गोरखपुरः जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियां अंतिम पड़ाव पर है. वहीं प्राइवेट नर्सिग होम संचालकों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की सूचना न देने से विभाग को ब्यौरा तैयार करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने विवरण उपलब्ध न कराने वाले 2 निजी अस्पतालों को बंद कराया है.
बार-बार सूचना देने के बाद भी नहीं भेजी सूचना
मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय द्वारा विगत 1 माह से कोविड टीकाकरण हेतु निजी चिकित्सकों/डाइग्नोस्टिक सेंटरों और नर्सिंग होम से स्वास्थ्य कर्मियों का ब्यौरा मांगा जा रहा है. जनपद में 667 ऐसे पंजीकृत केंद्र हैं, जिन्हें यह ब्यौरा भेजना था। लेकिन सीएमओ कार्यालय द्वारा बार-बार सूचना देने के बावजूद अबतक 591 केंद्रों से ही विवरण प्राप्त हो पाया है.
पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को लगा टीका
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि जनपद में संचालित सभी विधा (आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी आदि) की स्वास्थ्य इकाइयों द्वारा अपने यहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों का ब्यौरा निर्धारित एक्सेल शीट पर मेल करना था. शासन की मंशा है कि प्रथम चरण में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिरक्षित किया जाए. केंद्र एवं राज्य स्तर पर नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जा रही है.
सरकारी अस्पतालों का विवरण शत-प्रतिशत प्राप्त
गोरखपुर में सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों का शत प्रतिशत विवरण प्राप्त हो चुका है. निजी केंद्रों में 86% केंद्रों ने विवरण उपलब्ध कराया है. इसके पूर्व सभी निजी अस्पतालों को 24 घंटे के अंदर विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. विवरण उपलब्ध न कराने वाले केन्द्रों का पंजीकरण तत्काल प्रभाव से निलंबित मानते हुए कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी गयी थी.
इन अस्पतालों को कराया बंद
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसएन त्रिपाठी द्वारा मंगलवार को मां तरकुलहा हॉस्पिटल, जगजननी हॉस्पिटल एवं भोपा बाजार में डॉ. सुनीत मिश्रा द्वारा संचालित पॉली क्लीनिक को बंद कराया गया. वही संचालक द्वारा स्पष्टीकरण के साथ ही जल्द से जल्द कर्मचारियों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.