गोरखपुरः सीएम योगी ने प्रदेश की कमान संभालते ही शिल्पियों के व्यापार को बढावा देने के लिए टेराकोटा को ओडीओपी में शामिल किया. इसके बाद माटी कला बोर्ड का गठन किया गया, तो कुम्हारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. बोर्ड का गठन होने के बाद गोरखपुर के औरंगाबाद गांव में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था.
बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रमुख सचिव नवीन सहगल यहां अवलोकन के लिए पहुंचे. इस दौरान शिल्पी मोहनलाल प्रजापति ने मिट्टी से निर्मित भगवान गणेश की मुर्ति देकर उन्हें सम्मानित किया. कार्यक्रम के बाद बोर्ड अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने वर्कशॉप पोखरा कलाकृतियों का अवलोकन किया. शिल्पियों ने कच्ची मिट्टी से तैयार हाथी, घोड़ा, शोलैम्प, दीया, झूमर जैसी सैकड़ों कलाकृतियों को दिखाया और उसकी उपयोगिता के बारे में भी एक-एक करके बताया.
बोर्ड अध्यक्ष ने गांव में स्थित उस पोखरे का अवलोकन भी किया, जिस पोखरे की मिट्टी से साल 1914 में विजयी प्रजाति ने टेराकोटा कला की शुरुआत की थी. इस दौरान शिल्पी मोहनलाल प्रजाति ने बताया कि इसके दो पोखरे हमारी कुम्हारी कला की धरोहर है. वहीं बोर्ड अध्यक्ष ने एक-एक शिल्पी से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी और जल्द ही समस्याओं का निदान करने का अश्वासन दिया.
हमारा गांव औरंगाबाद माटी कला बोर्ड में चयनित हुआ है. प्रमुख सचिव यहां आए थे. उनके आने लिए हम धन्यवाद देते हैं. प्रमुख सचिव से हम लोगों की मांग है कि इलेक्ट्रॉनिक चॉक, पग, मील भठ्ठी और कुछ पैसों का अनुदान मिले ताकि हम लोग अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकें.
-मोहनलाल प्रजापति, शिल्पकार