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विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद की ई-कॉमर्स वेबसाइट की तर्ज पर होगी बिक्री, ओडीओपी मार्ट से भी बिक्री में होगा इजाफा

गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद को ई-कॉमर्स वेबसाइट की तर्ज पर ओडीओपी मार्ट पर भी देश विदेश में बैठा कोई भी व्यक्ति ऑर्डर देकर खरीद सकता है. हाल ही में इसका वर्चुअल फेयर भी कराया गया था, जिसमें करीब 35 देशों के एक हजार से अधिक लोग जुड़े हुए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में हर जिले के विशेष उत्पादों को आगे बढ़ाने के लिए ओडीओपी योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत प्रदेश के सभी जिलों की अपनी अलग पहचान रखने वाले उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है.

ओडीओपी मार्ट से भी बिक्री में होगा इजाफा
ओडीओपी मार्ट से भी बिक्री में होगा इजाफा
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Published : Aug 29, 2021, 6:44 PM IST

Updated : Aug 29, 2021, 7:55 PM IST

गोरखपुर: गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद को ई-कॉमर्स वेबसाइट की तर्ज पर ओडीओपी मार्ट पर भी देश विदेश में बैठा कोई भी व्यक्ति ऑर्डर देकर खरीद सकता है. हाल ही में इसका वर्चुअल फेयर भी कराया गया था, जिसमें करीब 35 देशों के एक हजार से अधिक लोग जुड़े हुए थे.

इसके साथ ही एक जिला एक उत्पाद के रूप में चयनित इस प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और भी चल रही हैं. जिस कड़ी में गोरखपुर मंडल में कृषक उत्पाद संगठन (एफपीओ) की तर्ज पर टेराकोटा उत्पादक संगठन बनाने की भी तैयारी की जा रही हैं. एफपीओ को लेकर मंडल के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक भी पूर्ण हो चुकी हैं. जिसके बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद हैं. टेराकोटा गोरखपुर के औरंगाबाद गांव का एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसकी अद्भुत कलाकृतियों और टिकाऊ पन ने यहां के कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया है.

कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया
शिल्पकारों का बढ़ा मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में हर जिले के विशेष उत्पादों को आगे बढ़ाने के लिए ओडीओपी योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत प्रदेश के सभी जिलों की अपनी अलग पहचान रखने वाले उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है. जिसमें टेराकोटा गोरखपुर का पिछले पांच दशकों से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ, यही वजह है कि इसकी बिक्री के लिए ओडीओपी मार्ट बनाया गया है जो ई-कॉमर्स वेबसाइट की तर्ज पर काम करेगा.
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया

बहुत जल्द इन शिल्पकारों को जोड़कर एक संगठन बनाया जाएगा और उत्पाद को बेहतर बनाने, उसके मार्केटिंग का भी आसान रास्ता तैयार होगा. उपायुक्त उद्योग आर.के. शर्मा कहते हैं कि सरकार से मिले हर निर्देश पर अमल किया जा रहा है. निश्चित रूप से उत्पादक संगठन बनाने से काफी लाभ होगा और इन्हें बाजार उपलब्ध कराने के लिए जो भी जरूरी उपाय होंगे. उसके साथ प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी शिल्पकारों को उपलब्ध होगा. वहीं इस कार्य से जुड़े हुए शिल्पकार भी इससे होने वाली कमाई और पहचान से गदगद हैं.


जिस वजह से औरंगाबाद के लगभग हर घर में यह कार्य होता है. यहां के कलाकार गुलाब चंद्र प्रजापति कहते हैं कि उन्हें बहुत सम्मान मिला है. दुनिया के कई देशों में जाकर कला को प्रदर्शित ही नहीं किए हैं लोगों को प्रशिक्षित भी किया है. राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञानी जैल सिंह और डॉ कलाम जैसे राष्ट्रपति ने भी उन्हें सम्मानित किया है.

गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद
गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद
एफपीओ और कॉमन फेसिलिटी सेंटर से शिल्पकारों को मिलेगी बड़ी मदद
23 जनवरी 2021 को लखनऊ के अवध शिल्प मेले में भी टेराकोटा के उत्पादों और उसके हुनरमंद शिल्पकारों ने लोगों को अपनी ओर बरबस ही आकर्षित किया था. सरकार शिल्पकारों को मिट्टी और मिट्टी की गुड़ाई के लिए इलेक्ट्रिक चाक भी उपलब्ध करा चुकी हैं, साथ ही आधुनिक भट्टी समेत अन्य चीजें भी उपलब्ध करा रही है.
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया

बहुत जल्द शहर के जंगल तिकोनिया नंबर-एक के मोहनापुर इलाके में कॉमन फैसिलिटी सेंटर पर भी काम शुरू हो जाएगा, जिस पर करीब 2.35 करोड़ खर्च होगा. जिसके तहत एक छत के नीचे शिल्पकारों को सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

दो से तीन दर्जन टेराकोटा शिल्पी आपस में मिलकर एक समिति बनाएंगे और यह समिति उपलब्ध संस्था संसाधनों का संचालन करेगी. जिससे तैयार उत्पाद की मार्केटिंग के लिए जिला उद्योग केंद्र और सरकार के अन्य प्लेटफार्म मदद करेंगे. सरकारी आयोजनों में टेराकोटा की कलाकृतियों को ही अतिथियों को उपहार देने की पहल भी शुरू हो गई हैं. साथ ही हर जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय में भी टेराकोटा के उत्पाद स्थापित किये गए हैं.

गोरखपुर: गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद को ई-कॉमर्स वेबसाइट की तर्ज पर ओडीओपी मार्ट पर भी देश विदेश में बैठा कोई भी व्यक्ति ऑर्डर देकर खरीद सकता है. हाल ही में इसका वर्चुअल फेयर भी कराया गया था, जिसमें करीब 35 देशों के एक हजार से अधिक लोग जुड़े हुए थे.

इसके साथ ही एक जिला एक उत्पाद के रूप में चयनित इस प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और भी चल रही हैं. जिस कड़ी में गोरखपुर मंडल में कृषक उत्पाद संगठन (एफपीओ) की तर्ज पर टेराकोटा उत्पादक संगठन बनाने की भी तैयारी की जा रही हैं. एफपीओ को लेकर मंडल के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक भी पूर्ण हो चुकी हैं. जिसके बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद हैं. टेराकोटा गोरखपुर के औरंगाबाद गांव का एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसकी अद्भुत कलाकृतियों और टिकाऊ पन ने यहां के कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया है.

कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया
शिल्पकारों का बढ़ा मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार में हर जिले के विशेष उत्पादों को आगे बढ़ाने के लिए ओडीओपी योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत प्रदेश के सभी जिलों की अपनी अलग पहचान रखने वाले उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है. जिसमें टेराकोटा गोरखपुर का पिछले पांच दशकों से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ, यही वजह है कि इसकी बिक्री के लिए ओडीओपी मार्ट बनाया गया है जो ई-कॉमर्स वेबसाइट की तर्ज पर काम करेगा.
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया

बहुत जल्द इन शिल्पकारों को जोड़कर एक संगठन बनाया जाएगा और उत्पाद को बेहतर बनाने, उसके मार्केटिंग का भी आसान रास्ता तैयार होगा. उपायुक्त उद्योग आर.के. शर्मा कहते हैं कि सरकार से मिले हर निर्देश पर अमल किया जा रहा है. निश्चित रूप से उत्पादक संगठन बनाने से काफी लाभ होगा और इन्हें बाजार उपलब्ध कराने के लिए जो भी जरूरी उपाय होंगे. उसके साथ प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी शिल्पकारों को उपलब्ध होगा. वहीं इस कार्य से जुड़े हुए शिल्पकार भी इससे होने वाली कमाई और पहचान से गदगद हैं.


जिस वजह से औरंगाबाद के लगभग हर घर में यह कार्य होता है. यहां के कलाकार गुलाब चंद्र प्रजापति कहते हैं कि उन्हें बहुत सम्मान मिला है. दुनिया के कई देशों में जाकर कला को प्रदर्शित ही नहीं किए हैं लोगों को प्रशिक्षित भी किया है. राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञानी जैल सिंह और डॉ कलाम जैसे राष्ट्रपति ने भी उन्हें सम्मानित किया है.

गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद
गोरखपुर के विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद
एफपीओ और कॉमन फेसिलिटी सेंटर से शिल्पकारों को मिलेगी बड़ी मदद
23 जनवरी 2021 को लखनऊ के अवध शिल्प मेले में भी टेराकोटा के उत्पादों और उसके हुनरमंद शिल्पकारों ने लोगों को अपनी ओर बरबस ही आकर्षित किया था. सरकार शिल्पकारों को मिट्टी और मिट्टी की गुड़ाई के लिए इलेक्ट्रिक चाक भी उपलब्ध करा चुकी हैं, साथ ही आधुनिक भट्टी समेत अन्य चीजें भी उपलब्ध करा रही है.
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया
कलाकारों को देश-विदेश में सम्मान दिलाया

बहुत जल्द शहर के जंगल तिकोनिया नंबर-एक के मोहनापुर इलाके में कॉमन फैसिलिटी सेंटर पर भी काम शुरू हो जाएगा, जिस पर करीब 2.35 करोड़ खर्च होगा. जिसके तहत एक छत के नीचे शिल्पकारों को सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

दो से तीन दर्जन टेराकोटा शिल्पी आपस में मिलकर एक समिति बनाएंगे और यह समिति उपलब्ध संस्था संसाधनों का संचालन करेगी. जिससे तैयार उत्पाद की मार्केटिंग के लिए जिला उद्योग केंद्र और सरकार के अन्य प्लेटफार्म मदद करेंगे. सरकारी आयोजनों में टेराकोटा की कलाकृतियों को ही अतिथियों को उपहार देने की पहल भी शुरू हो गई हैं. साथ ही हर जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय में भी टेराकोटा के उत्पाद स्थापित किये गए हैं.

Last Updated : Aug 29, 2021, 7:55 PM IST
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