गोरखपुर: यूपी के टॉप 61 माफिया की सूची में शामिल राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल से गिरफ्तार कर लिया गया. बाहुबली राजन तिवारी कभी माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल का साथी साथी रहा था. गोरखपुर की कैन्ट पुलिस व एसओजी की टीम राजन को गिरफ्तार करने के लिए मंगलवार की की रात को ही बिहार में पहुंच गई थी. गोरखपुर पुलिस टीम में शामिल कैन्ट थाने के विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज अमित चौधरी व एसओजी प्रभारी मनीष यादव ने बिहार पुलिस के मदद से राजन तिवारी को गुरुवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया. माफिया को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हो गई.
बिहार से पकड़ा गया माफिया नेपाल भागने की फिराक में था. बता दें, कैंट पुलिस ने गुरुवार की शाम राजन तिवारी को गोरखपुर कोर्ट नम्बर तीन में पेश किया. कोर्ट में पेशी के बाद माफिया राजन तिवारी को 14 दिन के लिए भेज दिया गया.
गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमें में वांछित था राजन तिवारी
बिहार राज्य के गोविंदगंज सीट से पूर्व विधायक राजन तिवारी के खिलाफ बिहार और यूपी में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. राजन पर गोरखपुर में 36 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. वह कैन्ट थाने में दर्ज गैंगेस्टर के मुकदमे में वांछित था और उसके खिलाफ NBW वारंट (Non Bailable Warrant) भी जारी हुआ था. गोरखपुर पुलिस ने उसके ऊपर 20 हजार का इनाम भी रखा था. पुलिस की 3 टीमें सीओ कैन्ट श्यामदेव बिंद की अगुवाई में लगातार एक महीने से दबिश दे रहीं थीं.
बिहार की मोतिहारी पुलिस को सूचना मिली कि राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में हैं और वह मोतिहारी में छिपा है. बिहार पुलिस ने इसकी सूचना यूपी पुलिस को साझा की. गुरुवार को बिहार और यूपी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में रक्सौल से गिरफ्तार कर लिया. मोतिहारी के एसपी कुमार आशीष ने राजन तिवारी के गिरफ्तार होने की पुष्टि की है. वहीं, गोरखपुर जिले के कैन्ट इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने भी राजन की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. राजन का नाम यूपी के टॉप 61 माफिया की लिस्ट में शुमार है. गोरखपुर कैंट थाने में दर्ज 1996 में हुई एक हत्या के मामले में राजन तिवारी को आरोपी बनाया गया था. इस केस में गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला भी सह आरोपी था.
बीजेपी की सदस्यता लेने पर हुआ था विवाद
राजन तिवारी पर यूपी और बिहार में 40 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजन तिवारी ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली थी. बीजेपी सदस्यता लेने के बाद काफी विवाद हुआ था, इसके बाद पार्टी ने राजन को साइडलाइन कर दिया. प्रदेश में 61 माफियाओं की सूची में राजन तिवारी का नाम भी शामिल है. वर्ष 2005 से राजन तिवारी के खिलाफ कई बार NBW(Non Bailable Warrant) जारी हो चुका है. एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि राजन तिवारी को कोर्ट में पेश करने के लिए एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर को निर्देशित किया गया था. इसके बाद एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई की निगरानी और सीओ कैंट श्याम विंद के नेतृत्व में गोरखपुर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने टीम गठित की थी. टीम में एसएचओ कैंट, एसओजी और सर्विलांस टीम को लगाया गया था.
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