गोरखपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में अपने साधु-संतों और समर्थकों के साथ गुलाल और राख से होली खेली. सालों से कायम परंपरा को निभाते हुए गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ सबसे पहले अपने गुरुओं का आशीर्वाद लिया. फिर इसके बाद समर्थकों के साथ वह होलिका दहन स्थल पर पहुंचे. जहां पर पहले से मौजूद साधु संतों ने जय श्री राम के घोष के बीच उनके साथ राख का तिलक लगाकर होली खेली.
संत परंपरा को निभाते हुए गोरक्ष पीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होली खेलने जनपद पहुंचे. राख से होली खेलने की परंपरा को निभाते हुए योगी ने होली खेली. हालांकि इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था लोगों के लिए कुछ परेशानी का कारण जरूर बनी फिर भी योगी ने किसी को निराश नहीं किया.
इस दौरान योगी आदित्यनाथ का रूप देखने लायक था. चेहरे पर बड़ा सा चश्मा और हल्दी के लेप के साथ वह लोगों के बीच अबीर, गुलाल खेलने उतरे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि होली का त्यौहार आपसी भाईचारे और प्रेम का त्यौहार है. प्रदेशवासी इसको पूरे उत्साह के साथ मनाए. इस दौरान उन्होंने पुलवामा की घटना में शहीद हुए जवानों को भी नमन किया और देश के विकास की भी कामना की.
वहीं योगी आदित्यनाथ को अपने बीच पाकर साधु-संत भी खुश दिखाई दिए. राजनीतिक व्यस्तताओं के कारण कल शाम होलिका दहन के अवसर पर योगी के यहां न पहुंचने से उनके समर्थक जो कल निराश हुए थे वह आज योगी को अपने बीच पाकर खुशी से झूम रहे थे. उनके मंदिर के पुजारी हो या फिर दूर दराज के मंदिरों से आए हुए महंत और पुजारी सभी को योगी ने आज के अवसर पर अपनी मौजूदगी से खुश होने का मौका दे दिया.
महंत कौशलेंद्र ने कहा कि उन्हें लगता ही नहीं की महाराज जी मुख्यमंत्री के रूप में कभी उन लोगों के साथ पेश आते हैं. वह पहले जैसे थे आज भी वैसे ही हैं. यही वजह है कि उनके प्रेमी न पहले कम थे और न ही आज. मंदिर की अपनी इस होली के बाद सीएम योगी घंटाघर घर से निकलने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा और होली खेलने लोगों के बीच निकल पड़े.