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गोरखपुर: 8 सूत्रीय मांगों को लेकर सरैया डिस्टेलरी के श्रमिकों का धरना, श्रम मंत्रालय को लिखा पत्र - pollution charge file on factory

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जिले के चौरीचौरा स्थित सरैया डिस्टेलरी के श्रमिक कई दिनों से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. इस दौरान कर्मचारियों ने मांगे पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

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धरने पर बैठे सरैया डिस्टेलरी के श्रमिक.
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Published : Feb 8, 2020, 1:13 PM IST

गोरखपुर: चौरी चौरा सरैया डिस्टेलरी में काम करने वाले 113 श्रमिक कई दिनों से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ये सभी कर्मचारी आठ घण्टे की शिफ्ट छूटने के बाद डिस्टेलरी के मुख्य गेट पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं. श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें पांच महीने से मासिक वेतन नहीं दिया गया है.

सरैया डिस्टेलरी के श्रमिकों का धरना.

कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय को लिखा पत्र
कर्मचारियों ने अपनी मांगों को जिले के उपश्रमायुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य महाप्रबंधक डिस्टेलरी से अवगत कराया है. इसके साथ ही कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय भारत सरकार को भी इस बारे में पत्र लिखा है. कर्मचारियों ने लिखित पत्र में मांगें पूरी न होने पर भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

प्रदूषण फैलाने के कारण चर्चा में आई थी डिस्टेलरी
अगस्त 2019 में एनजीटी की टीम से स्थानीय लोगों ने बायसी नाले में प्रदूषित पानी गिराने का आरोप सरैया डिस्टेलरी पर लगाया था. उसी समय एनजीटी की टीम डिस्टेलरी के आसपास की जगहों से पानी के नमूने अपने साथ ले गई थी.

प्रदूषण के आरोप में करोड़ो का हर्जाना
एनजीटी ने सरैया डिस्टेलरी पर लगभग 6 करोड़ का हर्जाना भी लगाया था. एनजीटी ने अपने रिपोर्ट में सरैया डिस्टेलरी से आस-पास के जल के दूषित होने का दावा भी किया था. साथ ही एनजीटी ने डिस्टेलरी प्रबंधन को जल ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का भी आदेश दिया है.


हम लोगों की मांग है कि हमारा पांच महीने से बकाया वेतन दिया जाए और साथ ही दो वर्षों का पीएफ जमा कराया जाए. हमारी मांगों को लेकर फैक्ट्री मैनेजमेंट सकारात्मक आश्वासन नहीं दे रहा है.
-हृदय शंकर मिश्र, कर्मचारी नेता

गोरखपुर: चौरी चौरा सरैया डिस्टेलरी में काम करने वाले 113 श्रमिक कई दिनों से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ये सभी कर्मचारी आठ घण्टे की शिफ्ट छूटने के बाद डिस्टेलरी के मुख्य गेट पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं. श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें पांच महीने से मासिक वेतन नहीं दिया गया है.

सरैया डिस्टेलरी के श्रमिकों का धरना.

कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय को लिखा पत्र
कर्मचारियों ने अपनी मांगों को जिले के उपश्रमायुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य महाप्रबंधक डिस्टेलरी से अवगत कराया है. इसके साथ ही कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय भारत सरकार को भी इस बारे में पत्र लिखा है. कर्मचारियों ने लिखित पत्र में मांगें पूरी न होने पर भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

प्रदूषण फैलाने के कारण चर्चा में आई थी डिस्टेलरी
अगस्त 2019 में एनजीटी की टीम से स्थानीय लोगों ने बायसी नाले में प्रदूषित पानी गिराने का आरोप सरैया डिस्टेलरी पर लगाया था. उसी समय एनजीटी की टीम डिस्टेलरी के आसपास की जगहों से पानी के नमूने अपने साथ ले गई थी.

प्रदूषण के आरोप में करोड़ो का हर्जाना
एनजीटी ने सरैया डिस्टेलरी पर लगभग 6 करोड़ का हर्जाना भी लगाया था. एनजीटी ने अपने रिपोर्ट में सरैया डिस्टेलरी से आस-पास के जल के दूषित होने का दावा भी किया था. साथ ही एनजीटी ने डिस्टेलरी प्रबंधन को जल ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का भी आदेश दिया है.


हम लोगों की मांग है कि हमारा पांच महीने से बकाया वेतन दिया जाए और साथ ही दो वर्षों का पीएफ जमा कराया जाए. हमारी मांगों को लेकर फैक्ट्री मैनेजमेंट सकारात्मक आश्वासन नहीं दे रहा है.
-हृदय शंकर मिश्र, कर्मचारी नेता

Intro:सरैया डिस्टेलरी श्रमिकों को पाँच महीनों से नही मिला है वेतन ,आठ सूत्रीय मांग के साथ कर रहे है सत्याग्रह




चौरी चौरा। सरैया डिस्टेलरी एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है।कारण है डिस्टेलरी में कार्य करने वाले 113 श्रमिकों का धरना जो पिछले दिन दिनों से जारी है।सबसे बड़ी बात यह है कि डिस्टेलरी के कर्मचारी अपना कार्य भी कर रहे है।जानकारी के मुताबिक सरैया डिस्टेलरी आठ आठ घण्टे के तीन शिफ्ट में चलती है।इस दौरान डिस्टेलरी में कार्य करने वाले श्रमिक शिप्ट के अनुसार कार्य भी कर रहे है।और शिप्ट छूटने के बाद खाली समय मे डिस्टेलरी के मुख्य गेट पर शांति पूर्ण ढंग से धरना भी दे रहे है।श्रमिको का धरना पिछले 10 दिनों से अनवरत जारी है।श्रमिको को पाँच महीनों से मासिक वेतन नही मिला है।तीन वर्षों से यूनिफार्म नही दिया जा रहा है।कम्पनी नियम के अनुसार शौचालय व पीने के पानी प्राथमिक सुविधाएं नही दी जा रही है।इस प्रकार की आठ सूत्रीय मांगों को लेकर डिस्टेलरी के श्रमिक धरने पर है।

Body:कर्मचारियों ने अपनी मांगों को जिले के उपश्रमायुक्त,जिलाधिकारी,मुख्य महाप्रबंधक डिस्टेलरी सहित श्रम मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखकर बताया है।कर्मचारियों ने अपने पत्र में मांग पूरी न होने पर भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।कर्मचारियों के नेता हृदय शंकर मिश्र ने ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी समस्या को जिम्मदारो तक पहुचाने की गुहार लगाई है।कर्मचारी नेता ने बताया कि हम लोगो की मांग है कि हमारा पाँच महीने से बकाया वेतन दिया जाय।दो वर्षों से जो हमारा पीएफ है जमा कराया जाय।गृह चोटी चार वर्षों से बकाया है उसको जमा कराया जाय।फैक्ट्री मैनेजमेंट सकारात्मक आस्वासन नही दे रही है।


बाइट-- हृदय शंकर मिश्र कर्मचारी नेता

Conclusion:पिछले वर्ष प्रदूषण का फैलाने के कारण चर्चा में आई थी डिस्टेलरी

अगस्त 2019 में एनजीटी की टीम से स्थानीय लोगो ने सरैया डिस्टेलरी द्वारा बगल के बायसी नाले में प्रदूषित पानी गिराने का आरोप लगाया था।एनजीटी की कई सदस्यों की टीम ने सरैया डिस्टेलरी व आसपास के जगहों से पानी के नमूने अपने साथ ले गई थी।

प्रदूषण के आरोप में करोड़ो का हर्जाना


एनजीटी ने सरैया डिस्टेलरी पर लगभग 6 करोड़ का हर्जाना भी लगाया था।एनजीटी ने अपने रिपोर्ट में सरैया डिस्टेलरी से आस पास के जल के दूषित होने का दावा भी किया था।एनजीटी ने सरैया डिस्टेलरी प्रबंधन को जल ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का भी आदेश दिया है।


इस मामले पर डिस्टेलरी के जिम्मेदार लोग कुछ कहने से बच रहे है कैमरे के पीछे दिए बयान में एक जिम्मेदार ने कहा है कि कर्मचारियों व फैक्ट्री का अपना निजी मामला है जो जल्द ही सुलझ जाएगा।


अरुण यादव ईटीवी भारत चौरी चौरा
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