जगह नहीं मिल पाई थी और समाजवादी कार्यालय के उद्घाटन के दौरान नारेबाजी भी हुई थी. स्थानीय सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा मंथन ओबीसी प्रत्याशी के लिए हो रहा है.

वहीं बीएसपी के टिकट को लेकर अभी कोई खास उत्साह समझ में नहीं आ रहा है. अगर कोई बड़ी उठापटक नहीं हुई तो एक प्रधान टिकट की रेस में सबसे आगे है. कांग्रेस किसी दलबदलू उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है. चार बार के एक पूर्व विधायक और मंत्री रहे नेता और एक पूर्व विधायक की पत्नी भी किसी भी दल से टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. बीजेपी से एक पूर्व सैनिक और एसपी से रिटायर्ड विंग कमांडर का टिकट मांगना भी चर्चा का विषय बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें- Assembly Election 2022: सपा ने निर्वाचन आयोग से यूपी के कई अधिकारियों को हटाने की मांग उठाई

वहीं राठ विधान सभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. मनीषा यंहा से विधायक है, फिर भी यंहा बीजेपी का टिकट पाने के लिए लंबी कतार है. एसपी से पुराने और नए मिलाकर कई दावेदार हैं. इनमें अम्बरेश कुमारी के अलावा अनिल अहिरवार, पूर्व विधायक गयादीन, पूर्व विधायक के अलावा माया बाल्मीकि, पूर्व चेयरमैन के अलावा और भी लोग हैं. यहां लोधी राजपूतों की संख्या ज्यादा है. वही भाग्य विधाता हैं. इस बार उनका रुख ही तय करेगा. जिले में दो विधानसभा सीटे हैं.

हमीरपुरः विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज गया है. ऐसे में सियासी दलों में टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गयी है. सबसे ज्यादा कौतूहल समाजवादी पार्टी और बीजेपी के कार्यालयों में देखी जा रही है. वहीं बीएसपी और कांग्रेस के कैम्प में टिकट के लिए फिलहाल उतना उत्साह नजर नहीं आ रहा है.

राजनीति के इस महाकुंभ में अपनी वैतरणी पार लगाने के लिए क्षेत्र के सियासी दिग्गज माहौल बनाने में जुट गए हैं. अगर सत्तारुढ़ पार्टी की बात करें, तो जिले के कई नेता टिकट का जुगाड़ लगाने के लिए लखनऊ के चक्कर लगा रहे हैं. जिनमें से ज्यादातर तो स्थानीय विधायक की जाति से ही हैं. कोई किसी मंत्री के नजदीकी होने का फायदा उठाना चाहता है, तो कोई धनबल का.

बात अगर एसपी की करें तो सबसे ज्यादा उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने की जुगत में है. इसी को लेकर अखिलेश यादव के पिछले दौरे में गुटबाजी भी सामने आई थी. जब एक पूर्व मंत्री के बेटे को मंच में जगह नहीं मिल पाई थी और समाजवादी कार्यालय के उद्घाटन के दौरान नारेबाजी भी हुई थी. स्थानीय सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा मंथन ओबीसी प्रत्याशी के लिए हो रहा है.

वहीं बीएसपी के टिकट को लेकर अभी कोई खास उत्साह समझ में नहीं आ रहा है. अगर कोई बड़ी उठापटक नहीं हुई तो एक प्रधान टिकट की रेस में सबसे आगे है. कांग्रेस किसी दलबदलू उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है. चार बार के एक पूर्व विधायक और मंत्री रहे नेता और एक पूर्व विधायक की पत्नी भी किसी भी दल से टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. बीजेपी से एक पूर्व सैनिक और एसपी से रिटायर्ड विंग कमांडर का टिकट मांगना भी चर्चा का विषय बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें- Assembly Election 2022: सपा ने निर्वाचन आयोग से यूपी के कई अधिकारियों को हटाने की मांग उठाई

वहीं राठ विधान सभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. मनीषा यंहा से विधायक है, फिर भी यंहा बीजेपी का टिकट पाने के लिए लंबी कतार है. एसपी से पुराने और नए मिलाकर कई दावेदार हैं. इनमें अम्बरेश कुमारी के अलावा अनिल अहिरवार, पूर्व विधायक गयादीन, पूर्व विधायक के अलावा माया बाल्मीकि, पूर्व चेयरमैन के अलावा और भी लोग हैं. यहां लोधी राजपूतों की संख्या ज्यादा है. वही भाग्य विधाता हैं. इस बार उनका रुख ही तय करेगा. जिले में दो विधानसभा सीटे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.