हमीरपुरः बेतवा और यमुना से आई बाढ़ के बाद मेरापुर गांव के किसान अपनी सड़ती हुई फसलों को देखकर लाचार हैं. सिंचाई के पर्याप्त साधन न होने के बावजूद कड़ी मेहनत से फसल तैयार करने वाले किसान बर्बादी का सैलाब उतरने के बाद तबाही का मंजर देखकर सहम जाने को मजबूर हैं.
फसल बर्बाद होने के बाद किसानों की आंखें अब जिला प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठी हैं कि उन्हें कब राहत उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं जिला प्रशासन बाढ़ से तबाह हुई फसलों का सर्वे कराए जाने की बात कह रहा है. सर्वे कराए जाने के बाद किसानों को जल्द से जल्द राहत मुहैया कराई जाएगी.
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मेरापुर गांव निवासी किसान घसीटा लाल अपने परिवार का भरण पोषण खेती के सहारे ही करते हैं. लेकिन यमुना और बेतवा नदी में आई भीषण बाढ़ की चपेट में आकर उनकी कई बीघा फसलें चौपट हो गई. जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
घसीटा लाल ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में ज्वार, मक्का और तिल आदि की फसल तैयार की थी. लेकिन बाढ़ के पानी की चपेट में आने से सारी फसल सड़ गई और अभी तक उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद मुहैया नहीं कराई गई है. ऐसा ही कुछ संगम निवासी गरीबे का भी कहना है.
दोनों नदियों में आई बाढ़ के बाद जिला प्रशासन द्वारा प्रभावितों को तत्काल मदद मुहैया कराई गई है. बाढ़ की चपेट में आकर जिन किसानों के घर एवं फसल आदि नष्ट हो गए हैं, उनका सर्वे युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. जल्द ही सर्वे का कार्य पूरा कर सरकार द्वारा अनुमन्य आर्थिक मदद सभी प्रभावितों को उपलब्ध कराई जाएगी.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी