गोरखपुर: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इसी बीच निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वह अपने समाज को उत्पीड़न से बाहर निकालने के लिए अपनी पार्टी का गठन किया है. उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त अधिकारों को हासिल करने और राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ही निषाद पार्टी का गठन हुआ है.
ETV भारत से खास बातचीत करते हुए डॉ. संजय ने कहा कि आजादी के बाद से लगातार उनके समाज के लोगों का उत्पीड़न हुआ है. आरक्षण का अधिकार आज तक उन्हें नहीं मिल पाया है. ऐसे में वह छोटे-छोटे झोले में बिखरे हुए अपने समाज के लोगों को एकत्रित कर एक बड़े समूह में तब्दील कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि उनके समाज ने उन्हें जो ताकत दी है उसके बल पर वह देश के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सीधे उनके हक की मांग कर रहे हैं. डॉ. निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी यह इतिहास बनाने में कामयाब हुई है कि जिसका उसने साथ दिया वह जीता जरूर है.
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यही नहीं डॉ. निषाद ने कहा कि यूपी चुनाव 2022 (UP Polls 2022) में बीजेपी निषाद पार्टी गठबंधन (BJP Nishad Party Alliance) एक मजबूत गठबंधन के रूप में काम कर रहा है. जो सीटें उनके खाते में आई हैं वहां भारत जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) उन्हें मजबूत समर्थन दे रही है. जहां उनका दल नहीं लड़ रहा उनका दल बीजेपी प्रत्याशी को ताकत दे रहा है. जिसके बल पर 2022 का चुनाव जीतने में यह गठबंधन सफल होगा और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर सत्ता में निषाद पार्टी की भी भागीदारी होगी. जिससे समाज की जरूरतों को सत्ता के भीतर भी महसूस कराया जा सके और समाज को उसका लाभ पहुंचाया जा सके. उन्होंने सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों की देश-प्रदेश में लंबे समय तक सरकारें रही हैं. यह दल निषादों का मत लेते रहे हैं लेकिन उनके लिए किया कुछ भी नहीं. मौजूदा समय में बीजेपी ने उन्हें आरक्षण, संविधान में प्रदत्त अन्य सुविधाएं देने का भरोसा दिलाया है, इसलिए वह भाजपा के साथ मजबूती से डटे हुए हैं.
यूपी चुनाव में निषाद पार्टी को बीजेपी ने गठबंधन के तहत 15 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अपना समर्थन दिया है. इसमें गोरखपुर चौरी चौरा विधानसभा सीट पर संजय निषाद अपने बेटे इंजीनियर श्रवण निषाद को प्रत्याशी के रूप में उतार चुके हैं. वह बेटे को जिताने के लिए पूरी ताकत भी झोंक रहे हैं.
परिवारवाद के सवाल पर संजय ने कहा कि समाज की अगुवाई, उसकी जरूरतों के लिए समाज ने ही श्रवण निषाद को अपना नेता माना है. जब वह विधानसभा में चुनकर पहुंचेंगे तो बाकी दलों के नेताओं के साथ वह भी अपनी बातों को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि श्रवण का जो लोग क्षेत्र में विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उनका पुतला जला रहे हैं उन्हें शायद यह नहीं पता कि जिनके भी पुतले फूंके गए हैं वह देश के बड़े नेता बने हैं. पार्कों में उन्हीं की मूर्तियां भी लगी हैं. विरोध और पुतला दहन से राजनीतिक व्यक्ति मजबूत होता है उसकी ताकत बढ़ती है.
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