हमीरपुर: यूपी एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस के साझा अभियान में मारा गया दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का सबसे करीबी अमर दुबे मंगलवार रात मौदहा के अरतरा गांव में शरण मांगने पहुंचा था. अरतरा गांव निवासी नरोत्तम दीक्षित ने अमर को शरण देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अमर गांव के बाहर रात गुजार रहा था. इसी बीच पुलिस और एसटीएफ ने अमर की घेराबंदी कर दी, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया. अमर का शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया है, जहां डॉक्टरों के पैनल द्वारा उसका पोस्टमार्टम कराया जाएगा, साथ ही इसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी.
अरतरा गांव में शरण मांगने पहुंचा था अमर दुबे
अरतरा गांव निवासी नरोत्तम दीक्षित ने बताया कि उनके बेटे दिनेश की ससुराल बिकरू से 22 किमी दूर लक्ष्मणपुर में है. जहां उसकी अमर से अक्सर मुलाकात होती रहती थी. उसी रिश्तेदारी के नाते वह उनके यहां पहुंचा था. उन्होंने बताया कि अमर दुबे उनसे मिलने चार-पांच साल पहले आया था. कानपुर कांड के बाद मंगलवार रात 10 बजे के आसपास वह उनके पास शरण मांगने पहुंचा, जिससे उन्होंने साफ इनकार कर दिया. वहीं दूसरी ओर मुठभेड़ में घायल मौदहा इंस्पेक्टर मनोज शुक्ला और एसटीएफ पुलिसकर्मी को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया है. मौके पर पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार, एएसपी संतोष कुमार सिंह, फील्ड यूनिट, फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाॅयड ने मौके से साक्ष्य एकत्रित कर लिए हैं.
पुलिस की कई टीमें अरतरा गांव में पूछताछ कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर अमर दुबे के आपराधिक इतिहास की जानकारी कानपुर के चौबेपुर थाना से ली जा रही है.