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गोरखपुरः बारिश से गेहूं को फायदा, दलहन-तिलहन को नुकसान

जनवरी में हुई बारिश जहां कुछ फसलों के लिए वरदान साबित हुई तो वहीं कुछ फसलों के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित हुई है.

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Published : Jan 4, 2020, 2:56 PM IST

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बेमौसम बारिश से कुछ फसलों को फायदा तो कुछ को पहुंचा नुकसान.

गोरखपुर: पूर्वांचल में हुई बारिश कुछ फसलों के लिए फायदेमंद तो कुछ के लिए नुकसानदायक साबित हुई, जिन किसानों को फायदा पहुंचा उनके चेहरे खिल उठे हैं. मौसमी सब्जी की खेती करने वाले किसानों को नुकसान पहुंचने से उनके चेहरे मायूस हैं.

जानकारी देते मृदा वैज्ञानिक

बे-मौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की चिंता

जनपद में नए साल की तीसरी सुबह का आगाज बरसात के साथ हुआ. हालांकि बारिश तो कुछ देर ही रही, लेकिन ठंडी हवाओं ने एक बार फिर से लोगों को सर्दी का अहसास करवा दिया. बेमौसम बारिश रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई करने वाले किसानों को बिना खर्च सिंचाई होने से काफी फायदेमंद साबित हुई. दूसरी तरफ मौसमी सब्जी आलू-टमाटर आदि की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. तिलहन में सरसों, दलहन में अरहर आदि फसलों के बारिश से फूल गिरने से उसमें फलियां कम लगने से उत्पादन प्रभावित होगा.

इन फसलों के लिए बारिश लाभदायक

महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, गोरखपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि बेमौसम बारिश हो रही है, जो किसान गेहूं की बुवाई 20 से 25 दिन पहले कर दिए थे उनमें प्रथम सिंचाई ताज मूल अवस्था की आवश्यकता थी, जिसकी पूर्ति इस बारिश से हो गई है. इससे गेहूं की फसल को काफी फायदा होगा.

जिन फसलों में फलियां लग चुकी हैं, जैसे सरसो, मटर, टमाटर, बैगन, धनिया, सेम आदि में बारिश होने से काफी फायदा होगा. हल्की बारिश से चने और मसूर की फसल के लिए फायदा होगा. यदि अधिक बारिश होगी तो खेतों से पानी निकालने का प्रबंध करना चाहिए, जो किसान गन्ना लगा दिए हैं, उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबित होगी.

इन फसलों को पहुंचेगा नुकसान

जिन फसलों में फूल आ रहा है, जैसे दलहन, तिलहन, सब्जियों की फसल आदि के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित होगा. बेमौसम बारिश से हमारी अरहर, सरसों की फसल को नुकसान होगा. बारिश से फूल अधिक गिरते हैं. फलियां कम लगती हैं उत्पादन प्रभावित होता है. बारिश से रबी मक्का और प्याज की फसलों को फायदा होगा. बेमौसम बारिश एवं बदलते मौसम की वजह से आलू-टमाटर की फसल के लिए यह बारिश और मौसम दोनों नुकसानदायक है. ऐसी दशा में आलू एवं टमाटर की फसल में पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप अधिक होता है, जिसके कारण आलू की फसल नष्ट हो जाती है और उत्पादन अधिक प्रभावित होता है.
इसे भी पढ़ें:-जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी गिरफ्तार किया

बारिश के उपरांत मौसम साफ होने पर आलू की फसल में झुलसा से बचाव के लिए रिडोमिल की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. बदलते मौसम की वजह से फसलों में कीट और रोगों का प्रकोप अधिक होता है. इससे निजात पाने के लिए किसान भाइयों को विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से सलाह लेकर ही दवाओं का प्रयोग करना चाहिए.
-संदीप प्रकाश उपाध्याय, मृदा वैज्ञानिक

गोरखपुर: पूर्वांचल में हुई बारिश कुछ फसलों के लिए फायदेमंद तो कुछ के लिए नुकसानदायक साबित हुई, जिन किसानों को फायदा पहुंचा उनके चेहरे खिल उठे हैं. मौसमी सब्जी की खेती करने वाले किसानों को नुकसान पहुंचने से उनके चेहरे मायूस हैं.

जानकारी देते मृदा वैज्ञानिक

बे-मौसम बरसात ने बढ़ाई किसानों की चिंता

जनपद में नए साल की तीसरी सुबह का आगाज बरसात के साथ हुआ. हालांकि बारिश तो कुछ देर ही रही, लेकिन ठंडी हवाओं ने एक बार फिर से लोगों को सर्दी का अहसास करवा दिया. बेमौसम बारिश रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई करने वाले किसानों को बिना खर्च सिंचाई होने से काफी फायदेमंद साबित हुई. दूसरी तरफ मौसमी सब्जी आलू-टमाटर आदि की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. तिलहन में सरसों, दलहन में अरहर आदि फसलों के बारिश से फूल गिरने से उसमें फलियां कम लगने से उत्पादन प्रभावित होगा.

इन फसलों के लिए बारिश लाभदायक

महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, गोरखपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि बेमौसम बारिश हो रही है, जो किसान गेहूं की बुवाई 20 से 25 दिन पहले कर दिए थे उनमें प्रथम सिंचाई ताज मूल अवस्था की आवश्यकता थी, जिसकी पूर्ति इस बारिश से हो गई है. इससे गेहूं की फसल को काफी फायदा होगा.

जिन फसलों में फलियां लग चुकी हैं, जैसे सरसो, मटर, टमाटर, बैगन, धनिया, सेम आदि में बारिश होने से काफी फायदा होगा. हल्की बारिश से चने और मसूर की फसल के लिए फायदा होगा. यदि अधिक बारिश होगी तो खेतों से पानी निकालने का प्रबंध करना चाहिए, जो किसान गन्ना लगा दिए हैं, उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबित होगी.

इन फसलों को पहुंचेगा नुकसान

जिन फसलों में फूल आ रहा है, जैसे दलहन, तिलहन, सब्जियों की फसल आदि के लिए यह बारिश नुकसानदायक साबित होगा. बेमौसम बारिश से हमारी अरहर, सरसों की फसल को नुकसान होगा. बारिश से फूल अधिक गिरते हैं. फलियां कम लगती हैं उत्पादन प्रभावित होता है. बारिश से रबी मक्का और प्याज की फसलों को फायदा होगा. बेमौसम बारिश एवं बदलते मौसम की वजह से आलू-टमाटर की फसल के लिए यह बारिश और मौसम दोनों नुकसानदायक है. ऐसी दशा में आलू एवं टमाटर की फसल में पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप अधिक होता है, जिसके कारण आलू की फसल नष्ट हो जाती है और उत्पादन अधिक प्रभावित होता है.
इसे भी पढ़ें:-जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी गिरफ्तार किया

बारिश के उपरांत मौसम साफ होने पर आलू की फसल में झुलसा से बचाव के लिए रिडोमिल की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. बदलते मौसम की वजह से फसलों में कीट और रोगों का प्रकोप अधिक होता है. इससे निजात पाने के लिए किसान भाइयों को विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से सलाह लेकर ही दवाओं का प्रयोग करना चाहिए.
-संदीप प्रकाश उपाध्याय, मृदा वैज्ञानिक

Intro:गोरखपुर सहित पूर्वांचल में बेमौसम हुई बारिश से कुछ फसलों के लिए सोना तो कुछ फसलों के लिए नुकशानदायक साबित होगा. जिस किसानों को फायदा पहूंचा उनके चेहरे खिल उठे है. मौसमी सब्जी की खेती करने वाले किसानों को नुकसान पहूंचने से मायूस है.

पिपराइच गोरखपुर: जनपद में नए साल की तीसरी सुबह का आगाज बरसात के साथ हुआ. हालांकि बारिश तो कुछ देर ही रही, लेकिन ठंडी हवाओं ने एक बार फिर से लोगों को सर्दी का अहसास करवा दिया. बेमौसम बारिश से मौसम खुशनुमा रहा लेकिन ठिठुरन और भी बढ़़ गया. शाम होते ही तेज हवाओं के साथ बारिश तेज हुई तो पारा और भी लुड़का ठंड में बेतहाशा इजाफा हो गया. नए वर्ष की चौथी सुबह का आगाज खिलते धूप के साथ हुआ है. शनिवार की सुबह से आसमान साफ है . लेकिन बेमौसम बारिश से रबि की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई करने वाले किसानों को ताजमूल अवस्था में बिना खर्च सिचांई होने से काफी फायदेमंद साबित होने से उनके चेहरे खिल उठे है. दुसरी तरफ मौसमी सब्जी आलू टमाटर आदि की खेती करने वाले किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. तिहन में सरसो दलहन में अरहर आदि फसलों के बारिश से फूल गिरने से उसमें फलियां कम लगने से उत्पादन प्रभावित होगा. Body:
$बारिश इन फसलों के लिए पहूंचेगा फायदा$

महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर आर.पी. सिंह ने बताया कि बेमौसम बारिश हो रही है जिसकी वजह से मौसम काफी खुशनुमा बना हुआ है. कुछ किसानों के चेहरे खिले हुए हैं तो कुछ किसानों के चेहरे काफी मुरझाए हुए हैं. डॉ सिंह ने बताया कि जो किसान गेहूं की बुवाई 20 से 25 दिन पहले कर दिए थे उनमें प्रथम सिंचाई ताज मूल अवस्था की आवश्यकता थी जिसकी पूर्ति इस बारिश से हो गई है. इससे गेहूं की फसल को काफी फायदा होगा. जिन फसलों में फलियां लग चुकी हैं जैसे सरसों, मटर, टमाटर, बैंगन, धनिया, सेम, आदि में बारिश होने से काफी फायदा होगा. हल्की बारिश से चने व मसूर की फसल के लिए फायदा होगा, यदि अधिक बारिश होगी तो खेतों से पानी निकालने का प्रबंध करना चाहिए. जो किसान गन्ना लगा दिए हैं उनके लिए यह बारिश काफी फायदेमंद साबिर होगा है.Conclusion:

$इन फसलों को पहूंचेगा नुकसान प्रभावित होंगे उत्पाद$
महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर के वैज्ञानिक डा संदीप प्रकाश उपाध्याय ने बताया जिन फसलों में फूल आ रहा है जैसे दलहन,तिलहन,सब्जियों की फसल आदि के लिए बेमौसम बारिशों काफी नुकसानदायक साबित होगा. बेमौसम बारिश से हमारी अरहर, सरसों की फसल को नुकसान होगा. बारिस से फूल अधिक गिरते हैं फलियां कम लगती हैं उत्पादन प्रभावित होता है. वहीं बारिश से रबी मक्का और प्याज की फसलों को फायदा होगा. बेमौसम बारिश एवं बदलते मौसम की वजह से आलू, टमाटर की फसल के लिए यह बारिश और मौसम दोनो नुकसानदायक है ऐसी दशा में आलू एवं टमाटर की फसल में पिछेती झुलसा रोग का प्रकोप अधिक होता है जिसके कारण आलू की फसल नष्ट हो जाती है और उत्पादन अधिक प्रभावित होता है.

$इन फसलों में बढ़ेगा बिमारियों का प्रकोप$
बारिश के उपरांत मौसम साफ होने पर आलू की फसल में झुलसा से बचाव के लिए रिडोमिल की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. बदलते मौसम की वजह से फसलों में कीट और रोगों का प्रकोप अधिक होता है इससे निजात पाने के लिए किसान भाइयों को विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से सलाह लेकर ही दवाओं का प्रयोग करना चाहिए.

बाइट- संदीप प्रकाश उपाध्याय (मृदा वैज्ञानिक)

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