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बाढ़ बचाव में मददगार बनेंगे चौकियों पर लगने वाले दस फीट के "लाल झंडे", प्रशासन का निर्णय

गोरखपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बनी बाढ़ चौकियों पर दस फीट का लाल रंग का झंड़ा लगाया जाएगा. इस लाल झंडे पर कंट्रोल रूम, राजस्व, सिंचाई एवं चिकित्सा विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी दर्ज होंगे. वहीं, प्रशासन ने जल संचय के लिए बड़े वाटर रिजर्वायर बनाने, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का निर्णय भी लिया है.

बाढ़ चौकियों पर दस फीट का लाल रंग का झंड़ा लगाया जाएगा.
बाढ़ चौकियों पर दस फीट का लाल रंग का झंड़ा लगाया जाएगा.
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Published : May 10, 2023, 6:27 PM IST

गोरखपुर: जिले में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने इस बार बड़ा और अनोखा निर्णय लिया है. प्रत्येक बाढ़ चौकियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के साथ सभी चौकियों पर लाल रंग से बाढ़ चौकी का नाम प्रदर्शित होगा. वहीं, दस फीट का लाल रंग का झंडा स्थापित किया जाएगा. यही नहीं बाढ़ कंट्रोल रूम, राजस्व, सिंचाई एवं चिकित्सा विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी यहां पर दर्ज किए जाएंगे. एनेक्सी भवन में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में बाढ़ सुरक्षा से जुड़े सभी प्रमुख विभागों, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पुलिस, राजस्व और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के प्रमुखों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया.

बाढ़ चौकियों पर दस फीट का लाल रंग का झंड़ा लगाया जाएगा.

यही नहीं जल फैलाव क्षेत्र विशेषकर आमी नदी से आच्छादित क्षेत्रों में जल संचय के लिए बड़े वाटर रिजर्वायर बनाने, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का निर्णय हुआ. इस कार्य से जल सतह मजबूत होगा और रोजगार के नए अवसर और बाढ़ से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ राप्ती और रोहिन नदी से आच्छादित क्षेत्रों में मगरमच्छ और घड़ियाल देखे जाने की सूचना मिलती रहती है. जिसके लिए इन क्षेत्रों में बोर्ड, संकेतक स्थापित किए जायेंगे, जिससे कि कोई दुर्घटना घटित न होने पाए.

बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक
बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक

वर्ष 2021 और 2022 में बाढ़ आई थी और वहां पर तटबंध के उच्चीकरण के लिए निर्देशित किया गया था. जिसमें विशेषकर बांसगांव और चौरीचौरा क्षेत्र के अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड ने बताया कि तटबंध का उच्चीकरण कर दिया गया है. जिससे संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है. इसके अलावा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जो भी सड़क बनाई जा रही हैं. वह हाई फ्लड लेवल के आधार पर तैयार करने का निर्देश संबंधित विभाग को एडीएम ने दिया है.

बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक
बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक

एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश सिंह ने कहा है कि बाढ़ चौकियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी. ग्राम पंचायत भवन और अन्य स्थल पर स्थापित सोलर लाइट के साथ चार्जिंग प्वाइंट विकसित किए जायेंगे, जिससे कि बाढ़ के दौरान जन समुदाय से कम्युनिकेशन बना रहे और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके. पशुपालन विभाग (भूसा वितरण) पशु चारा वितरण में लापरवाही ना बरतें. शासन के निर्देशानुसार पर्याप्त पशु चारा की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो सका, इसका प्लान तैयार किया गया है. विद्युत विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित विद्युत पोल का पुनः सर्वेक्षण कराए.

बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक
बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक

यह सुनिश्चित कराएं की कोई पोल बाढ़ में क्षतिग्रस्त ना हो. पोल के आसपास वेटीवर ग्रास लगाएं, जिससे कि भूमि कटान की संभावना शून्य हो सके. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर वृद्ध और गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों की सूची तैयार कराई जाए. उन्हें किस प्रकार की दवाएं उपलब्ध करानी है, वह पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जायेगी. समस्त तहसील नाविकों और गोताखोरों का चयन प्रत्येक दशा में 20 मई तक पूर्ण कर लें इसका भी निर्देश दिया गया है. तहसील में नाविको और गोताखोरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें एनडीआरएफ/एसडीआरएफ करेगा सहयोग.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर को बाढ़ से बचाने के लिए किया जा रहे ये काम, ऐसे सुरक्षित होगा शहर

गोरखपुर: जिले में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने इस बार बड़ा और अनोखा निर्णय लिया है. प्रत्येक बाढ़ चौकियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के साथ सभी चौकियों पर लाल रंग से बाढ़ चौकी का नाम प्रदर्शित होगा. वहीं, दस फीट का लाल रंग का झंडा स्थापित किया जाएगा. यही नहीं बाढ़ कंट्रोल रूम, राजस्व, सिंचाई एवं चिकित्सा विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी यहां पर दर्ज किए जाएंगे. एनेक्सी भवन में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में बाढ़ सुरक्षा से जुड़े सभी प्रमुख विभागों, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पुलिस, राजस्व और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के प्रमुखों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया.

बाढ़ चौकियों पर दस फीट का लाल रंग का झंड़ा लगाया जाएगा.

यही नहीं जल फैलाव क्षेत्र विशेषकर आमी नदी से आच्छादित क्षेत्रों में जल संचय के लिए बड़े वाटर रिजर्वायर बनाने, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का निर्णय हुआ. इस कार्य से जल सतह मजबूत होगा और रोजगार के नए अवसर और बाढ़ से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ राप्ती और रोहिन नदी से आच्छादित क्षेत्रों में मगरमच्छ और घड़ियाल देखे जाने की सूचना मिलती रहती है. जिसके लिए इन क्षेत्रों में बोर्ड, संकेतक स्थापित किए जायेंगे, जिससे कि कोई दुर्घटना घटित न होने पाए.

बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक
बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक

वर्ष 2021 और 2022 में बाढ़ आई थी और वहां पर तटबंध के उच्चीकरण के लिए निर्देशित किया गया था. जिसमें विशेषकर बांसगांव और चौरीचौरा क्षेत्र के अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड ने बताया कि तटबंध का उच्चीकरण कर दिया गया है. जिससे संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है. इसके अलावा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जो भी सड़क बनाई जा रही हैं. वह हाई फ्लड लेवल के आधार पर तैयार करने का निर्देश संबंधित विभाग को एडीएम ने दिया है.

बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक
बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक

एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश सिंह ने कहा है कि बाढ़ चौकियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी. ग्राम पंचायत भवन और अन्य स्थल पर स्थापित सोलर लाइट के साथ चार्जिंग प्वाइंट विकसित किए जायेंगे, जिससे कि बाढ़ के दौरान जन समुदाय से कम्युनिकेशन बना रहे और मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके. पशुपालन विभाग (भूसा वितरण) पशु चारा वितरण में लापरवाही ना बरतें. शासन के निर्देशानुसार पर्याप्त पशु चारा की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो सका, इसका प्लान तैयार किया गया है. विद्युत विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित विद्युत पोल का पुनः सर्वेक्षण कराए.

बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक
बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए बैठक

यह सुनिश्चित कराएं की कोई पोल बाढ़ में क्षतिग्रस्त ना हो. पोल के आसपास वेटीवर ग्रास लगाएं, जिससे कि भूमि कटान की संभावना शून्य हो सके. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर वृद्ध और गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों की सूची तैयार कराई जाए. उन्हें किस प्रकार की दवाएं उपलब्ध करानी है, वह पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जायेगी. समस्त तहसील नाविकों और गोताखोरों का चयन प्रत्येक दशा में 20 मई तक पूर्ण कर लें इसका भी निर्देश दिया गया है. तहसील में नाविको और गोताखोरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें एनडीआरएफ/एसडीआरएफ करेगा सहयोग.

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