हमीरपुरः किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी अन्ना गायों को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करा दिया, लेकिन यही अन्ना गाय अब ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत बन गई हैं. सोमवार को 12 से अधिक ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए अन्ना गायों के चारे पानी के बंदोबस्त के लिए किसी अन्य विभाग को जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.
ग्राम प्रधानों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
जिले में सोमवार को अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे. ग्राम प्रधानों का आरोप है कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए प्रशासन ने जो बजट उपलब्ध कराया है वह बहुत कम है. साथ ही उपजिलाधिकारी अशोक कुमार यादव को ज्ञापन सौंपते हुए ग्राम प्रधानों ने अन्ना गायों के लिए बजट जारी करने के बजाय किसी अन्य विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.
तत्काल कदम उठाने की मांग
मीडिया से बात करते हुए ग्राम प्रधान कुलदीप सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर उनके राजनीतिक विरोधी अन्ना गायों के प्रबंधन के नाम पर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रधानों का उत्पीड़न रोकने के लिए जिला प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सभी ग्राम प्रधान एक साथ इस्तीफा दे देंगे और अस्थाई गौशालाओं में बंद अन्ना गायों को भी छोड़ देंगे.
बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी
ग्राम प्रधान ने कहा कि कई सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अन्ना प्रबंधन के लिए जारी किए गए बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी की जा रही है, जिससे गांवों में गलत संदेश जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए प्रशासन ने अभी तक कुछ खाते में 10 हजार और कुछ खातों में 20 हजार रुपए की राशि भेजी है, जो की सैकड़ों की तादाद में बंद अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए कम है.
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