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हमीरपुर: अन्ना गायों से ग्राम प्रधान परेशान, उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन - अन्ना गाय अस्थाई गौशालाओं में बंद

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां पर उन्होंने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए किसी अन्य विभाग को जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.

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अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधानों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन.
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Published : Dec 2, 2019, 5:19 PM IST

हमीरपुरः किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी अन्ना गायों को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करा दिया, लेकिन यही अन्ना गाय अब ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत बन गई हैं. सोमवार को 12 से अधिक ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए अन्ना गायों के चारे पानी के बंदोबस्त के लिए किसी अन्य विभाग को जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.

अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधानों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन.

ग्राम प्रधानों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
जिले में सोमवार को अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे. ग्राम प्रधानों का आरोप है कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए प्रशासन ने जो बजट उपलब्ध कराया है वह बहुत कम है. साथ ही उपजिलाधिकारी अशोक कुमार यादव को ज्ञापन सौंपते हुए ग्राम प्रधानों ने अन्ना गायों के लिए बजट जारी करने के बजाय किसी अन्य विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.

तत्काल कदम उठाने की मांग
मीडिया से बात करते हुए ग्राम प्रधान कुलदीप सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर उनके राजनीतिक विरोधी अन्ना गायों के प्रबंधन के नाम पर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रधानों का उत्पीड़न रोकने के लिए जिला प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सभी ग्राम प्रधान एक साथ इस्तीफा दे देंगे और अस्थाई गौशालाओं में बंद अन्ना गायों को भी छोड़ देंगे.

बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी
ग्राम प्रधान ने कहा कि कई सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अन्ना प्रबंधन के लिए जारी किए गए बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी की जा रही है, जिससे गांवों में गलत संदेश जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए प्रशासन ने अभी तक कुछ खाते में 10 हजार और कुछ खातों में 20 हजार रुपए की राशि भेजी है, जो की सैकड़ों की तादाद में बंद अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए कम है.

इसे भी पढ़ें- बस्ती: गोशाला बनी गायों की कब्रगाह, जिम्मेदार बोले बजट नहीं

हमीरपुरः किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी अन्ना गायों को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करा दिया, लेकिन यही अन्ना गाय अब ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत बन गई हैं. सोमवार को 12 से अधिक ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए अन्ना गायों के चारे पानी के बंदोबस्त के लिए किसी अन्य विभाग को जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.

अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधानों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन.

ग्राम प्रधानों ने उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
जिले में सोमवार को अन्ना गायों से परेशान ग्राम प्रधान डीएम से गुहार लगाने जिलााधिकारी कार्यालय पहुंचे. ग्राम प्रधानों का आरोप है कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए प्रशासन ने जो बजट उपलब्ध कराया है वह बहुत कम है. साथ ही उपजिलाधिकारी अशोक कुमार यादव को ज्ञापन सौंपते हुए ग्राम प्रधानों ने अन्ना गायों के लिए बजट जारी करने के बजाय किसी अन्य विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की.

तत्काल कदम उठाने की मांग
मीडिया से बात करते हुए ग्राम प्रधान कुलदीप सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर उनके राजनीतिक विरोधी अन्ना गायों के प्रबंधन के नाम पर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रधानों का उत्पीड़न रोकने के लिए जिला प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सभी ग्राम प्रधान एक साथ इस्तीफा दे देंगे और अस्थाई गौशालाओं में बंद अन्ना गायों को भी छोड़ देंगे.

बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी
ग्राम प्रधान ने कहा कि कई सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अन्ना प्रबंधन के लिए जारी किए गए बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी की जा रही है, जिससे गांवों में गलत संदेश जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए प्रशासन ने अभी तक कुछ खाते में 10 हजार और कुछ खातों में 20 हजार रुपए की राशि भेजी है, जो की सैकड़ों की तादाद में बंद अन्ना गायों के रख-रखाव के लिए कम है.

इसे भी पढ़ें- बस्ती: गोशाला बनी गायों की कब्रगाह, जिम्मेदार बोले बजट नहीं

Intro:ग्राम प्रधानों ने दी चेतावनी, अन्ना प्रबंधन के नाम पर उत्पीड़न न बंद हुआ तो दे देंगे इस्तीफ़ा

हमीरपुर। किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनी अन्ना गायों को नियंत्रित करने के लिए के लिए अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में जिला प्रशासन द्वारा बंद करा दिया गया, लेकिन यही अन्ना जानवर अब ग्राम प्रधानों के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। सोमवार को दर्जनों की संख्या में जिला अधिकारी से गुहार लगाने पहुंचे ग्राम प्रधानों ने आरोप लगाया कि अन्ना गायों के रखरखाव के लिए प्रशासन की तरफ से जो बजट उपलब्ध कराया गया है वह उसके मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने उप जिला अधिकारी अशोक कुमार यादव को ज्ञापन सौंपते हुए अस्थाई गौशालाओं बंद अन्ना गायों के चारे पानी के बंदोबस्त के लिए बजट जारी करने के बजाय किसी अन्य विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपे जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर उनके राजनीतिक विरोधी अन्ना गायों के प्रबंधन के नाम पर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानों का उत्पीड़न रोकने के लिए यदि जिला प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सभी ग्राम प्रधान एक साथ इस्तीफा दे देंगे व अस्थाई गौशालाओं में बंद अन्ना गायों को छोड़ भी देंगे।





Body:कुम्हऊपुर ग्राम पंचायत के प्रधान कुलदीप सिंह ने कहा कि कई सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अन्ना प्रबंधन के लिए जारी किए गए बजट को लेकर सार्वजनिक तौर पर भ्रामक बयानबाजी की जा रही है। जिससे गांवों में गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा कि जबकि हकीकत यह है कि अन्ना गायों के रखरखाव के लिए प्रशासन द्वारा अभी तक कुछ खाते में 10 हज़ार व कुछ खातों में 20 हज़ार की राशि भेजी गई है।


Conclusion:जो कि सैकड़ों की तादाद में बंद अन्ना गायों के रखरखाव के लिए नाकाफी है। उन्होंने कहा कि अन्ना गायों के चारे भूसे की आपूर्ति की जिम्मेदारी पशुपालन अथवा किसी अन्य विभाग को सौंप दी जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन प्रधानों की समस्या को गंभीरता से लें अन्यथा सभी ग्राम प्रधान एकजुट इस्तीफा दे देंगे और गौशालाओं में बंद अन्ना गायों को भी छोड़ देंगे।
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नोट : बाइट ग्राम प्रधान कुलदीप सिंह की है।
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