गोरखपुर: सीएम सिटी के रूप में पहचान रखने वाले गोरखपुर शहर को कई तरह से स्मार्ट और सेफ सिटी बनाने के साथ लोगों को बेहतर सुविधा देने वाला बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए परिवहन विभाग (RTO) ने एक प्लान तैयार किया है.
यूनिक आईडी नंबर वाले आटो ही करेंगे शहर में प्रवेश : प्लान के तहत सीएनजी बेस्ड ऑटो को एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाएगा. साथ ही निर्धारित रूट पर ही इन्हें चलने की इजाजत होगी. जिससे न तो शहर में जाम की स्थिति पैदा होगी और न ही ऑटो वालों की मनमानी चलेगी.
लापरवाही पर होगी सख्ती : जैसे ही लापरवाही बरती जाएगी ऑटो के नंबर के साथ परिवहन विभाग में दर्ज यूनिक आईडी पर मैसेज आ जाएगा और इनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. निर्धारित रूट के ऑटो दूसरे रूट पर जाएंगे तो भी कार्रवाई होगी. अगर किसी यात्री का सामान या कुछ भी ऑटो में छूट जाता है और यात्री को अगर यूनिक आईडी नंबर याद रहेगा तो उसकी रिकवरी भी आसान होगी.
अगर याद रखेंगे यूनिकोड तो बचेंगे परेशानी से : एआरटीओ प्रवर्तन संजय झा ने बताया कि ऑटो पर चार डिजिट का यूनिकोड लिखा होगा. इसे याद रखा तो किसी भी परेशानी से बचा जा सकेगा. यूनिक कोड वाले ऑटो का पूरा ब्यौरा पुलिस के साथ परिवहन कार्यालय के पास भी मौजूद होगा. इसके अलावा किसी भी ऑटो में गंदे गाने भी नहीं बच सकेंगे या फिर कोई अन्य हरकत होती है तो इसकी भी शिकायत की जा सकेगी.
ऐसे मिलेगा यूनिकोड : उन्होंने बताया कि शहर में चल रहे सभी ऑटो, ई रिक्शा चालक, ड्राइविंग लाइसेंस और चरित्र प्रमाण पत्र के साथ परिवहन विभाग कार्यालय में संपर्क कर, यूनिक आईडी प्राप्त कर सकते हैं. उन्हें अपने ऑटो पर इस नंबर को आगे और पीछे दो दिशाओं में लिखना होगा. साथ ही शहर के जिस लेन से वह यात्रा करते हैं उसी पर उनको चलना होगा.
ऑटो और ई रिक्शा का डेटाबेस न होने से थी समस्या : एआरटीओ प्रवर्तन संजय झा के मुताबिक शहर में ऑटो और ई रिक्शा चालकों का कोई डेटाबेस नहीं होने की वजह से घटना होने की स्थिति में जांच करने में समस्या सामने आती है. इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि शहर की 16 किलोमीटर की परिधि में चलने वाले ऑटो और ई रिक्शा चालकों का सत्यापन करने के साथ उन्हें यूनिक आईडी जारी की जाएगी. जिससे उनके वाहनों की पहचान हो सके. यूनिक आईडी के लिए ऑटो चालकों का सत्यापन चल रहा है और कुछ के लिए यूनिक नंबर भी जारी कर दिए गए हैं. इसकी समीक्षा भी परिवहन विभाग समय-समय पर करता रहेगा. मालिक या चालक ऑटो का सत्यापन नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.