गोरखपुर: जिले में मंगलवार को शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश पर रहकर जनपद मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली, परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद को समाप्त करने और विगत 3 वर्षों से बेसिक शिक्षक की पदोन्नति न किए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
शिक्षकों ने लगाए सरकार विरोधी नारे
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ गोरखपुर के आह्वान पर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के संयोजक व उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ. दिग्विजयनाथ पांडे के नेतृत्व में 16 सूत्री विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारे लगाए.
शिक्षकों की सरकार से मांगे
शिक्षकों की यह मांग है कि उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से पूर्व लागू पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम 5 सहायक अध्यापक और एक प्रधानाध्यापक की संख्या के आधार पर शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति की जाए. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं तथा फर्नीचर विद्युत पंखे चारदीवारी शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रत्येक विद्यालय में लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति की जाए. एक ही परिषद में स्थित एक से अधिक प्राथमिक या उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संविलियन पर रोक लगाई जाए. प्रदेश के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति एसीपी और कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जाए.
पिछले कई महीनों से संघ के नेतृत्व में शिक्षक विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही. आज शिक्षक मजबूर होकर सामूहिक अवकाश पर जाने को बाध्य हैं .आज हम सभी विभिन्न शिक्षक संगठन एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती तो हम आगे और भी उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे.
-डॉ. दिग्विजयनाथ पांडे, जिला अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ
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