गोरखपुरः सीएम का शहर गोरखपुर न तो छुट्टा पशुओं से मुक्त हो पा रहा है और न ही इनसे होने वाली समस्याओं से. लंपी वायरस से ग्रसित पशु अब भी शहर के विभिन्न सड़कों और मोहल्लों में घूमते दिखाई देते हैं. यह पशु छुट्टा श्रेणी में भले ही आते हों. लेकिन, इनकी यह बीमारी लोगों के लिए खतरा बढ़ा रहा है. ईटीवी भारत ने ऐसे पशुओं को कैमरे में कैद किया, जो लंपी वायरस जैसे लक्षणों से पूरी तरह ग्रसित हैं. इनमें संक्रमण की स्थिति को देखने से ऐसा लगा रहा है कि पशुपालन विभाग और उनकी निगरानी टीम इस वायरस और उसके वैक्सीनेशन को लेकर गंभीर नहीं है.
अपर निदेशक पशुपालन गिरेंद्र कुमार सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि इस रोग से ग्रसित पशुओं के बारे में उन्हें विभागीय स्तर से जानकारी मिल रही है. उन्होंने कहा कि समस्या की जानकारी होते ही इससे शासन को अवगत कराया गया है. जिले में करीब 10 हजार वैक्सीन को मंगा लिया गया है. फील्ड स्टाफ को भी इसको लेकर सतर्क कर दिया गया है. शहर क्षेत्र से सटे हुए सभी मोहल्लों में ऐसे पशुओं को देखने और चपेट में आने वालों को वैक्सीनेशन कराने का निर्देश दिया गया है. गिरेंद्र कुमार ने कहा कि नवंबर 2022 में डेढ़ लाख पशुओं को वैक्सीनेशन कराया गया था. इसके बाद इस तरह के संक्रमण में कमी और फैलाव नहीं होने की उम्मीद थी. लेकिन, फिर भी ऐसा दिखाई दिया है तो अब उसकी रोकथाम का उपाय किया जाएगा.
लंपी वायरस के बारे में बताता हुए अपर निदेशक पशुपालन ने बताया कि इस बीमारी में पशुओं में बड़े-बड़े चकत्ते और गांठ जैसी स्थितियां दिखाई देने लगती हैं. जो धीरे-धीरे पकने लगते हैं और फिर उसमें कीड़े पनप सकते हैं. इससे यह वायरस और फैलने का खतरा रहता है. लोग इसकी चपेट में आकर बीमार हो सकते हैं. जिन भी पशुओं में इस तरह की समस्या दिखाई दे रही है, वह उन्हें अपने घर पर बांधे और इसकी सूचना नजदीकी पशु अस्पताल और चिकित्सक को दें. ताकि ऐसे पशुओं को वैक्सीनेट किया जा सके और वायरस को फैलने से बचाया जा सके.
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