हमीरपुर: बुंदेलखंड इलाके में किसानों के मरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव में सामने आया है. खेती के भरोसे अपने परिवार का पेट पालने वाले किसान ने बैंक और साहूकारों के कर्ज से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. किसान की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया. मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं.
क्या है मामला
- जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के मुंडेरा गांव के शीतल यादव खेती के भरोसे ही परिवार का भरण पोषण करते थे.
- पिछले कुछ वर्षों से वर्षा न होने से उनकी फसल बर्बाद होती चली गई. इस कारण उन्होंने बैंक और साहूकारों से कर्ज ले लिया था.
- किसान ने 2012 में स्टेट बैंक से डेढ़ लाख रुपये अपने नाम से और पत्नी के नाम से 60 हजार रुपये कर्ज लिया था.
- साथ ही साहूकारों का भी 2 लाख रुपये कर्ज़ था.
- कर्ज जमा करने के लिए बैंक और साहूकार उस पर दबाव बना रहे थे, लेकिन फसल चौपट होने से वह कर्ज चुका पाने में असमर्थ था.
किसान शीतल यादव पर बैंक के मैनेजर और फील्ड ऑफीसर कर चुकाने के लिए दबाव बना रहे थे. इस कारण वह मानसिक रूप से तनाव में रहने लगा था. कर्ज के बोझ तले दबे शीतल यादव ने बुधवार सुबह घर में लगे एक बबूल के पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. किसान को फांसी पर लटका देख परिजनों के होश उड़ गए. उन्होंने आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
-रामकिशोर, ग्राम प्रधान
किसान की मौत की सूचना मिली है. इसके परीक्षण के लिए मौके पर लेखपाल और कानूनगो को भेजा गया है. यदि किसान की मौत की वजह कर्ज है तो जिला प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी, हमीरपुर