गोरखपुर : अगर मन में मजबूत इरादा हो तो कठिन से भी कठिन लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. गोरखपुर की बेटी विजया मिश्रा ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. विजया सौ प्रतिशत दिव्यांग है, मगर उन्होंने अपनी शारीरिक कमजोरी को कभी बाधा नहीं बनने दी. जिंदगी ने उन्हें जितना दर्द दिया, वह उतनी ही खूबसूरती से कूची और कलर को अपनी दवा बना ली. अपने जज्बे के कारण विजया ने चित्रकारी की दुनिया में एक अनूठा मुकाम हासिल किया. देवी देवताओं के चित्र बनाना हो या फिर देश की बड़ी राजनीतिक हस्तियों की पेटिंग, बस वह पेटिंग ब्रश से कैनवास पर जादू कर देती हैं. कुछ ही मिनटों में वह किसी भी शख्स का पोट्रेट बना देती हैं. विजया मिश्रा ने अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग पीएम मोदी, सीएम योगी और ममता बनर्जी जैसे दिग्गजों को भेंट किया है. अब वह अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए आर्ट गैलरी तैयार करना चाहती हैं.
बीमारी ने शरीर को किया बेजान, मगर इरादे बुलंद ही रहे : विजया मिश्रा जन्म से दिव्यांग नहीं थी. 1995 में वह अचानक अर्थराइटिस की चपेट में आ गई . करीब 10 वर्षों में इस बीमारी ने उसे बेजान कर दिया. फाइन आर्ट्स की स्टूडेंट रही दिव्या इस दर्द में भी पेन और पेपर के जरिए जीवन में ऊर्जा भर्ती रही. उसके पिता भी अपनी बेटी को हौसला देते रहे. इस बीच विजया के मामा ने गोरखपुर के तत्कालीन सासंद योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी. उन्होंने सीएम योगी से बाबा रामदेव से इलाज में मदद कराने की गुहार की. योगी ने विजया मिश्रा के इलाज के लिए बाबा रामदेव को चिट्ठी दे दी. जब चिट्ठी लेकर विजया अपने पिता के साथ रामदेव के आश्रम जा रही थी, तभी रास्ते में उनकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया. इस हादसे में विजया मिश्रा के हाथ-पैर टूट गए. वह दोबारा लंबे समय के लिए बिस्तर पर आ गई. जिंदगी में उसका संघर्ष और बढ़ गया.
परितोष सेन ने निखार दिया हुनर : कोलकाता में निवास के दौरान विजया जाने-माने चित्रकार परितोष सेन के संपर्क में आई. परितोष सेन की मदद से उन्होंने अपनी पेटिंग के हुनर को बड़े कैनवस तक पहुंचाया. इसके बाद वह कई बड़े चित्रकारों के संपर्क में आई तो पेंटिंग की दुनिया में कमाल कर दिया. उन्होंने नरेंद्र मोदी को उनकी पेटिंग उस समय भेंट की थी, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसके अलावा उन्होंने ममता बनर्जी, प्रणब मुखर्जी, केशरी नाथ त्रिपाठी, बाबा रामदेव, बिरजू महराज, अमिताभ बच्चन, जावेद अख्तर,योगी आदित्यनाथ को पेंटिग्स भेंट किए हैं. उनके जीविका का भी अब यही साधन है. दिव्यांगता और उम्र को देखते हुए वह खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित करना चाहती है. अब वह अयोध्या में भगवान राम के जीवन चरित्र पर एक आर्ट गैलरी बनाना चाहती है. सीएम योगी के भरोसे ने उसके दिल में उम्मीद फिलहाल जगाई है.
पढ़ें : गोरखपुर: तिरंगे के सम्मान में पंचायतकर्मी मैदान में, सम्मानपूर्वक निस्तारण के लिए घरों से खुद उतार रहे झंडे