गोरखपुर: चौरी चौरा सरैया डिस्टेलरी में काम करने वाले 113 श्रमिक कई दिनों से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि ये सभी कर्मचारी आठ घण्टे की शिफ्ट छूटने के बाद डिस्टेलरी के मुख्य गेट पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे हैं. श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें पांच महीने से मासिक वेतन नहीं दिया गया है.
कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय को लिखा पत्र
कर्मचारियों ने अपनी मांगों को जिले के उपश्रमायुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य महाप्रबंधक डिस्टेलरी से अवगत कराया है. इसके साथ ही कर्मचारियों ने श्रम मंत्रालय भारत सरकार को भी इस बारे में पत्र लिखा है. कर्मचारियों ने लिखित पत्र में मांगें पूरी न होने पर भविष्य में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
प्रदूषण फैलाने के कारण चर्चा में आई थी डिस्टेलरी
अगस्त 2019 में एनजीटी की टीम से स्थानीय लोगों ने बायसी नाले में प्रदूषित पानी गिराने का आरोप सरैया डिस्टेलरी पर लगाया था. उसी समय एनजीटी की टीम डिस्टेलरी के आसपास की जगहों से पानी के नमूने अपने साथ ले गई थी.
प्रदूषण के आरोप में करोड़ो का हर्जाना
एनजीटी ने सरैया डिस्टेलरी पर लगभग 6 करोड़ का हर्जाना भी लगाया था. एनजीटी ने अपने रिपोर्ट में सरैया डिस्टेलरी से आस-पास के जल के दूषित होने का दावा भी किया था. साथ ही एनजीटी ने डिस्टेलरी प्रबंधन को जल ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का भी आदेश दिया है.
हम लोगों की मांग है कि हमारा पांच महीने से बकाया वेतन दिया जाए और साथ ही दो वर्षों का पीएफ जमा कराया जाए. हमारी मांगों को लेकर फैक्ट्री मैनेजमेंट सकारात्मक आश्वासन नहीं दे रहा है.
-हृदय शंकर मिश्र, कर्मचारी नेता