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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से पहले पूर्वांचल में योगी ने बनाया निवेश का माहौल

प्रदेश में साल 2023 में होने वाली ग्लोबल इन्वेसटर्स समिट के लिए सीएम योगी ने देश विदेश के उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए माहौल बना दिया है. सीएम ने अफसरों को हिदायत दी है कि उद्योगपतियों की किसी भी प्रकार की समस्या को लेकर शासन को पत्र लिखने में संकोच न करें.

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Published : Dec 27, 2022, 2:06 PM IST

सीएम योगी (फाइल फोटो)
सीएम योगी (फाइल फोटो)

गोरखपुर: साल 2023 में प्रदेश में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआइएस) के मद्देनजर पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी उद्योगों की स्थापना और उद्योगपतियों को आकर्षित करने का माहौल बना दिया है. इसकी शुरुआत उन्होंने गीडा के स्थापना दिवस 30 नवंबर से ही कर दी थी. इसके क्रम में यहां के उद्योगपतियों से तालमेल बैठाकर गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल योजनाओं को आगे बढ़ाने में लगे हैं. सीएम योगी ने भावी औद्योगिक विकास की जो रूपरेखा तैयार कर दी है, इसके अनुसार नए औद्योगिक क्षेत्र धुरियापार को डेवलप करने पर जोर दिया जा रहा. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत उद्योगों की स्थापना और सड़क मार्ग के साथ रेलवे से भी इसको जोड़ने का प्रयास हो रहा है, जिससे उद्यमियों में विकास की डोर और मजबूत होगी.

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर देश-दुनिया के निवेशकों को आकर्षित करने के साथ समानांतर रूप से सरकार का ध्यान प्रदेश के निवेशकों के उत्साहवर्धन पर है. खुद मुख्यमंत्री लगातार गोरखपुर के स्थानीय उद्यमियों से यह आह्वान कर रहे हैं कि वह जीआईएस 2023 में भागीदारी करते हुए और अधिक निवेश को आगे आएं. स्थानीय उद्यमियों के अधिकाधिक निवेश से बाहर के उद्यमियों के बीच पहले से बना सकारात्मक माहौल और असरदायी होगा. मुख्यमंत्री की अपील की ठोस वजहें भी हैं.

2017 से उनके नेतृत्व में प्रदेश की कानून व्यवस्था मजबूत हुई है और निवेश मित्र पोर्टल के सिंगल विंडो पारदर्शी व्यवस्था से निवेशकों को पूर्व में हावी रही लाल फीताशाही से मुक्ति मिली है. इसी का नतीजा है कि पिछड़ेपन का दंश झेलने वाला गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) अब न सिर्फ स्थानीय बल्कि देशभर के उद्यमियों के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है. इधर हाल में प्रदेश सरकार के कई मंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री दुनिया के कई देशों में जाकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए औद्योगिक निवेश का माहौल बनाने का प्रयास किया है. इसके साथ कुछ सफलता भी मिलने की उम्मीद जगी है. मत्स्य से लेकर कृषि व्यापार क्षेत्र में जहां काम होगा, वहीं पूर्वांचल का यह क्षेत्र रेडीमेड गारमेंट का हब बनने की ओर अग्रसर होगा.

गोरखपुर में औद्योगिक माहौल
गोरखपुर में औद्योगिक माहौल

गीडा दिवस समारोह से 504 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को गति मिली तो 1200 करोड़ रुपये के भावी निवेश की परियोजनाओं के लिए 2.42 लाख वर्गमीटर से अधिक भूमि का आवंटन पत्र भी वितरित किया गया. इन परियोजनाओं में वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठित कम्पनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी, मेसर्स वरुण बेवरेजेस की तरफ से 1071 करोड़ रुपये तथा सेंट्रल वेयरहाउसिंग की तरफ से 40 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित हैं.

यह भी पढ़ें: G 20 समित में ताजनगरी आएंगे देशी विदेशी मेहमान, होटलों में नहीं फायर सेफ्टी के इंतजाम

गीडा में बहुउद्देश्यीय प्लास्टिक पार्क और रेडीमेड गारमेंट की फ्लैटेड फैक्ट्री का शिलान्यास कर सीएम योगी ने करीब 172 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया है. करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे प्लास्टिक पार्क में 92 और करीब 34 करोड़ रुपये की लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में 80 यूनिट्स लग सकेंगी. निवेश और इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को लेकर सीएम ने अफसरों को हिदायत भी दी है कि जिले स्तर पर प्रतिमाह और मंडल स्तर पर हर तीन माह में बैठक कर उद्यमियों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए. साथ ही उद्यमियों से अपने लगाव को दर्शाते हुए उनकी किसी भी समस्या को लेकर शासन में पत्र लिखने या फोन करने में संकोच न करने को कहा.

गोरखपुर: साल 2023 में प्रदेश में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआइएस) के मद्देनजर पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी सीएम योगी उद्योगों की स्थापना और उद्योगपतियों को आकर्षित करने का माहौल बना दिया है. इसकी शुरुआत उन्होंने गीडा के स्थापना दिवस 30 नवंबर से ही कर दी थी. इसके क्रम में यहां के उद्योगपतियों से तालमेल बैठाकर गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल योजनाओं को आगे बढ़ाने में लगे हैं. सीएम योगी ने भावी औद्योगिक विकास की जो रूपरेखा तैयार कर दी है, इसके अनुसार नए औद्योगिक क्षेत्र धुरियापार को डेवलप करने पर जोर दिया जा रहा. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत उद्योगों की स्थापना और सड़क मार्ग के साथ रेलवे से भी इसको जोड़ने का प्रयास हो रहा है, जिससे उद्यमियों में विकास की डोर और मजबूत होगी.

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर देश-दुनिया के निवेशकों को आकर्षित करने के साथ समानांतर रूप से सरकार का ध्यान प्रदेश के निवेशकों के उत्साहवर्धन पर है. खुद मुख्यमंत्री लगातार गोरखपुर के स्थानीय उद्यमियों से यह आह्वान कर रहे हैं कि वह जीआईएस 2023 में भागीदारी करते हुए और अधिक निवेश को आगे आएं. स्थानीय उद्यमियों के अधिकाधिक निवेश से बाहर के उद्यमियों के बीच पहले से बना सकारात्मक माहौल और असरदायी होगा. मुख्यमंत्री की अपील की ठोस वजहें भी हैं.

2017 से उनके नेतृत्व में प्रदेश की कानून व्यवस्था मजबूत हुई है और निवेश मित्र पोर्टल के सिंगल विंडो पारदर्शी व्यवस्था से निवेशकों को पूर्व में हावी रही लाल फीताशाही से मुक्ति मिली है. इसी का नतीजा है कि पिछड़ेपन का दंश झेलने वाला गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) अब न सिर्फ स्थानीय बल्कि देशभर के उद्यमियों के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है. इधर हाल में प्रदेश सरकार के कई मंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री दुनिया के कई देशों में जाकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए औद्योगिक निवेश का माहौल बनाने का प्रयास किया है. इसके साथ कुछ सफलता भी मिलने की उम्मीद जगी है. मत्स्य से लेकर कृषि व्यापार क्षेत्र में जहां काम होगा, वहीं पूर्वांचल का यह क्षेत्र रेडीमेड गारमेंट का हब बनने की ओर अग्रसर होगा.

गोरखपुर में औद्योगिक माहौल
गोरखपुर में औद्योगिक माहौल

गीडा दिवस समारोह से 504 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को गति मिली तो 1200 करोड़ रुपये के भावी निवेश की परियोजनाओं के लिए 2.42 लाख वर्गमीटर से अधिक भूमि का आवंटन पत्र भी वितरित किया गया. इन परियोजनाओं में वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठित कम्पनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी, मेसर्स वरुण बेवरेजेस की तरफ से 1071 करोड़ रुपये तथा सेंट्रल वेयरहाउसिंग की तरफ से 40 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित हैं.

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गीडा में बहुउद्देश्यीय प्लास्टिक पार्क और रेडीमेड गारमेंट की फ्लैटेड फैक्ट्री का शिलान्यास कर सीएम योगी ने करीब 172 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया है. करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे प्लास्टिक पार्क में 92 और करीब 34 करोड़ रुपये की लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में 80 यूनिट्स लग सकेंगी. निवेश और इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को लेकर सीएम ने अफसरों को हिदायत भी दी है कि जिले स्तर पर प्रतिमाह और मंडल स्तर पर हर तीन माह में बैठक कर उद्यमियों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए. साथ ही उद्यमियों से अपने लगाव को दर्शाते हुए उनकी किसी भी समस्या को लेकर शासन में पत्र लिखने या फोन करने में संकोच न करने को कहा.

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