हमीरपुर: योगी सरकार ने दम तोड़ रहे जिला स्तर पर विख्यात उद्योगों के लिए एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम की शुरुआत की थी. ओडीओपी के तहत जिले के सुमेरपुर कस्बे में बनने वाली प्रसिद्ध नागरा जूती उद्योग का भी चयन किया गया था. इससे उद्योग से जुड़े कारीगरों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, लेकिन कारीगरों की खुशी उदासी में बदलने में ज्यादा समय नहीं लगा. सरकार के किए ज्यादातर वादे हवा-हवाई ही साबित हुए हैं, जिस कारण जूती उद्योग से जुड़े कारीगर अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
ईटीवी भारत ने जूती उद्योग से जुड़े कारीगर संतोष से की बातचीत
- सरकार ने जब ओडीओपी की शुरुआत की थी, तब उम्मीद थी कि अच्छे दिन आएंगे.
- सरकार के किए गए ज्यादातर वादे कागजी शोभा बढ़ाने तक ही सीमित रह गए.
- ओडीओपी कार्यक्रम के तहत 19 लाभार्थियों का चयन जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा किया गया था.
- जिला स्तरीय चयन समिति ने 19 कारीगरों का पांच-पांच लाख का लोन भी स्वीकृत किया.
- बैंकों ने महज सात लोगों को मात्र एक से दो लाख तक लोन दिया.
- चयनित लाभार्थियों को पक्की दुकानें, आधुनिक टूल किट और ट्रेनिंग देने का वादा भी सरकार ने किया था.
संतोष ने बताया कि तमाम कारीगर लखनऊ में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने के लिए जाते रहे, लेकिन अब सभी कारीगर हताश और निराश हैं. वहीं प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर जब जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.