हमीरपुर: जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के गांव पचखुरा बुजुर्ग में अस्थाई गोशाला से रिहा किए गए आवारा गोवंश को लेकर शुक्रवार को ग्राम प्रधान पति और किसान आमने-सामने हो गए. किसानों का आरोप है कि ग्राम प्रधान के गुर्गों ने अस्थाई गोशाला से गोवंश को रिहा कर दिया, जिससे गोवंशों ने 50 बीघे की फसल नष्ट कर दी. वहीं प्रधान पति का आरोप है कि अराजकतत्वों ने गोशाला का ताला तोड़कर गोवंश को बाहर किया है.
ग्रामीणों और प्रधान पति के बीच हुआ विवाद
मामला जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के गांव पचखुरा बुजुर्ग का है. गांव में पंचायत की ओर से अस्थाई अन्ना गोवंश आश्रय स्थल बनवाया गया है, जिसमें करीब 175 गोवंश संरक्षित हैं. गुरुवार की रात अचानक सभी अन्ना गोवंश रिहा हो गए. सुबह किसानों ने बाड़ा देखा तो गांव में किसी ने अफवाह फैला दी कि ग्राम प्रधान के इशारे पर उसके गुर्गों ने गोवंश को रात में रिहा किया है.
किसानों की फसलें हुई नष्ट
इसी बीच पता चला कि बाड़े से रिहा गोवंश ने गांव के किसान शिव गुप्ता की 8 बीघे, रामऔतार गुप्ता की 8 बीघे, समरथ सिंह की 4 बीघे, राजेंद्र पाल सिंह 6 बीघे, अरिमर्दन सिंह की 6 बीघा, सुनील भदौरिया की 3 बीघे की फसल नष्ट कर दी है. तभी ग्राम प्रधान पति रामनारायण अपने पुत्र संजय सोनकर के साथ मौके पर पहुंचे. ग्राम प्रधान पति को मौके पर पहुंचते ही किसानों का गुस्सा फूट पड़ा.
प्रधान पति के गनर ने किसानों पर राइफल तान दी, इससे किसान और अधिक आक्रोशित हो गए और गनर की पिटाई शुरू कर दी. गांव निवासी किसान पवन सिंह बताते हैं कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए शासन द्वार धनराशि उपलब्ध कराए जाने के बावजूद ग्राम प्रधान ने अन्ना गोवंश के चारे पानी की व्यवस्था नहीं की बल्कि उन्हें रात में छोड़ दिया, जिससे उनकी फसलें नष्ट हुई हैं.
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मारपीट में शामिल दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जांच करने के बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी.
-अनुराग सिंह, सीओ सदर