गोरखपुर: पूर्वांचल को विकास के विभिन्न आयामों में मजबूती के साथ खड़ा करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 10 दिसंबर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार और सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. सीएम योगी इस सेमिनार का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि करेंगे. इसमें प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह, परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, पर्यटन मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, कौशल विकास राज्य मंत्री अशोक अग्रवाल समेत शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े देश और दुनिया के वैज्ञानिक और विचारक अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. सीएम योगी के आर्थिक सलाहकार केवी राजू इस सम्मेलन के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाते हुए इसके कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप गोरखपुर पहुंच कर दिए हैं.
पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा के लिए खुद मंत्री, सचिव रहेंगे मौजूद
दो दिवसीय सेमिनार में कुल 9 सत्र होंगे. यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में आयोजित किया जाएगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह ने कहा है कि पहले सत्र में पूर्वांचल में सेवा क्षेत्र के महत्व पर चर्चा होगी, जिसकी अध्यक्षता करने के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा मौजूद रहेंगे. तीसरे, चौथे और पांचवें सत्र की अध्यक्षता पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी करेंगे. छठवें सत्र की अध्यक्षता व्यवसायिक शिक्षा राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल करेंगे. सातवें सत्र की अध्यक्षता नियोजन और शहरी विकास राज्य मंत्री गिरीश चंद यादव करेंगे. आठवें सत्र की अध्यक्षता परिवहन मंत्री अशोक कटारिया करेंगे. वहीं 9वें सत्र की अध्यक्षता के साथ समापन प्रदेश के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में होगा.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन समेत कई नामी लोग होंगे प्रमुख वक्ता
राष्ट्रीय वेबीनार के इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीबी सिंह, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू, अपर मुख्य सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका प्रसाद, प्रमुख सचिव सिंचाई वेंकटेश, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉ मंगला प्रसाद राय शामिल होंगे. जिनके विचारों से पूर्वांचल के विकास की दशा और दिशा तय होगी. यही वजह है कि सीएम योगी की पहल पर इसका कार्यालय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परिसर में खोला गया है. इससे यहां की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सरलता है.