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हमीरपुर में कर्ज ने ली किसान की जान - farmer have committed suicide in hamirpur

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव में बैंक और साहूकारों के कर्ज से तंग आकर किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ग्राम प्रधान रामकिशोर ने बताया कि किसान पर बैंक के मैनेजर और फील्ड ऑफीसर कर्ज चुकाने के लिए दबाव बना रहे थे.

कर्ज ने ली के एक और किसान की जान.
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Published : Jun 19, 2019, 6:38 PM IST

हमीरपुर: बुंदेलखंड इलाके में किसानों के मरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव में सामने आया है. खेती के भरोसे अपने परिवार का पेट पालने वाले किसान ने बैंक और साहूकारों के कर्ज से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. किसान की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया. मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं.

अपर जिलाधिकारी ने घटना की जानकारी दी.

क्या है मामला

  • जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव के शीतल यादव खेती के भरोसे ही परिवार का भरण पोषण करते थे.
  • पिछले कुछ वर्षों से वर्षा न होने से उनकी फसल बर्बाद होती चली गई. इस कारण उन्होंने बैंक और साहूकारों से कर्ज ले लिया था.
  • किसान ने 2012 में स्टेट बैंक से डेढ़ लाख रुपये अपने नाम से और पत्नी के नाम से 60 हजार रुपये कर्ज लिया था.
  • साथ ही साहूकारों का भी 2 लाख रुपये कर्ज़ था.
  • कर्ज जमा करने के लिए बैंक और साहूकार उस पर दबाव बना रहे थे, लेकिन फसल चौपट होने से वह कर्ज चुका पाने में असमर्थ था.

किसान शीतल यादव पर बैंक के मैनेजर और फील्ड ऑफीसर कर चुकाने के लिए दबाव बना रहे थे. इस कारण वह मानसिक रूप से तनाव में रहने लगा था. कर्ज के बोझ तले दबे शीतल यादव ने बुधवार सुबह घर में लगे एक बबूल के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. किसान को फांसी पर लटका देख परिजनों के होश उड़ गए. उन्होंने आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

-रामकिशोर, ग्राम प्रधान

किसान की मौत की सूचना मिली है. इसके परीक्षण के लिए मौके पर लेखपाल और कानूनगो को भेजा गया है. यदि किसान की मौत की वजह कर्ज है तो जिला प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी, हमीरपुर

हमीरपुर: बुंदेलखंड इलाके में किसानों के मरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव में सामने आया है. खेती के भरोसे अपने परिवार का पेट पालने वाले किसान ने बैंक और साहूकारों के कर्ज से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. किसान की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया. मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं.

अपर जिलाधिकारी ने घटना की जानकारी दी.

क्या है मामला

  • जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव के शीतल यादव खेती के भरोसे ही परिवार का भरण पोषण करते थे.
  • पिछले कुछ वर्षों से वर्षा न होने से उनकी फसल बर्बाद होती चली गई. इस कारण उन्होंने बैंक और साहूकारों से कर्ज ले लिया था.
  • किसान ने 2012 में स्टेट बैंक से डेढ़ लाख रुपये अपने नाम से और पत्नी के नाम से 60 हजार रुपये कर्ज लिया था.
  • साथ ही साहूकारों का भी 2 लाख रुपये कर्ज़ था.
  • कर्ज जमा करने के लिए बैंक और साहूकार उस पर दबाव बना रहे थे, लेकिन फसल चौपट होने से वह कर्ज चुका पाने में असमर्थ था.

किसान शीतल यादव पर बैंक के मैनेजर और फील्ड ऑफीसर कर चुकाने के लिए दबाव बना रहे थे. इस कारण वह मानसिक रूप से तनाव में रहने लगा था. कर्ज के बोझ तले दबे शीतल यादव ने बुधवार सुबह घर में लगे एक बबूल के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. किसान को फांसी पर लटका देख परिजनों के होश उड़ गए. उन्होंने आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

-रामकिशोर, ग्राम प्रधान

किसान की मौत की सूचना मिली है. इसके परीक्षण के लिए मौके पर लेखपाल और कानूनगो को भेजा गया है. यदि किसान की मौत की वजह कर्ज है तो जिला प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी, हमीरपुर

Intro:कर्ज के मर्ज ने ली बुंदेलखंड के एक और किसान की जान

हमीरपुर। बुंदेलखंड इलाके में किसानों के मरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस इलाके आए दिन कोई ना कोई किसान मौत को गले लगा ले रहा है। जिसके पीछे की मुख्य वजह फसल का बर्बाद होना या क़र्ज़ के मर्ज़ में डूबा होना है। ऐसा ही एक मामला जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव में सामने आया है। खेती के भरोसे अपने परिवार का पेट पालने वाले किसान ने बैंक व साहूकारों के कर्ज से आजिज आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। किसान की मौत परिजनों में कोहराम मच गया है मौके पर पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंच रहे हैं।


Body:जानकारी के मुताबिक सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव के रहने वाले किसान शीतल यादव खेती के भरोसे ही अपने परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पर्याप्त वर्षा ना होने के चलते उनकी फसल बर्बाद होती चली गई जिस कारण उन्होंने बैंक व साहूकारों से कर्ज ले लिया था। मृतक किसान शीतल ने 2012 में स्टेट बैंक से डेढ़ लाख रुपया अपने नाम से व पत्नी के नाम से ६० हज़ार रुपया क़र्ज़ लिया था साथ ही साहूकारों का भी 2 लाख रुपया क़र्ज़ था। जिसको जमा करने के लिए बैंक और साहूकार उस पर दबाव बना रहे थे लेकिन फसल चौपट होने के चलते वह कर्ज चुका पाने में असमर्थ था जिसके चलते व मानसिक तनाव में रहने लगा था। ग्राम प्रधान रामकिशोर ने बताया कि मृतक किसान शीतल यादव पर बैंक के मैनेजर व फील्ड ऑफीसर कर चुकाने के लिए दबाव बना रहे थे जिस कारण वह मानसिक रूप से तनाव में रहने लगा था। उन्होंने बताया कि कल के बोझ तले दबे शीतल यादव ने बुधवार सुबह घर में लगे एक बबूल के पेड़ में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। किसान को फांसी पर लटका देख परिजनों के होश उड़ गए उन्होंने आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


Conclusion:अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि किसान की मौत की सूचना मिली है। जिसके परीक्षण के लिए मौके पर लेखपाल व कानूनगो को भेजा गया है। यदि किसान की मौत की वजह कर्ज है तो जिला प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

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नोट : पहली बाइट ग्राम प्रधान रामकिशोर की है व दूसरी बाइट अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव की।
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