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हमीरपुर: CAA के विरोध में सड़क पर उतरे मुस्लिम समाज के लोग, कानून वापस लेने की मांग - muslims protest against caa

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में CAA के विरोध में सड़क पर मुस्लिम समाज के लोग उतर गए हैं. केंद्र सरकार से कानून को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.

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CAA के विरोध में सड़क पर मुस्लिम समाज के लोग
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Published : Dec 16, 2019, 1:50 PM IST

हमीरपुर: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से संसद में पास होने से नाराज मुस्लिम समाज के लोगों ने सोमवार को सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया. तहरीक-उलमा-ए-बुंदेलखंड के बैनर तले प्रदर्शन करने उतरे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल को काला कानून करार दिया.

संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन
बिल भारत में धर्म लिंग संस्कृति और समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करने की गारंटी देने वाले संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन है. अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से कानून को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग की.

CAA के विरोध में सड़क पर मुस्लिम समाज के लोग
बिल पूरी तरह से संविधान के खिलाफ
अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव को ज्ञापन सोते हुए मुस्लिम धर्मगुरु व शहर काजी मीनू हाफिज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया बिल पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है. संसद में संविधान की शपथ लेने वाले राजनेताओं ने नागरिकता संशोधन बिल को पास कर संविधान के पहले पन्ने पर कालिख पोतने का काम किया है.

मुस्लिमों को रखा गया है इससे बाहर
बिल प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए रास्ता साफ करता है, लेकिन खासकर मुस्लिमों को इससे बाहर रखा गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाते हैं कि राष्ट्रहित में इस कानून पर हस्ताक्षर न करें और इस बिल को पुनर्विचार के लिए एक बार फिर से सदन भेजें.

इसे भी पढ़ें-हमीरपुर: गोशालाएं बन रहीं 'मृत' शाला, जिला प्रशासन बना है अंजान

सभी मुसलमान इस मुल्क के बाइज्जत शहरी हैं और मुल्क की आजादी में हमारे पुरखों का भी खून लगा है. केंद्र सरकार सीएबी और एनआरसी के जरिए मुस्लिमों को कमजोर करना चाहती है.लेकिन हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे और ऐसा कतई नहीं होने देंगे.
-मीनू हाफिज, मुस्लिम धर्मगुरु

हमीरपुर: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से संसद में पास होने से नाराज मुस्लिम समाज के लोगों ने सोमवार को सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया. तहरीक-उलमा-ए-बुंदेलखंड के बैनर तले प्रदर्शन करने उतरे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल को काला कानून करार दिया.

संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन
बिल भारत में धर्म लिंग संस्कृति और समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करने की गारंटी देने वाले संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन है. अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से कानून को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग की.

CAA के विरोध में सड़क पर मुस्लिम समाज के लोग
बिल पूरी तरह से संविधान के खिलाफ
अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव को ज्ञापन सोते हुए मुस्लिम धर्मगुरु व शहर काजी मीनू हाफिज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया बिल पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है. संसद में संविधान की शपथ लेने वाले राजनेताओं ने नागरिकता संशोधन बिल को पास कर संविधान के पहले पन्ने पर कालिख पोतने का काम किया है.

मुस्लिमों को रखा गया है इससे बाहर
बिल प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए रास्ता साफ करता है, लेकिन खासकर मुस्लिमों को इससे बाहर रखा गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाते हैं कि राष्ट्रहित में इस कानून पर हस्ताक्षर न करें और इस बिल को पुनर्विचार के लिए एक बार फिर से सदन भेजें.

इसे भी पढ़ें-हमीरपुर: गोशालाएं बन रहीं 'मृत' शाला, जिला प्रशासन बना है अंजान

सभी मुसलमान इस मुल्क के बाइज्जत शहरी हैं और मुल्क की आजादी में हमारे पुरखों का भी खून लगा है. केंद्र सरकार सीएबी और एनआरसी के जरिए मुस्लिमों को कमजोर करना चाहती है.लेकिन हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे और ऐसा कतई नहीं होने देंगे.
-मीनू हाफिज, मुस्लिम धर्मगुरु

Intro: "कैब" के विरोध में सड़क पर उतरे मुस्लिम समाज के लोग, कानून वापस लेने की मांग

हमीरपुर। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन बिल के संसद में पास होने से नाराज मुस्लिम समाज के लोगों ने सोमवार को सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। तहरीक-उलमा-ए-बुंदेलखंड के बैनर तले प्रदर्शन करने उतरे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल को काला कानून करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बिल भारत में धर्म लिंग संस्कृति और समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करने की गारंटी देने वाले संविधान के अनुच्छेद 14 का खुला उल्लंघन है। अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से कानून को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग की।


Body:अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव को ज्ञापन सोते हुए मुस्लिम धर्मगुरु व शहर काजी मीनू हाफिज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया बिल पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि संसद में संविधान की शपथ लेने वाले राजनेताओं ने नागरिकता संशोधन बिल को पास कर संविधान के पहले पन्ने पर कालिख पोतने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह बिल प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए रास्ता साफ करता है लेकिन खासकर मुस्लिमों को इससे बाहर रखा गया है। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाते हुए कहा कि राष्ट्रहित में इस कानून पर हस्ताक्षर न करें और इस बिल को पुनर्विचार के लिए एक बार फिर से सदन भेजें।


Conclusion:मीनू हाफिज ने कहा कि सभी मुसलमान इस मुल्क के बाइज्जत शहरी हैं और मुल्क की आजादी में हमारे पुरखों का भी खून लगा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सीएबी और एनआरसी के जरिए मुस्लिमों को कमजोर करना चाहती है, लेकिन हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे और ऐसा कतई नहीं होने देंगे।

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नोट : बाइट धर्म मुस्लिम धर्मगुरु एवं शहर काजी मीनू हाफिज की है।
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